यूपी चुनाव : दूसरे चरण के लिए 9 जिलों की 55 सीटों पर वोटिंग आज, आजम खान समेत इन दिग्गजों की किस्मत दांव पर

55 सीटों में से बीजेपी ने 2017 में 38 सीटें जीती थीं, जबकि समाजवादी पार्टी ने 13 और कांग्रेस और बीएसपी को दो-दो सीटें मिली थीं। सपा और कांग्रेस ने पिछला विधानसभा चुनाव गठबंधन में लड़ा था। सपा द्वारा जीती गई 15 सीटों में से 10 पर मुस्लिम उम्मीदवार विजयी हुए थे।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण के लिए आज मतदान हो रहा है। इस चरण में 9 जिलों की 55 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। केंद्रीय बलों और पुलिस की ओर से अतिरिक्त चौकसी के अलावा सोशल मीडिया पर चौबीसों घंटे नजर रखी जा रही है।

आठ संवेदनशील विधानसभा क्षेत्रों बिजनौर, संभल और सहारनपुर पर विशेष फोकस रहेगा। राजनीतिक दलों के बीच स्पष्ट प्रतिद्वंद्विता, अपराधियों की उपस्थिति, सांप्रदायिक और जातिगत तनाव होने की स्थिति में एक निर्वाचन क्षेत्र को 'संवेदनशील' घोषित किया जाएगा।

बिजनौर में संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र नगीना हैं, जो एससी, धामपुर और बिजनौर के लिए आरक्षित हैं। सहारनपुर में देवबंद, रामपुर मनिहारन और गंगोह निर्वाचन क्षेत्रों और संभल, असमोली पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

अतिरिक्त डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि आठ निर्वाचन क्षेत्रों के सभी मतदान केंद्रों पर अतिरिक्त बल तैनात किया जाएगा, जबकि सोशल मीडिया सेल फर्जी सूचनाओं और भड़काऊ पोस्ट पर नजर रखेगा।


एडीजी ने आगे कहा कि सी-प्लान स्मार्टफोन एप्लिकेशन का इस्तेमाल हर गांव के 10 चुनिंदा लोगों को डीजीपी कंट्रोल रूम से जोड़कर असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए भी किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश की 55 विधानसभा सीटों के लिए जोरदार प्रचार, जो 14 फरवरी को सात चरणों के चुनाव के दूसरे चरण में मतदान के लिए जा रहे हैं, शनिवार शाम को समाप्त हो गया। वरिष्ठ नेताओं ने अपने पार्टी उम्मीदवार के लिए अंतिम समय में प्रचार किया।

सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, अमरोहा, बदायूं, बरेली और शाहजहांपुर के नौ जिलों में फैली सीटों के साथ इस चरण में 586 उम्मीदवार मैदान में हैं। इस चरण में मतदान वाले क्षेत्रों में बरेलवी और देवबंद संप्रदायों के धार्मिक नेताओं से प्रभावित मुस्लिम आबादी काफी बड़ी है। इन इलाकों को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है।

55 सीटों में से बीजेपी ने 2017 में 38 सीटें जीती थीं, जबकि समाजवादी पार्टी ने 13 और कांग्रेस और बीएसपी को दो-दो सीटें मिली थीं। सपा और कांग्रेस ने पिछला विधानसभा चुनाव गठबंधन में लड़ा था। सपा द्वारा जीती गई 15 सीटों में से 10 पर मुस्लिम उम्मीदवार विजयी हुए थे।


इस चरण में प्रमुख चेहरों में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान, धर्म सिंह सैनी, और यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना शामिल हैं। मोहम्मद आजम खान को उनके गढ़ रामपुर सीट से मैदान में उतारा गया है और वह सलाखों के पीछे से चुनाव लड़ रहे हैं।

उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को सुआर सीट से मैदान में उतारा गया है। शाहजहांपुर से सुरेश खन्ना को मैदान में उतारा गया है, जबकि नकुड़ विधानसभा क्षेत्र से धर्म सिंह सैनी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। अन्य मंत्री बिलासपुर से बलदेव सिंह औलख, बदायूं से महेश चंद्र गुप्ता और चंदौसी से गुलाब देवी हैं।

बरेली की पूर्व मेयर सुप्रिया आरोन समाजवादी पार्टी में शामिल होने के बाद बरेली छावनी से चुनाव लड़ रही हैं। बीजेपी, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बसपा ने इस चरण में एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हुए जमकर प्रचार किया है।

दूसरे चरण की 55 विधानसभा सीटें-बेहट, नकुड़, सहारनपुर नगर, सहारनपुर, देवबंद, रामपुर, मनिहारन सु., गंगोह, नजीबाबाद, नगीना सु., बढ़ापुर, धामपुर, नेहटौर सु., बिजनौर, चांदपुर, नूरपुर, कांठ, ठाकुरद्वारा, मुरादाबाद ग्रामीण, मुरादाबाद नगर, कुदंरकी, बिलारी, चंदौसी सु., असमौली, सम्भल, स्वार, चमरउवा, नौगंवा सादात, अमरोहा, हसनपुर, गुन्नौर, बिसौली सु., सहसवान, बिल्सी, बदायूं, शेखुपुर, दातागंज, बहेड़ी, मीरागंज, भोजीपुरा, नवाबगंज, फरीदपुर सु., बिठारी चैनपुर, बरेली, बरेली कैण्ट, आंवला, कटरा, जलालाबाद, तिलहर, पुवायां सु., शाहजहांपुर और ददरौल शामिल है। इनमें कुल कुल -20142441 मतदाता , 55 विधानसभा सीटों पर मतदान करेंगे। जिनमें 10761476- पुरुष मतदाता, 9379704- महिला मतदाता और थर्ड जेंडर- 1261, कुल 586 प्रत्याशी मैदान में हैं।


वहीं साल 2017 के विधानसभा चुनाव में इन 55 सीटों में सबसे अधिक 77.53 प्रतिशत वोट नकुड़ विधानसभा सीट पर पड़े थे। 2012 के विधानसभा चुनाव में भी इसी सीट पर 77.18 प्रतिशत मतदान हुआ था।

वहीं सहारनपुर की देवबंद, रामपुर की मनिहार, संभल की संभल और असमोली सीट, बिजनौर की नगीना, धामपुर व बिजनौर सीट को संवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है। देवबंद के शब्बीरपुर गांव में भी वर्ष 2017 में जातीय हिंसा के बाद इसे संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। आशंका बताई जा रही है कि यहां शरारती तत्व गड़बड़ी कर सकते हैं। संवेदनशील श्रेणी में रखे जाने के साथ ही इन क्षेत्रों में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस की अतिरिक्त कंपनियां तैनात रहेंगी। इन क्षेत्रों की सभी गतिविधियों पर पुलिस का सख्त पहरा है।

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Published: 13 Feb 2022, 11:03 AM
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