यूपी चुनावः योगी के खिलाफ सपा प्रत्याशी को मिला BJP नेताओं का आशीर्वाद! गोरखपुर का जंग हुआ रोचक

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार शुभवती के रणनीतिकार उनसे स्थिति का फायदा उठा रहे हैं। एक तस्वीर शब्दों से ज्यादा बयां करती है और उन्होंने यही किया है। सपा उम्मीदवार के लिए तस्वीर भले ही ज्यादा न बदले लेकिन इससे मुख्यमंत्री को जरूर शर्मिंदगी उठानी पड़ी है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में गोरखपुर की लड़ाई रोचक हो गई है। यहां चुनावी परिदृश्य ने उस समय दिलचस्प मोड़ ले लिया जब योगी के खिलाफ लड़ रहीं समाजवादी पार्टी उम्मीदवार शुभावती शुक्ला की बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ला के पैर छूकर आशीर्वाद लेते हुए तस्वीर सामने आई। इसी तरह की एक अन्य तस्वीर में शुभावती शुक्ला पूर्व बीजेपी सांसद और सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल प्रकाश मणि त्रिपाठी का भी गोरखपुर में अपने सिविल लाइंस आवास पर आशीर्वाद लेती दिख रही हैं।

बीजेपी के दोनों नेताओं को स्थानीय राजनीति में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रतिद्वंद्वी के रूप में जाना जाता है। यहां से सपा ने दिवंगत बीजेपी नेता उपेंद्र दत्त शुक्ला की पत्नी शुभावती देवी को उम्मीदवार बनाया है, जो योगी के जाने माने प्रतिद्वंद्वी हैं। शुभावती और उनके दो बेटे हाल ही में समाजवादी पार्टी में शामिल हुए और बीजेपी पर उनके पति के निधन के बाद उनकी परवाह नहीं करने का आरोप लगाया।

राज्यसभा सांसद शिव प्रताप शुक्ला को पूर्वांचल में एक प्रभावशाली ब्राह्मण चेहरे के रूप में देखा जाता है। वह 1989, 1991, 1993 और 1996 में गोरखपुर से विधायक थे, लेकिन 2002 में राधा मोहन दास अग्रवाल ने उन्हें योगी के समर्थन और सहयोग से हिंदू महासभा के टिकट पर हरा दिया था।

प्रदेश के एक राजनीतिक विश्लेषक के अनुसार, "बीजेपी को गोरखपुर शहरी सीट पर ब्राह्मणों के समर्थन की आवश्यकता है, जिसमें 19 प्रतिशत ब्राह्मण हैं। सपा उम्मीदवार स्पष्ट रूप से यह संदेश देने की कोशिश कर रही हैं कि उसे एक ऐसी भूमि में ब्राह्मण नेताओं का समर्थन प्राप्त है, जो अपनी प्रसिद्ध ठाकुर-ब्राह्मण शत्रुता के लिए जानी जाती है। योगी आदित्यनाथ एक ठाकुर हैं और उन्होंने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा था कि उन्हें ठाकुर समुदाय से होने पर गर्व है।"

हालांकि गोरखपुर में चुनाव के नतीजे को लेकर कोई आश्चर्य नहीं है, लेकिन शुभावती शुक्ला बीजेपी के भीतर सबसे ज्यादा फूट डालने की कोशिश कर रही हैं। यहां यह बताया जा रहा है कि प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के सत्ता में आने के बाद बीजेपी सरकार में ब्राह्मणों को किनारे कर दिया गया है।

राजनीतिक विश्लेषक आगे कहते हैं, "शुभवती के रणनीतिकार उनसे स्थिति का फायदा उठा रहे हैं। एक तस्वीर शब्दों से ज्यादा बयां करती है और उन्होंने यही किया है। सपा उम्मीदवार के लिए तस्वीर भले ही ज्यादा न बदले लेकिन इससे मुख्यमंत्री को जरूर शर्मिंदगी उठानी पड़ी है।"

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