बिहार चुनावः पिता लालू यादव के पदचिह्नों पर तेजस्वी, चुनाव में संभाल रखी है आरजेडी के अभियान की कमान

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए आरजेडी ने 30 स्टार कैंपेनर का नाम तय किया है, लेकिन अकेले तेजस्वी ही पार्टी के चेहरे के रूप में दिख रहे हैं। हालांकि, सभाओं में भारी भीड़ के बावजूद पार्टी नेता और कार्यकर्ता लालू प्रसाद यादव के मजाकिया अंदाज को मिस कर रहे हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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आसिफ एस खान

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद 40 वर्षो में पहली बार इस बार राज्य विधानसभा चुनाव से दूर हैं। वहीं उनकी अनुपस्थिति में उनके बेटे और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव उनके पदचिह्नों पर चलते हुए चुनाव में पार्टी की कमान संभाल रहे हैं। तेजस्वी अपनी रैलियों में भारी भीड़ जुटाकर और अपने अंदाज में भाषण देकर सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। वह रोजाना कई रैलियों में भाग ले रहे हैं।

तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को नवादा जिले के हिसुआ में राहुल गांधी के साथ मंच साझा किया। इस सभा में तेजस्वी यादव ने कहा कि जब प्रवासी मजदूर अन्य राज्यों से लौट रहे थे तब भी कोरोना काल था और आज भी कोरोना काल है। उस समय मुख्यमंत्री घर से नहीं निकले, लेकिन आज जब वोट मांगना हुआ तो रैली कर रहे हैं।

तेजस्वी यादव बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं और पार्टी के पोस्टरों और कैंपेन में आरजेडी का चेहरा हैं। वह अपनी रैलियों में नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे हैं। नीतीश ने पिछला चुनाव जेल में बंद उनके पिता के साथ मिलकर लड़ा था। पार्टी के एक नेता ने कहा, "जेडीयू 13 साल से ज्यादा समय से सत्ता में है, संतुलन अब आरजेडी की अगुवाई वाले गठबंधन की ओर झुक रहा है।"

हालांकि, बिहार विधानसभा चुनाव के लिए आरजेडी ने अपने 30 स्टार कैंपेनर का नाम आगे किया था, लेकिन अकेले तेजस्वी ही इस तीन चरण के चुनाव में पार्टी के चेहरे के रूप में दिख रहे हैं। पार्टी के कैंपेन मैनेजर ने कहा कि तेजस्वी 200 से ज्यादा रैलियां करेंगे, क्योंकि वह हाई डिमांड में हैं।हालांकि, तमाम लोकप्रियता के बावजूद पार्टी नेता लालू प्रसाद के मजाकिया अंदाज को मिस कर रहे हैं, लेकिन उनका मानना है कि तेजस्वी भी एनडीए को कड़ी टक्कड़ दे रहे हैं।

वहीं कई विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान प्रवासी संकट और 10 लाख लोगों को नौकरी देने के वादे से आरजेडी की चुनावी रैलियों में भारी भीड़ जुट रही है। हालांकि कुछ विशेषज्ञों का ये भी कहना है कि तेजस्वी की सभाओं में भीड़ की वजह बिहार की नीतीश और केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा है।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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