बागी नहीं, इंकलाबी हैं अलीगढ़ वीमेंस कॉलेज की नई अध्यक्ष नबा नसीम

अलीगढ़ वीमेंस कॉलेज की नई अध्यक्ष नबा नसीम कहती है कि सिर्फ रविवार को बाहर जाने की अनुमति क्यों है? जबकि रविवार को बैंक नही खुलते, डॉक्टर नहीं मिलते हैं। किसी भी दिन बाहर जाना हमारा मौलिक अधिकार है।

फोटो: आस मोहम्मद कैफ
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आस मोहम्मद कैफ

अपने अध्यक्ष पद के प्रचार के अंतिम दिन सामूहिक सम्मेलन में 18 साल की नबा नसीम अपने हाथों को हिलाकर गुस्से में कहती है, “अब्दुल्लाह गर्ल्स कॉलेज का शौचालय साफ क्यों नही होता है? वहां का कुड़ादान तक क्यों नहीं बदला जाता? लाइब्रेरी में 2002 के बाद की किताबें क्यों नही हैं? जब इन्हें कम से कम तीन भाषाओं में होना चाहिए। वो चिल्लाती हैं कि यहां कॉमन हॉल क्यों नहीं है? हमें सिर्फ रविवार को बाहर जाने की अनुमति क्यों है? जब कि रविवार को बैंक नहीं खुलते, डॉक्टर नहीं मिलते हैं। नबा नसीम ने कहा कि यह हमारा मौलिक अधिकार है और आपको देना होगा वरना हम कैंपेन चला देंगे।

फोटो : आस मोहम्मद कैफ
फोटो : आस मोहम्मद कैफ
ऑडिटोरियम में अध्यक्ष नबा नसीम 

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्याल के इतिहास में ऐसा कभी कभी होता है, जब एएमयू कैम्पस के अध्यक्ष से ज्यादा अब्दुल्लाह गर्ल्स कॉलेज की अध्यक्ष की चर्चा हो। एएमयू के नए अध्यक्ष मशकूर उस्मानी दरभंगा के रहने वाले हैं, मगर सबकी जुबान पर एक नाम है, और वो गर्ल्स कॉलेज की अध्यक्ष नबा नसीम का है। एक्टिविस्ट नबा पॉलिटकल साइंस पढ़ती हैं यह अलग बात है कि बारहवीं तक वो पीसीएम में उलझी रहीं।

नबा नसीम के अनुसार वो सियासत के लिए ही बनी हैं जैसे उन्होंने प्रचार के अंतिम दिन कहा, “मेरा बैलेट नंबर-2 है तो पूरा ऑडिटोरियम चिल्ला पड़ा, नहीं-1 है।” नबा नसीम ने हंसते हुए कहा, “मैं देखना चाहती थी कि मेरा बैलेट नम्बर कितने लोगों को पता है। नबा नसीम अब्दुल्लाह कॉलेज के इतिहास की सबसे कम उम्र की अध्यक्ष हैं। वो हमसे कहती हैं, “अभी 18 की हुई हूं जिस दिन कॉलेज में आई थी, उसी दिन तय कर लिया था अध्यक्ष बनना है।

नबा नसीम कॉलेज से बाहर कई तरह के प्रदर्शनों में शामिल होती रही है फेसबुक प्रोफाइल पर पत्रकार गोरी शंकर की फोटो है। नबा नसीम ने कहा, “अब आवाज तो हम उठाएंगे जरूर अब चाहे जो हो जाये” नबा कश्मीर के हालात पर मुखर बोलती है वो कहती है “जमीन तो अपनी मगर लोग नही अजीब है” नबा को गर्ल्स कॉलेज में कश्मीरी छात्रों का एकतरफा समर्थन मिला है।

उनके व्हाट्सप स्टेटस पर “आई सपोर्ट रोहिंग्या” लिखा है। नबा नसीम कहती हैं, “मै दलितों पर हो रहे अत्याचार की भी विरोधी हूं। मुझे इंदिरा गांधी ,आयशा गद्दाफी और कोंडालीजा राइस का मिक्सर बनना है।”

नबा नसीम ने नेहा किरमानी को हराया है। उम्मीदवार नेहा बहुत व्यवहारिक हैं और मीठा बोलती हैं, मगर छात्राओं को आक्रामक और इंकलाबी नबा नसीम पहली पसंद आई। अब्दुल्लाह गर्ल्स कॉलेज में लगभग 3 हजार लड़कियां पढ़ती हैं। नबा सेकंड ईयर की छात्र हैं, वो आधुनिक इतिहास भी पढ़ती हैं।

उन्होंने कहा, “बस राजनीति करनी है, अभी गुर सीख रही हूं।” जैसे उनके कैंपन में बाइक कैंपन चलाया गया और लड़कियां बाइक से रोड शो कर रही थीं। लड़कियों की बुलेट को दुनिया रास्ता दे रही थी, मगर नबा कहती है “नहीं तो आपसे किसने कहा, कैबिनेट वाली होंगी” यह अलग बात है कि लड़कियों ने हाथ में जो बैनर पकड़ा है उसमे अध्यक्ष फॉर नबा लिखा है।

फोटो: आस मोहम्मद कैफ
फोटो: आस मोहम्मद कैफ
चुनाव के दौरान बाइक कैंपन 

दरअसल नबा नसीम डर के आगे जीत है वाली परिकल्पना पर काम करती हैं। उनके साथ रहने वाली ज़ेबा हबीब कहती है “ नबा नसीम में हिम्मत है”

उनकी दोस्त उमेमा जेहरा कहती है, “ नबा नसीम सबसे कम उम्र की विधायक बनेगी और वो सर्वगुण संपन्न है।” नबा अभी से मैनजमेंट से पूछती है 25 लाख का फंड है उसका क्या हुआ? लड़कियां उसकी इसी बात पर फ़िदा है।

फोटो: आस मोहम्मद कैफ
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प्रचार के दौरान नबा नसीम 

नबा सिर्फ आज से बहादूर नही है उसने बचपन में ही अपने नाम के साथ अपनी मां का नाम जोड़ लिया था नबा शाइस्ता। नबा हमसे कहती है मेरे अंदर की यह ताकत मेरी मां की देन है। आजमगढ़ में पैदा हुई और लखनऊ में पली बढ़ी नबा नसीम की एक बात कोई नहीं भूल पा रहा है जीत के बाद के जुलुस में उनके हाथ उठाकर सलाम करने का अंदाज। अब्दुल्लाह गर्ल्स कॉलेज का यह चुनाव आधुनिकता बनाम परंपरा माना गया था। नबा नसीम के अनुसार यह महिलाओं की अधिकार की जीत है।

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Published: 18 Dec 2017, 9:59 PM