आर्थिक मोर्चे पर UN ने भी दिया मोदी सरकार को झटका, घटाया भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान

घटती मांग और बढ़ती महंगाई के बीच अब संयुक्त राष्ट्र ने भारत की जीडीपी ग्रोथ अनुमान को घटाया है। यूएन ने कहा कि कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 5.7 प्रतिशत रह सकती है। यह वैश्विक निकाय के पूर्व के अनुमान से कम है।

फोटो:  सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

भारत को आर्थिक मोर्चे पर यूएन ने झटका दिया है। घटती मांग और बढ़ती महंगाई के बीच अब संयुक्त राष्ट्र ने भारत की जीडीपी ग्रोथ अनुमान को घटाया है। यूएन ने कहा कि कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 5.7 प्रतिशत रह सकती है। यह वैश्विक निकाय के पूर्व के अनुमान से कम है। पिछले साल यूएन ने वित्त वर्ष 2019-20 में 7.6 फीसदी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाया था।

संयुक्त राष्ट्र के एक अध्ययन में कहा गया है कि कुछ अन्य उभरते देशों में जीडीपी वृद्धि दर में इस साल कुछ तेजी आ सकती है। पिछले साल वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर सबसे कम 2.3 प्रतिशत रहने के बाद संयुक्त राष्ट्र ने यह बात कही। संयुक्त राष्ट्र विश्व आर्थिक स्थिति और संभावना (डब्ल्यूईएसपी), 2020 के अनुसार 2020 में 2.5 प्रतिशत वृद्धि की संभावना है। लेकिन व्यापार तनाव, वित्तीय उठा-पटक या भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने चीजें पटरी से उतर सकती हैं।


दूसरी ओर यूएन की रिपोर्ट में भारत के बारे में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 5.7 फीसदी रहने की संभावना है। जबकि डब्ल्यूईएसपी 2019 में इसके 7.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था। वहीं अगले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.6 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया जबकि पूर्व में इसके 7.4 फीसदी रहने की बात कही गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की जीडीपी वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष में 6.8 फीसदी रही थी।

गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार को आर्थिक मोर्चे पर लगातार झटके लग रहे हैं। बीते दिनों विश्व बैंक ने भारत के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटा दिया था। वर्ल्ड बैंक के अनुसार, वित्त वर्ष 2019-2020 में भारत की जीडीपी में बढ़त दर सिर्फ 5 प्रतिशत तक रह सकती है। इसके बाद अगले वित्त वर्ष में भी भारत के जीडीपी में सिर्फ 5.8 प्रतिशत बढ़त का अनुमान है। विश्व बैंक के ग्लोबल इकोनॉमिक प्रोस्पेक्ट्स रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का कर्ज वितरण कमजोर बना हुआ है।

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