बिहार चुनावः तेजस्वी की रैली में उमड़ रही जबरदस्त भीड़, आरजेडी ने बताया बदलाव का संकेत

आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की अनुपस्थिति में तेजस्वी यादव के लिए यह चुनाव काफी अहम माना जा रहा है, यही कारण है कि तेजस्वी पूरे दमखम के साथ प्रचार में जुटे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान तेजस्वी केंद्र सरकार पर तो निशाना साध ही रहे हैं, लेकिन उनका मुख्य निशाना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हीं हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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आसिफ एस खान

बिहार विधानसभा चुनाव में विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव चुनाव प्रचार में पूरे जोरशोर से जुटे हुए हैं। अपनी पार्टी की तरफ से चुनाव अभियान का नेतृत्व कर रहे तेजस्वी प्रतिदिन छह से भी ज्यादा चुनावी सभाएं कर रहे हैं, जिनमें कोरोना संकट के बावजूद लोगों की भारी भीड़ दिखाई दे रही है। इस भीड़ को देखकर आरजेडी सहित महागठबंधन के सभी दल उत्साहित हैं और इसे बदलाव का संकेत बता रहे हैं।

आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को भी नौ चुनावी सभाओं को संबोधित किया। इसमें भोजपुर, औरंगाबाद, गया, जहानाबाद और पटना जिले के कई विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इससे पहले सोमवार को भी तेजस्वी ने गया और नवादा में छह चुनावी सभाओं को संबोधित किया था, जहां करीब-करीब हर जगह लोगों की भारी भीड़ देखी गई।

तेजस्वी यादव की सभाओं में भारी भीड़ से आरजेडी समेत महागठबंधन में शामिल सभी दल उत्साहित हैं। आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी भी कहते हैं कि बिहार में नीतीश सरकार से लोग नाखुश हैं और लोग एक युवा मुख्यमंत्री की चाहत में तेजस्वी यादव के साथ जुट रहे हैं। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि रैलियों में भीड़ से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह भीड़ तेजस्वी को सुनने पहुंच रही है।

आरजेडी के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की अनुपस्थिति में तेजस्वी यादव के लिए यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, यही कारण है कि तेजस्वी पूरे दमखम के साथ चुनावी प्रचार में जुटे हैं।
चुनावी प्रचार के दौरान तेजस्वी केंद्र सरकार पर तो निशाना साध ही रहे हैं, लेकिन उनका मुख्य निशाना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हीं हैं।

वैसे, तेजस्वी यादव ने बिहार चुनाव के लिए प्रचार में जाने के पहले 10 लाख लोगों को रोजगार देने का वादा कर यह संकेत दे दिया था कि अपनी चुनावी सभाओं में वे बेरोजगारी को प्रमुख मुद्दा बनाएंगे। चुनावी सभाओं में उमड़ रहे जनसैलाब को लेकर कहा भी जा रहा है कि इसी मुद्दे के कारण लोग, खासकर युवा उनसे जुड़ रहे हैं।

वैसे, चुनावी सभाओं में भीड़ को देखकर आरजेडी के नेता जरूर उत्साहित हैं, लेकिन यह भीड़ वोट के रूप में कितना बदलेगी, यह तो 10 नवंबर को चुनाव परिणाम के बाद ही पता चल पाएगा। लेकिन फिलहाल की स्थिति में इतना तो तय है कि तेजस्वी की सभाओं में उमड़ रही भीड़ नीतीश कुमार और बीजेपी के माथे पर पसीना लाने के लिए काफी है।

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