त्योहारी सीज़न में आम लोगों पर महंगाई की मार: थोक महंगाई दर भी बढ़ी, तेल के दामों में राहत भी निकली छलावा

देश में खुदरा मंहगाई दर के बाद अब थोक मंहगाई दर भी बढ़ गई है। सितंबर महीने में थोक मुद्रास्फीति दर बढ़कर 5.13 प्रतिशत तक पहुंच गई। वहीं तेल के दामों में राहत राहत का मोदी सरकार का दावा भी छलावा साबित हुआ है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

देश में थोक मंहगाई दर में भी बढ़ोतरी जारी है। मासिक थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित थोक मुद्रास्फीति दर बीते सिंतबर महीने में 5.13 फीसदी रही। जबकि इसके पहले महीने में थोक मुद्रास्फीति की यह दर 4.53 फीसदी रही थी। वहीं पिछले साल इसी महीने में थोक मुद्रास्फीति दर 3.14 प्रतिशत रही थी। शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार अगस्त महीने में देश का औद्योगिक उत्पादन गिरकर तीन महीने के निचले स्तर पर गिरकर 4.3 प्रतिशत रहा था।

वहीं, पेट्रोल और डीजल के दामों में लगी आग से लोगों को राहत देने की मोदी सरकार की घोषणा फिर एक बार छलावा साबित हुई है। पेट्रोल-डीजल के दामों में अगस्त महीने से लगी आग अभी जारी है। डीजल की कीमतों में 2.50 रुपये की कमी का मोदी सरकार का दावा भी छलावा साबित हुआ है। दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई में डीजल के दाम में 2.51 रुपये की वृद्धि हुई है। यानी डीजल चार अक्टूबर के मुकाबले एक पैसा प्रति लीटर फिर महंगा हो गया है और मोदी सरकार की राहत की घोषणा महज छलावा साबित हुआ है। सोमवार को दिल्ली में डीजल 75.46 रुपये लीटर, कोलकाता में 77.31 रुपये लीटर और चेन्नई में 79.80 रुपये प्रति लीटर हो गया।

इस बीच सोमवार को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, “मासिक डब्ल्यूपीआई पर आधारित सितंबर माह की मंहगाई दर 5.13 फीसदी (तत्कालिक) रही जो अगस्त में 4.53 फीसदी थी जबकि सितंबर 2017 में यह दर 3.14 फीसदी रही।" आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य वस्तुओं को थोक भाव में अगस्त में 4.04 फीसदी के मुकाबले सिंतबर महीने में 0.21 फीसदी गिरावट देखी गई। सितंबर में पेट्रोल-डीजल समेत तमाम ईंधन और बिजली में मुद्रास्फीति की दर 16.65 प्रतिशत रही। वहीं एलपीजी में 33.51 प्रतिशत रही। सितंबर में खाद्य वस्तुओं में आलू की मुद्रास्फीति दर में 80.13 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई। वहीं, प्याज और फलों के मुद्रास्फीति में आंशिक गिरावट दर्ज की गई। वहीं, दलहन में यह गिरावट 18.14 प्रतिशत थी।

पिछले हफ्ते जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार सितंबर में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 3.77 फीसदी रही थी, जो पिछले महीने 3.69 फीसदी थी। बता दें कि पिछले हफ्ते चालू वित्त वर्ष की अपनी चौथी मौद्रिक नीति समीक्षा में रिजर्व बैंक ने अस्थिर और बढ़ती तेल की कीमतों को लेकर मुद्रास्फीति पर असर पड़ने की चेतावनी दी थी। थोक मुद्रास्फीति दर में वृ्द्धि के पीछे सबसे बड़ी वजह तेल की कीमतों में बढ़ोतरी को ही माना जा रहा है।

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