UP में इस बार जनता को पसंद नहीं आए ये बड़े चेहरे, दंगे के आरोपी मंत्री समेत इन दिग्गजों को मुंह की खानी पड़ी

शामली की थाना भवन विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे गन्ना मंत्री सुरेश राणा को भी हार नसीब हुई है। दंगे के ही एक अन्य आरोपी संगीत सोम भी सरधना विधानसभा सीट से चुनाव हार गए हैं। वहीं योगी सरकार में मंत्री राजेंद्र प्रताप उर्फ मोती सिंह भी विधायक नहीं बन सके।

फोटो: सोशल मीडिया
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राजकुमार उपाध्याय

यूपी के डिप्टी सीएम केशव मौर्या समेत करीब आधा दर्जन मंत्रियों को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। केशव मौर्या को सिराथू सीट से भाजपा गठबंधन के अपना दल (एस) की नेता और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की छोटी बहन डा पल्लवी पटेल ने शिकस्त दी है। सपा ने उन्हें सिराथू सीट से उतारकर मौर्या के खिलाफ बड़ा दांव चला था। दोनों प्रत्याशियों के बीच हार जीत के लिए अंत तक कड़ी टक्कर रही।

पल्लवी ने केशव को 6627 वोटों के अंतर से हराया। मौर्या को 98941 और पल्लवी पटेल को 105568 वोट मिलें। मतगणना के बीच में जब केशव मौर्या की हार होती दिखी। तब उनके समर्थकों ने काउंटिंग भी रूकवायी। पर उनका यह दांव भी नहीं चल सका। यह खबर मिलते ही पल्लवी पटेल के समर्थक भी पहुंच गए और काउंटिंग शुरू हुई। वैसे भी इस सीट पर पिछड़े मतदाताओं की संख्या अधिक है।

दंगे के आरोपी मंत्री सुरेश राणा व संगीत सोम भी हारे

शामली की थाना भवन विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे गन्ना मंत्री सुरेश राणा को भी हार नसीब हुई है। लोकदल प्रत्याशी अशरफ अली खान ने खान ने उन्हें मात दी। अशरफ को 103751 और सुरेश राणा को 92472 मत मिलें। राणा इसके पहले 2017 में इसी सीट से जीत दर्ज कर विधायक बने थे। यह मुजफ्फरनगर दंगे के भी आरोपी थी। दंगे के ही एक अन्य आरोपी संगीत सोम भी सरधना विधानसभा सीट से चुनाव हार गए हैं। सपा के अतुल प्रधान ने भाजपा के फायर ब्रांड नेता संगीत को शिकस्त दी। मतगणना के अंत तक दोनों में कांटे की टक्कर रही। संगीत सोम को 99887 और अतुल को 118047 वोट मिलें।

इन मंत्रियों को भी करना पड़ा हार का सामना

भाजपा सरकार के कई मंत्रियों को चुनाव में शिकस्त का सामना करना पड़ा है। प्रतापगढ की पटटी विधानसभा से विधायक व योगी सरकार में मंत्री राजेंद्र प्रताप उर्फ मोती सिंह भी विधायक नहीं बन सके। मोती सिंह को 85691 वोट ही मिल सके। जबकि सपा के राम सिंह ने 107221 प्राप्त कर जीत दर्ज की। दस्यु ददुआ के भतीजे राम सिंह 2017 के चुनाव में भी मोती सिंह के खिलाफ चुनाव लड़े थे। पर तब वह मात्र 1400 मतों के अंतर से हार गए थे। बेसिक शिक्षा मंत्री डा. सतीश चंद द्विवेदी भी सपा प्रत्याशी माता प्रसाद पांडेय से पराजित हुए। पांडेय सपा सरकार में विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं। उनकी इलाके में अच्छी छवि मानी जाती है। 2017 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि हार और जीत में मतों का अंतर ज्यादा नहीं था। सतीश चन्द्र द्विवेदी को 62456 और माता प्रसाद को 63871 मत मिले। फेफना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे मंत्री उपेंद्र तिवारी भी नहीं जीतें। उन्हें सपा प्रत्याशी संग्राम यादव ने करीब 19 हजार मतों से हराया। बैरिया से चुनाव लड़ रहे मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल भी सपा प्रत्याशी जय प्रकाश अंचल से सीधी टक्कर में फंसे।

दल बदलू स्वामी और धर्म सिंह हारें

चुनाव के पहले भाजपा से इस्तीफा देकर सपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या और धर्म सिंह सैनी भी हारें। कुशीनगर की फाजिलनगर विधानसभा से सपा प्रत्याशी मौर्या को 71015 वोट ही मिलें। जबकि भाजपा के सुरेंद्र कुमार कुशवाहा ने 116029 वोट हासिल किया। इसी तरह नकुड़ से प्रत्याशी धर्म सिंह को 103616 वोट मिलें। उन्हें भाजपा के मुकेश चौधरी 103771 वोट पाकर हराया। सैनी सिर्फ 155 वोट के अंतर से हारें। उनके साथ सपा में शामिल होने वाले विधायक बृजेश प्रजापति भी तिंदवारी सीट से चुनाव नहीं जीत सके।

ये दिग्गज भी नहीं जीत सकें

बाहुबली धनंजय सिंह को भी हार मिली है। वह जदयू के टिकट पर मल्हनी विधानसभा सीट से अपना भाग्य आजमा रहे थे। उन्हें समाजवादी पार्टी प्रत्याशी लकी यादव ने करीब 16 हजार मतों से हराया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी नहीं जीत सकें। उन्हें तमकुहीराज से भाजपा प्रत्याशी असीम कुमार ने मात दी। लल्लू को 33370 और असीम कुमार को 114957 वोट मिले थे। सदन में नेता विपक्ष और सपा के कददावर नेताओं में शुमार रामगोविन्द चौधरी भी चुनाव हार गए। बलिया की बांसडीह सीट से उन्हें भाजपा प्रत्याशी केतकी सिंह ने करीब 20 हजार मतों के अंतर से हराया।

2017 चुनाव में रामगोविन्द ने केतकी सिंह को हराया था। तब वह निर्दल प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रही थीं। हुसैनगंज सीट से भाजपा के रणवेंद्र प्रताप सिंह 66602 मत पाकर भी हारे। सपा प्रत्याशी उषा मौर्या ने उन्हें 24895 मतों के अंतर से शिकस्त दी। ज्ञानपुर विधानसभा सीट से प्रगतिशील मानव समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे विजय मिश्रा को सपा के रामकिशोर बिंद ने हराया। मथुरा की मांट विधानसभा सीट से लगातार आठ बार विधायक रहे श्याम सुंदर शर्मा को इस चुनाव में विजयश्री हासिल नहीं हो सकी। गोरखपुर की चिल्लूपार विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी राजेश त्रिपाठी ने बाहुबली हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी को मात दी। करछना सीट से उज्जवल रमण सिंह चुनाव नहीं जीत सके।

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