अर्थव्यवस्था के लिए बुरी खबर, थोक महंगाई दर 8 महीने के ऊंचे स्तर पर, शेयर बाजारों में सतर्कता बढ़ी

गुजरात चुनाव खत्म होते ही आर्थिक मोर्चे पर बुरी खबर आई है। थोक महंगाई दर 8 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई है और शेयर बाजारों में हलचल की आशंका बढ़ गई है। इसके लिए सेबी ने विशेष निगरानी शुरु की है।

फाइल फोटो
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नवजीवन डेस्क

गुजरात चुनाव खत्म होने के बाद भले ही बीजेपी एग्जिट पोल के नतीजों से गद-गद हो, लेकिन देश की अर्थव्यवस्था और आम लोगों के लिए बुरी खबर सामने आई है। खुदरा महंगाई के बाद नवंबर में थोक महंगाई भी 8 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। इस महीने में थोक मूल्‍य सूचकांक 3.93 फीसदी के स्‍तर रहा, जबकि अक्‍टूबर में यह दर 3.59 फीसदी का थी। महंगाई में बढ़ोत्तरी का कारण खाने-पीने की चीज़ों और पेट्रोलियम उत्‍पादों की कीमतें बढ़ना रही है।

नवंबर माह में खाद्य महंगाई में इजाफा हुआ है और यह बढ़कर 4.10 फीसदी के स्‍तर पर आ गई है। अक्‍टूबर में खाद्य महंगाई दर 3.23 फीसदी थी। इसके अलावा नवंबर माह में बिजली की कीमतों में भी इजाफा हुआ है। इसके तहत एलपीजी, पेट्रोल की कीमतें बढ़ी हें।

इससे पहले मंगलवार को जारी आंकड़ों में नवंबर में खुदरा महंगाई दर 4.88 फीसदी के आंकड़े के साथ 15 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई।

इस बीच गुजरात चुनाव के एग्जिट पोल के आंकड़े सामने आने के बाद सेबी और स्टॉक एक्सचेंज सतर्क हो गए हैं। बाजार नियामक संस्था सेबी की निगाहें शेयर बाजारों में शुक्रवार को होने वाली गतिविधियों पर हैं। सेबी ने इसके लिए सतर्कता बढ़ा दी है। सेबी को आशंका है कि हेरफेर कर या फिर गलत जानकारी से कुछ खास शेयरों में हलचल दिख सकती है।

दरअसल में गुजरात चुनाव को लेकर बाजार काफी चौकस रहा है। गुजरात प्रधानमंत्री मोदी का गृह राज्य है, ऐसे में गुजरात चुनाव के नजीते से मोदी की लोकप्रियता का भी अंदाजा लग सकेगा। यूं भी गुजरात चुनाव को 2019 के लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है।

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