ट्रंप की नई टैरिफ धमकी के बीच लाल निशान में भारतीय शेयर बाजार, निगाहें अब RBI एमपीसी की बैठक पर

विश्लेषकों का सुझाव है कि निवेशक घटनाक्रमों के सामने आने तक इंतजार कर सकते हैं। कुछ पैसा निश्चित आय में लगाने पर भी विचार किया जा सकता है।

शेयर बाजार लाल निशान पर खुले
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नवजीवन डेस्क

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूस से तेल खरीद को लेकर भारत पर और अधिक टैरिफ लगाने की नई धमकी के बीच मंगलवार को भारतीय शेयर बाजारों गिरावट दर्ज की गई।

सुबह करीब 9 बजकर 58 मिनट पर सेंसेक्स 384.11 अंक या 0.47 प्रतिशत की गिरावट के बाद 80,634.61 पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी 113.80 अंक या 0.46 प्रतिशत की गिरावट के बाद 24,608.95 पर था।

सुबह के कारोबार में निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 0.71 प्रतिशत और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 0.38 प्रतिशत गिरकर कारोबार कर रहे थे।

सेक्टोरल फ्रंट पर, निफ्टी एफएमसीजी सबसे अधिक 0.55 प्रतिशत की गिरावट में था। निफ्टी बैंक 0.12 प्रतिशत और निफ्टी आईटी इंडेक्स 0.25 प्रतिशत नीचे आया।

पीएल कैपिटल के सलाहकार प्रमुख विक्रम कासट ने कहा, "टेक्निकल फ्रंट पर, निफ्टी का 24,956 के उच्च स्तर को पार करना अल्पकालिक गिरावट के रुझान को उलट सकता है, लेकिन तब तक, बियर्स का पलड़ा भारी रहेगा।"


उन्होंने आगे कहा, "निफ्टी के तत्काल समर्थन क्षेत्र 24,550 और 24,442 हैं, जबकि प्रतिरोध क्षेत्र 24,900 और 25,000 हैं। अगर इंडेक्स 24,600 के स्तर से ऊपर बना रहता है तो 24,900 और 25,000 के स्तर की ओर उछाल की उम्मीद की जा सकती है, जबकि 24,550 और 24,442 पर समर्थन मिल सकता है।"

विश्लेषकों का सुझाव है कि निवेशक घटनाक्रमों के सामने आने तक इंतजार कर सकते हैं। कुछ पैसा निश्चित आय में लगाने पर भी विचार किया जा सकता है।

उन्होंने आगे कहा कि मजबूत घरेलू आर्थिक आंकड़े और आरबीआई की 25 आधार अंकों की ब्याज दर में कटौती से पहले की आशावादिता बाजार को तेजी प्रदान कर सकती है।

हालांकि, ऐसी खबरें आने के बाद चिंताएं बनी हुई हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीद को लेकर भारत पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी है, जिससे मार्केट सेंटीमेंट पर असर पड़ सकता है।

निफ्टी में कोल इंडिया, मारुति सुज़ुकी, एसबीआई और डॉ. रेड्डीज़ लैबोरेटरीज टॉप गेनर्स रहे। वहीं, एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल), आईसीआईसीआई बैंक और टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स टॉप लूजर्स रहे।

 अमेरिकी बाजारों में रातोंरात तेजी से उछाल आया, डॉव जोन्स 1.34 प्रतिशत और नैस्डैक कंपोजिट 1.95 प्रतिशत बढ़ा। वहीं, एसएंडपी 500 इंडेक्स 1.47 प्रतिशत बढ़ा।


कसाट ने कहा, "बुल्स का यह विश्वास बढ़ता जा रहा है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व सितंबर में ब्याज दरों में कटौती करेगा। जुलाई की रोजगार रिपोर्ट से पहले, सितंबर में ब्याज दरों में कटौती की संभावना शुक्रवार सुबह 40 प्रतिशत से बढ़कर 92.1 प्रतिशत हो गई।"

एशियाई बाजार भी मजबूत रुख के साथ खुले। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 200 इंडेक्स 1.09 प्रतिशत चढ़ा। चीन का शंघाई कंपोजिट 0.52 प्रतिशत, जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 0.63 प्रतिशत और हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 0.14 प्रतिशत बढ़ा।

 विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने सोमवार को भारतीय शेयरों में 2,566 करोड़ रुपए के शुद्ध विक्रेता रहे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 4,386 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे।

 आईएएनएस के इनपुट के साथ

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