उत्तर प्रदेश: उपचुनाव के नतीजों से मिलेगी अखिलेश-जयंत को राजनीतिक खुराक, आजम का भी रुतबा बढ़ेगा
यूपी की तीन सीटों पर उपचुनाव के नतीजे अगर सपा और आरएलडी के पक्ष में आते हैं तो ये समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, आरएलडी नेता जयंत चौधरी और सपा नेता आजम खान के लिए राजनीतिक खुराक का काम करेंगे।
![फोटो: सोशल मीडिया](https://media.assettype.com/navjivanindia%2F2022-12%2Ffa989783-c4eb-4ab4-a7f8-5278e534d3ec%2FAkhilesh.jpg?rect=0%2C0%2C1050%2C591&auto=format%2Ccompress&fmt=webp)
पूरे देश की निगाहें भले ही गुजरात और हिमाचल विधानसभा के चुनावी नतीजों पर हों, लेकिन उत्तर प्रदेश में हो रहे उपचुनाव भी कम अहम नहीं हैं खासतौर से समाजवादी पार्टी और आरएलडी के लिए। यूपी में एक लोकसभा और दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुआ है। इन तीनों सीटों के नतीजे एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संकेत देंगे।
उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ है और वोटों की गिनती जारी है। खबर लिखे जाने तक समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव भारी मतों से आगे थीं। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन से यह सीट खाली हुई थी, इस नाते इस सीट पर डिंपल का चुनाव राजनीतिक महत्व के साथ ही भावनात्मक भी है। इस सीट को जीतना यादव परिवार और समाजवादी पार्टी दोनों के लिए काफी अहम है।
इस उपचुनाव के लिए पूरा यादव परिवार बरसों बाद एक साथ आया है और अखिलेश यादव और उनके चाचा और बीते सालों में उनके राजनीतिक प्रतिद्धंदी रहे शिवपाल यादव के बीच सुलह हुई है। जहां तक अखिलेश यादव का सवाल है, उनके लिए यह चुनाव जीतना इसलिए भी अहम क्योंकि पार्टी की कमान संभालने के बाद से वे लगातार एक के बाद एक चुनाव हारते रहे हैं। 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव और 2019 का लोकसभा चुनाव समाजवादी पार्टी हारी है। यहां तक कि आजमगढ़ और रामपुर में हुए उपचुनाव में भी समाजवादी पार्टी जीत नहीं दर्ज कर पाई।
मैनपुरी में उनकी पार्टी की जीत न सिर्फ अखिलेश याद बल्कि पार्टी कार्यकर्ताओं का भी मनोबल बढ़ाने वाली साबित होगी।
उधर समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के लिए भी यह उपचुनाव अहम हैं। हालांकि उनकी विधायकी चली गई है और उनके चुनाव लड़ने पर भी पाबंदी है। इसी के बाद रामपुर में उपचुनाव हो रहा है। आजम खान की जगह समाजवादी पार्टी ने आसिम रजा को मैदान में उतारा है। प्रचार के दौरान आजम खान काफी भावुक भाषण देते रहे हैं। आजम खान जानते हैं कि रामपुर उपचुनाव में सपा की जीत राजनीति में उनकी वापसी का रास्ता खोलेगी, जबकि हार उनके राजनीतिक जीवन पर विराम लगा सकती है।
इसके अलावा पश्चिम उत्तर प्रदेश की खतौली विधानसभा सीट का उपचुनाव राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) नेता जयंत चौधरी के लिए काफी अहम है। इस सीट से आरएलडी ने मदन भैय्या को मैदान में उतारा है और समाजवादी पार्टी का साथ इस सीट पर आरएलडी के साथ है। मदन भैया की इलाके में एक प्रतिभाशाली नेता की है। इस सीट पर उनकी जीत आरएलडी और जयंत चौधरी दोनों के लिए अमृत का काम करेगी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उनकी सियासी हैसियत को मजबूत करेगी।
लेकिन इन तीनों सीटों पर अगर बीजेपी को विजय हासिल होती है तो योगी आदित्यनाथ की एक मजबूत हिंदू नेता के तौर पर छवि को बल मिलेगा। साथ ही बीजेपी में ही उनके विरोधियों को भी एक करारा जवाब होगा।
इन तीनों सीटों पर वोटों की गिनती जारी है। और शाम तक नतीजे स्पष्ट हो जाएंगे।
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