अर्थ जगत की 5 बड़ी खबरें: 'विदेशी उद्यम चीन को नहीं छोड़ेंगे' और 2022 से पहले अर्थव्यवस्था के बहाल होने की संभावना नहीं

चीनी वाणिज्य मंत्री चोंग शान ने कहा कि बुद्धिमान विदेशी उद्यम चीनी बाजार को नहीं छोड़ेंगे। स्पेन की एल मुनदो वेबसाइट ने हाल में लेख जारी कर कहा कि विश्व के प्रमुख बहुराष्ट्रीय निगमों का मानना है कि विश्व अर्थव्यवस्था को 2022 से पहले महामारी के पहले के स्तर तक बहाल नहीं किया जा सकता है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

समझदार विदेशी उद्यम चीन को नहीं छोड़ेंगे


हालांकि कुछ अमेरिकी राजनीतिज्ञों ने बार-बार अमेरिकी उद्यमों से चीन को छोड़ने के लिए उत्तेजित किया, फिर भी यूएस-चाइना बिजनेस काउंसिल ने हाल में एक रिपोर्ट जारी कर कहा कि 83 प्रतिशत अमेरिकी उद्यम चीन को विश्व रणनीति में सबसे अहम और पहले पाँच बाजारों में से एक मानते हैं और 75 प्रतिशत अमेरिकी उद्यमों ने कहा कि आगामी एक वर्ष में उनका चीनी व्यवसाय नहीं बदलेगा। जैसे कि चीनी वाणिज्य मंत्री चोंग शान ने हाल में सीसीटीवी के साथ साक्षात्कार में कहा कि बुद्धिमान विदेशी उद्यम चीनी बाजार को नहीं छोड़ेंगे। आंकड़े बताते हैं कि चीनी अर्थतंत्र का लचीलापन चीनी बाजार का आकर्षण है। जुलाई माह में चीन ने कुल 63.47 अरब चीनी युआन की विदेशी पूंजी का इस्तेमाल किया, जिसकी वृद्धि दर 15.8 प्रतिशत है। इस साल के पहले सात महीनों में चीन ने कुल 5 खरब 35 अरब 65 करोड़ चीनी युआन का प्रयोग किया। विदेशी उद्यमों ने कुल चीन में 18,838 नये उद्यमों की स्थापना की।

2022 से पहले विश्व अर्थव्यवस्था के बहाल होने की संभावना नहीं


स्पेन की एल मुनदो वेबसाइट ने हाल में लेख जारी कर कहा कि विश्व के प्रमुख बहुराष्ट्रीय निगमों का मानना है कि विश्व अर्थव्यवस्था को 2022 से पहले महामारी के पहले के स्तर तक बहाल नहीं किया जा सकता है। यह अमेरिका ओवी परामर्श कंपनी की एक जांच में सामने आया है। जांच से जाहिर है कि अमेरिकी फॉर्च्यून पत्रिका के विश्व 500 शक्तिशाली बहुराष्ट्रीय निगमों के सीईओ में 75 प्रतिशत लोग मानते हैं कि 2022 से पहले विश्व अर्थव्यवस्था को महामारी के पहले के स्तर तक बहाल नहीं किया जा सकेगा।

इसके साथ ही विश्व के पहले 50 बहुराष्ट्रीय निगमों में से 90 प्रतिशत निगमों ने महामारी के दौरान खर्च को कम करने की योजना बनायी है। यह निगमों के अस्तित्व को सुनिश्चित करने का प्राथमिक मिशन है।

विश्व बैंक द्वारा जून माह में जारी विश्व आर्थिक आउटलुक की रिपोर्ट में कहा गया कि कोविड-19 के झटके से अनुमान है कि 2020 में विश्व अर्थव्यवस्था में 5.2 प्रतिशत की कटौती होगी। यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे गंभीर आर्थिक मंदी है।


करीब डेढ़ महीने बाद बढ़े पेट्रोल के दाम, डीजल में स्थिरता जारी


पेट्रोल के दाम में रविवार को करीब डेढ़ महीने बाद मामूली वृद्धि दर्ज की गई, जबकि डीजल की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ। तेल विपणन कपंनियों ने दिल्ली में पेट्रोल के दाम में 14 पैसे जबकि कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में 12 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में रविवार को पेट्रोल का दाम बढ़कर क्रमश: 80.57 रुपये, 82.17 रुपये, 87.31 रुपये और 83.75 रुपये प्रति लीटर हो गया। वहीं, चारों महानगरों में डीजल की कीमत क्रमश: 73.56 रुपये, 77.06 रुपये, 80.11 रुपये और 78.86 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर बनी हुई है। पेट्रोल के दाम में इससे पहले 29 जून को महज 5 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई थी।

इंडियन ऑयल की वेबसाइट पर 16 अगस्त को अपडेट किए गए पेट्रोल के बिल्डअप प्राइस के अनुसार, पेट्रोल का बेस प्राइस 24.95 रुपये प्रति लीटर है, जिस पर 36 पैसे प्रति लीटर की दर से भाड़ा चुकाने के बाद 25.31 रुपये प्रति लीटर में यह पेट्रोल पंप डीलर को उपलब्ध होता है।

बेहतरी की चाह में 57 पायलटों ने इस्तीफा दिया था : एयर इंडिया


एयर इंडिया ने अब स्वीकार किया है कि बेहतर विकल्पों की चाह में 57 पायलटों ने वित्तीय मजबूरी का हवाला देते हुए एयरलाइन की सेवाओं से इस्तीफा दे दिया था। आईएएनएस ने यह रिपोर्ट सबसे पहले दी थी कि 50 पायलटों को अवैध रूप से बर्खास्त कर दिया गया है। एयर इंडिया ने पायलटों के इस्तीफे की स्वीकृति के मुद्दे पर स्पष्टीकरण जारी किया।

एयर इंडिया ने एक बयान में कहा है, "इस मामले का तथ्य यह है कि इन पायलटों (संख्या में 57) ने बेहतर विकल्प की चाह में वित्तीय मजबूरी का हवाला देते हुए एयर इंडिया की सेवाओं से इस्तीफा दे दिया था।"

एयर इंडिया ने कहा, "इनमें स्थायी और संविदा पर नियुक्त पायलट शामिल हैं। कुछ पायलटों ने बाद में अपने इस्तीफे वापस ले लिए थे। एयर इंडिया को अब इन पायलटों की सेवाओं की आवश्यकता नहीं है और इनके इस्तीफे स्वीकार कर लिए गए हैं।"


सैमसंग गैलेक्सी एस30 सीरीज में नहीं होगा 'टाइम ऑफ फ्लाइट' सेंसर


हाल ही में जारी हुए गैलेक्सी नोट 20 सीरीज की ही तरह सैमसंग गैलेक्सी एस 30 सीरीज में टाइम-ऑफ-फ्लाइट (टीओएफ) सेंसर नहीं होगा। यह सेंटर गैलेक्सी एस 20 प्लस और एस 20 अल्ट्रा और पिछले साल के गैलेक्सी एस10 और नोट 10 में आया था। कोरियाई पब्लिकेशन द एलेक की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि "सैमसंग चिंतित है कि इसका इनडायरेक्ट टीओएफ सिस्टम एआर एक्सपीरियंस के लिए एप्पल के लिडर टेक्नॉलॉजी जितना अच्छा नहीं है"।

एप्पल डायरेक्ट टीओएफ सेंसर का उपयोग करता है, वहीं सैमसंग का सेंसर इनडायरेक्ट टीओएफ का उपयोग करता है।

लिहाजा एप्पल के कैमरों की रेंज दो गुनी हो जाती है और वह छह मीटर तक की दूरी मापने में सक्षम हो जाते हैं जबकि सैमसंग में यह क्षमता तीन मीटर की है।

सैमसंग और एप्पल दोनों ही अपने टीओएफ सेंसर्स का सीधे निर्माण नहीं करते हैं, वे इसके कंपोनेंट्स को सोनी से खरीदते हैं।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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