अर्थ जगत की 5 बड़ी खबरें: कच्चे तेल में नरमी के बावजूद बढ़े डीजल के दाम और जानें क्या रहा शेयर बाजार का हाल

कोरोना महामारी के गहराते प्रकोप के चलते कच्चे तेल में मंगलवार को फिर दो दिनों की तेजी पर ब्रेक लग गया। लेकिन तेल कंपनियों ने सात दिनों के विराम के बाद मंगलवार को फिर डीजल के दाम में बढ़ोतरी कर दी। घरेलू शेयर बाजार में मंगलवार को पांचवें सत्र में तेजी का सिलसिला जारी रहा।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

कच्चे तेल में नरमी के बावजूद बढ़े डीजल के दाम

कोरोना महामारी के गहराते प्रकोप के चलते कच्चे तेल में मंगलवार को फिर दो दिनों की तेजी पर ब्रेक लग गया। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में एक फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। कच्चे तेल का भाव बीते दो सप्ताह से सीमित दायरे में है, लेकिन देश में डीजल की महंगाई से राहत मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं। तेल कंपनियों ने सात दिनों के विराम के बाद मंगलवार को फिर डीजल के दाम में बढ़ोतरी कर दी। दिल्ली और कोलकाता में डीजल के दाम में 25 पैसे जबकि मुंबई में 22 पैसे और चेन्नई में 19 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है। हालांकि डीजल कीमतों में लगातार आठवें दिन स्थिरता बनी रही।

इस महीने में पहली बार डीजल के दाम में बढ़ोतरी हुई है जिसके बाद दिल्ली में अनलॉक के दौरान डीजल 11.39 रुपये लीटर महंगा हो गया है। इससे पहले जून में दिल्ली में डीजल के दाम में 11.14 रुपये प्रति लीटर जबकि पेट्रोल की कीमत में 9.17 प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पेट्रोल के मुकाबले डीजल 35 पैसे प्रति लीटर उंचे भाव पर मिल रहा है।

अल्ट्राटेक की सहयोगी इकाई चीनी सीमेंट कंपनी में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचेगी

अल्ट्राटेक नाथद्वारा सीमेंट की एक सहयोगी इकाई कृष्णा होल्डिंग्स चीन की शानदोंग बिनानी रोंगान सीमेंट में अपनी पूरी 92.5 प्रतिशत हिस्सेदारी लगभग 12.90 करोड़ डॉलर में बेचेगी।अल्ट्राटेक नाथद्वारा सीमेंट अल्ट्राटेक सीमेंट की एक सहयोगी इकाई है। अल्ट्राटेक ने मंगलवार को एक नियामकीय फाइलिंग में कहा, "सिंगापुर में निगमीकृत और कंपनी के पूर्ण स्वामित्व वाली सहयोगी इकाई अल्ट्राटेक नाथद्वारा की एक सहयोगी इकाई, कृष्णा होल्डिंग्स ने सूचित किया है कि उसने शानदोंग बिनानी रोंगान सीमेंट में पूरी 92.5 प्रतिशत अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए एक बाध्यकारी समझौता किया है।"

फाइलिंग में कहा गया है, "कृष्णा होल्डिंग्स अपनी पूरी हिस्सेदारी आरएमबी 845 मिलियम प्लस इंटरप्राइज मूल्य पर बेचेगी, जो 12 करोड़ डॉलर के बराबर होगा, और यह कस्टमरी क्लोजिंग कडिशन और स्थानीय कानून के अनुरूप नियामकीय मंजूरी के अधीन होगा।"


सेंसेक्स 187 अंक चढ़ा, निफ्टी 10800 पर बंद

घरेलू शेयर बाजार में मंगलवार को पांचवें सत्र में तेजी का सिलसिला जारी रहा। सेंसेक्स पिछले सत्र से 187.24 अंकों यानी 0.51 फीसदी की बढ़त के साथ 36674.52 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी पिछले सत्र से 36 अंकों यानी 0.33 फीसदी की बढ़त बनाकर 10799.65 बंद हुआ। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सत्र के मुकाबले 173.07 अंकों की तेजी के साथ 36,660.35 पर खुला और 36,723.27 तक उछला जबकि दिनभर के कारोबार के दौरान सेंसेक्स का निचला स्तर 36,271.09 पर बंद हुआ।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी भी 39.20 अंकों की बढ़त के साथ 10802.85 पर खुला और 10813.80 तक उछला जबकि निचला स्तर 10,689.70 रहा।

बीएसई मिडकैप सूचकांक पिछले सत्र से 78.33 अंकों यानी 0.58 फीसदी की तेजी के साथ 13,535.97 पर बंद हुआ जबकि स्मॉलकैप सूचकांक पिछले सत्र से 73.18 अंकों यानी 0.57 फीसदी की तेजी के साथ 12,839.77 पर बंद हुआ।

ओला के ग्राहक अब कर सकेंगे फोनपे से भुगतान, दोनों कंपनियों ने की साझेदारी

मोबाइल ऐप के जरिए वाहन बुकिंग की सुविधा प्रदान करने वाली कंपनी ओला ने सोमवार को अपने ग्राहकों के लिए डिजिटल भुगतान अनुभव को बढ़ाने के लिए फोनपे के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की।

ओला यूजर्स अब फोनपे के माध्यम से भुगतान कर सकते हैं, जिससे उनका ओला ऐप का अनुभव और भी बढ़ जाएगा। फिलहाल फीचर को एंड्रॉएड पर शुरू कर दिया गया है और जल्द ही यह आईओएस पर भी उपलब्ध हो जाएगा।

ओला के प्रवक्ता आनंद सुब्रमण्यन ने एक बयान में कहा, "फोनपे ने देशभर में डिजिटल भुगतान अपनाने का अभियान जारी रखा है। हम उनके साथ इस बदलाव को बढ़ावा देने के लिए उत्साहित हैं, जो हमें डिजिटल इंडिया बनने के करीब ले जाने में सक्षम बनाएगा।" यह साझेदारी फोनपे को ओला प्लेटफॉर्म पर लाखों ग्राहकों को अपनी सेवाएं देने में सक्षम बनाएगी।


खाद्य तेल आयात 8 महीने के ऊंचे स्तर पर, जून में 8 फीसदी इजाफा

भारत ने बीते आठ महीने के दौरान जून में सबसे ज्यादा खाने के तेल का आयात किया है, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले आठ फीसदी अधिक है। हालांकि इन आठ महीनों में खाद्य तेल का अयात 15 पिछले साल के मुकाबले 15 फीसदी कम हुआ है। खाद्य तेल उद्योग संगठन सॉल्वेंट एक्स्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, बीते महीने जून के दौरान भारत ने 11,62,324 टन खाद्य तेल का आयात किया है जो चालू तेल-तिलहन सीजन 2019-20 (नवंबर-अक्टूबर)के शुरुआती आठ महीनों में सबसे अधिक है। वहीं, पिछले साल जून में भारत ने 10,71,279 टन खाने के तेल का आयात किया था, जिससे इस साल जून में करीब आठ फीसदी ज्यादा आयात हुआ है।

चालू सीजन में नवंबर, 2019 से लेकर जून, 2020 तक खाने के तेल का कुल आयात 80,51,986 टन हुआ है जोकि पिछले साल की इसी अवधि के 94,55,895 टन से 15 फीसदी कम है। खाद्य तेल उद्योग के अनुसार, आरबीडी पामोलीन का आयात 79 फीसदी घट गया है।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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