अर्थ जगत की 5 बड़ी खबरें: नौकरियों का अकाल, 15 सालों में सबसे खराब हालात और भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर बड़ी खबर

भारतीय रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने मौजूदा वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में 11.8 फीसदी की गिरावट की आशंका जताई है। कोरोना काल में नौकरियों के अकाल जैसी स्थिति देखने को मिल रही है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

मौजूदा वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में आएगी 11.8 पर्सेंट की गिरावट: रेटिंग एजेंसी

भारतीय रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने मौजूदा वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में 11.8 फीसदी की गिरावट की आशंका जताई है। इंडिया रेटिंग्स ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि के अपने अनुमान को संशोधित कर -11.8 प्रतिशत कर दिया है। पहले उसने भारतीय अर्थव्यवस्था में 5.3 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया था। हालांकि रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि अगले वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था 9.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगी। हालांकि, इसकी मुख्य वजह पिछले वित्त वर्ष का कमजोर आधार प्रभाव होगा।

रेटिंग एजेंसी ने रिपोर्ट में कहा, ‘इंडिया रेटिंग्स का जीडीपी में 11.8 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान देश के इतिहास में अर्थव्यवस्था का सबसे कमजोर आंकड़ा होगा। देश में जीडीपी के आंकड़े 1950-51 से उपलब्ध हैं।’ रिपोर्ट में कहा गया है कि यह छठा मौका होगा, जब देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट आएगी। इससे पहले वित्त वर्ष 1957-58, 1965-66, 1966-67, 1972-73 और 1979-80 में अर्थव्यवस्था में गिरावट आई थी। इससे पहले अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ी गिरावट वित्त वर्ष 1979-80 में दर्ज हुई थी। उस समय अर्थव्यवस्था 5.2 प्रतिशत नीचे आई थी।

कोरोना काल में नौकरियों का अकाल, 15 सालों में सबसे खराब हालात

कोरोना काल में नौकरियों के अकाल जैसी स्थिति देखने को मिल रही है। यही नहीं अगले कुछ महीनों तक यह संकट जारी रह सकता है। 800 से ज्यादा एंप्लॉयर्स पर किए गए एक सर्वे के मुताबिक आने वाले तीन महीनों में सिर्फ 3 फीसदी कंपनियां ही ऐसी हैं, जो अपने स्टाफ में बढ़ोतरी की प्लानिंग कर रही हैं। मैनपावर ग्रुप एंप्लॉयमेंट आउटलुक की ओर से 813 कंपनियों पर किए गए सर्वे के मुताबिक 2020 की आखिरी तिमाही अक्टूबर से दिसंबर के दौरान कंपनियां भर्तियों को लेकर सतर्क हैं। सर्वे के अनुसार 7 पर्सेंट एंप्लॉयर्स ने सैलरी में इजाफे की उम्मीद जताई है, जबकि तीन फीसदी ने कमी की आशंका व्यक्त की है। वहीं 54 फीसदी एंप्लॉयर्स मानते हैं कि कोई बदलाव नहीं होगा। सर्वे में कहा गया है, ’15 साल पहले शुरू किए गए इस सर्वे में यह पहली बार है, जब हायरिंग का अनुमान इतना कम दर्ज किया गया है।’


पबजी ने भारत में कारोबार के लिए टेनसेंट से अनुबंध तोड़ा

पबजी कॉर्पोरेशन ने मंगलवार को कहा कि कंपनी ने भारत में अपने कारोबार के लिए चीन स्थित कंपनी टेनसेंट से अपनी मोबाइल फ्रेंचाइजी को अधिकृत नहीं करने का फैसला लिया है, इससे बैन के हटाए जाने की संभावना हो सकती है। भारत में इस लोकप्रिय गेम को टेनसेंट होल्डिंग्स द्वारा वितरित किया जाता था।

कंपनी ने अपने एक बयान में कहा, "अपने इस हालिया विकास के मद्देनजर पबजी कॉर्पोरेशन ने फैसला लिया है कि भारत में अपने मोबाइल फ्रेंचाइजी को अब टेनसेंट गेम्स से और अधिकृत नहीं किया जाएगा।" बयान में आगे कहा गया कि कंपनी निकट भविष्य में भारत के लिए पबजी गेम की पूरी जिम्मेदारी अपने कंधे पर लेकर प्रशंसकों को एक नया अनुभव प्रदान करेगी और इस दिशा में आगे बढ़ते हुए कंपनी नए-नए तरीकों पर काम कर रही है।

फैक्टरियों का 70 फीसदी काम पटरी पर, प्रवासी मजदूर भी लौटे

लॉकडाउन के दौरान ठप पड़ी फैक्टरियों में तकरीबन 70 फीसदी कामकाज पटरी पर लौट चुका है। वहीं, अनलॉक-4 में मिली ढील से कारोबारियों को अब आर्थिक गतिविधियों में और सुधार की उम्मीद है। कोरोना काल में गांवों को पलायन करने वाले अधिकांश मजदूर और कारीगर भी वापस फैक्टरियों में अपने काम पर लौट चुके हैं।

हालांकि कारोबारी बताते हैं कि सप्लाई चेन दुरुस्त नहीं होने से फैक्टरियों में कच्चे माल की आपूर्ति अभी सही तरीके से नहीं हो रही है। देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों में जहां देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान सन्नाटा पसरा था अब वहां चहल-पहल बढ़ गई है, लेकिन सभी सेक्टरों की फैक्टरियों की हालत अभी नहीं सुधरी हैं। कारोबारी संगठनों के मुताबिक, टेक्सटाइल्स, प्रिंटिंग, एडवरटाइजिंग समेत कई सेक्टरों के काम-काज में अभी सुस्ती बनी हुई है जिसकी मुख्य वजह कमजोर मांग है।


पेट्रोल, डीजल की कीमतें स्थिर, कच्चे तेल के दाम पर दबाव

पेट्रोल और डीजल के दाम में मंगलवार को तेल विपणन कंपनियों ने कोई बदलाव नहीं किया। एक दिन पहले डीजल के दाम में 10 से 12 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई थी। उधर, सऊदी अरब द्वारा कच्चे तेल की कीमतों में कटौती करने के बाद अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अमेरिकी क्रूड डब्ल्यूटीआई 40 डॉलर प्रति बैरल के नीचे बना हुआ है। ब्रेंट क्रूड भी 42 डॉलर प्रति बैरल से नीचे तक टूटा।

बाजार के जानकार बताते हैं कि तेल की मांग कमजोर रहने से कीमतों पर दबाव बना हुआ है।इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में डीजल की कीमत बिना किसी बदलाव के क्रमश: 73.16 रुपये, 76.66 रुपये, 79.69 रुपये और 78.48 रुपये प्रति लीटर पर बनी हुई है। पेट्रोल का भाव भी बिना किसी बदलाव के क्रमश: 82.08 रुपये, 83.57 रुपये, 88.73 रुपये और 85.04 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर बना हुआ है। तेल विपणन कंपनियों ने सोमवार को डीजल के दाम में दिल्ली और कोलकाता में 11 पैसे जबकि मुंबई में 12 पैसे और चेन्नई में 10 पैसे प्रति लीटर की कटौती की थी।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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