सिनेजीवन: बॉलीवुड के 'बैड बॉयज' का रियूनियन और रश्मिका मंदाना ने खोला अभिनय का राज

पुराने दौर के विलेन की याद दिलाने के लिए अभिनेता रजा मुराद ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर तस्वीरें पोस्ट की। रश्मिका मंदाना ने बताया कि उनका किरदार 'ताड़का' इंसानी भावनाओं को धीरे-धीरे सीख रही है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

बॉलीवुड के 'बैड बॉयज' का रियूनियन, रजा मुराद ने शेयर की रंजीत, किरण कुमार और गुलशन ग्रोवर संग फोटो

हिंदी सिनेमा में खलनायकों का भी एक दौर था, जिनकी झलक से भी दर्शकों की सांसें थम जाती थीं। इन्ही में से थे रंजीत, रजा मुराद, किरण कुमार और गुलशन ग्रोवर। भले ही ये अब सिल्वर स्क्रीन पर कम नजर आते हैं, लेकिन एक समय था, जब सिल्वर स्क्रीन पर इनका खूब बोल-बाला था।

इसी बीच दर्शकों को पुराने दौर के विलेन की याद दिलाने के लिए अभिनेता रजा मुराद ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर तस्वीरें पोस्ट की।

अभिनेता ने इंस्टाग्राम पर जो तस्वीर पोस्ट की, उसमें रजा मुराद के साथ किरण कुमार और गुलशन ग्रोवर भी नजर आ रहे हैं। अभिनेता ने पोस्ट कर मजाकिया अंदाज में कैप्शन लिखा, "भारत के चार सबसे शरीफ, सीधे-सादे मासूम भोले-भाले महापुरुष।"

बता दें कि हिंदी सिनेमा में एक खलनायकी का दौर था, जब कुछ चुनिंदा चेहरे विलेन का दमदार रोल निभाते थे। इन्हीं में से थे रजा मुराद, किरण कुमार और गुलशन ग्रोवर। इन्होंने खलनायक बनकर काफी नाम कमाया। जहां रंजीत खतरनाक विलेन के तौर पर जाने जाते थे, तो रजा मुराद की दमदार आवाज ही दर्शकों को चुप करा देती थी। ऐसे ही किरण कुमार की उपस्थिति ही काफी होती थी और गुलशन ग्रोवर एक 'बैड मैन' थे, जिन्होंने विलेन के किरदार इतनी शिद्दत से निभाए कि अपनी खलनायक की छवि को नहीं तोड़ पाए। उनकी 'बैडमैन' इमेज अपने आप में एक ब्रांड भी बन गई।

'आप मेरे पिता थे', पंकज धीर के निधन के बाद भावुक हुईं बहू कृतिका सेंगर, शेयर की यादें

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'रानी लक्ष्मीबाई-एक वीर स्त्री" टीवी सीरियल से प्रसिद्धि हासिल करने वाली टीवी एक्ट्रेस कृतिका सेंगर छोटे पर्दे का जाना-माना चेहरा है। बीते दिन एक्ट्रेस और उनके परिवार के लिए सबसे भारी रहे हैं, क्योंकि उन्होंने अपने ससुर पंकज धीर को खो दिया।

वरिष्ठ अभिनेता पंकज धीर का निधन 15 अक्टूबर को हुआ था और वे कैंसर से लड़ रहे थे।

अब 15 दिन बाद कृतिका सेंगर ने पकंज धीर को लेकर इमोशनल पोस्ट लिखा है और उन्हें सिर्फ ससुर नहीं बल्कि अपना पिता, दोस्त और सेफ प्लेस कहा है। उन्होंने पकंज धीर की फोटो शेयर कर लिखा, "आपको ससुराल शब्द कभी पसंद नहीं था, आप हमेशा कहते थे, "वो मेरी बेटी है,' और मेरे साथ भी आपका व्यवहार बिल्कुल वैसा ही था। आप अक्सर अपनी आँखों में उस जानी-पहचानी चमक के साथ पूछते थे, 'दुनिया की सबसे अच्छी लड़की कौन है?" और मैं मुस्कुराकर कहती थी, 'मैं।'

उन्होंने आगे लिखा, "मुझे हमेशा 'आई लव यू, पापा' कहने में शर्म आती थी, लेकिन आप तब तक नहीं रुकते थे जब तक मैं सहजता से न कह दूं...आप सिर्फ़ मेरे ससुर नहीं थे, मेरे पिता, मेरे दोस्त, मेरी सुरक्षित जगह थे। हम घंटों हर चीज़ और बिना किसी बात के बातें करते थे, और अब आपके बिना यह खामोशी बहुत भारी लगती है।"


गुरु रंधावा के नए गाने में गांव की खुशबू, किसानों को समर्पित करते हुए रिलीज किया गाना

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छोटी बर्थडे पार्टी और इवेंट में जाकर अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत करने वाले सिंगर गुरु रंधावा देश के जाने-माने सिंगर हैं। सिंगर का शुरुआती करियर संघर्ष से भरा रहा, लेकिन अब वो अपने गानों से पूरे देश के युवाओं को नचा रहे हैं। 

अब गुरु का नया गाना रिलीज हो गया है, जो किसान और उनकी जमीनों को समर्पित है। गाना आते ही सोशल मीडिया पर छा गया है।

गुरु रंधावा का नया गाना 'किल्ला' रिलीज हो चुका है, जिसमें ऐसे बच्चे की कहानी दिखाई गई है, जिसने अपने पिता को मजबूरी में खेती की जमीन को बेचते देखा और घर पर ब्याज मांगने आए लोगों को माता-पिता से बदतमीजी करते देखा। बच्चा बड़ा होकर अपने माता-पिता के स्वाभिमान के लिए कई एकड़ जमीन खरीदता है और उन गुंडों को सबक सिखाता है, जिन्होंने कभी उन्हें परेशान किया था। सिंगर ने गाना किसानों को समर्पित किया है और टैग टैगलाइन देते हुए लिखा, "किसानों के लिए जमीन का टुकड़ा ही उनकी पहली संतान होती है, सिर्फ खुशकिस्मत किसान ही बेची हुई जमीन को वापस ला पाते हैं।"

निर्देशक अनुभव सिन्हा का अगला पड़ाव देहरादून, आम जनता से उनका पसंदीदा सिनेमा की यात्रा

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निर्देशक अनुभव सिन्हा इन दिनों सिनेमा की दुनिया से दूर आम लोगों के बीच उनसे ये जानने की कोशिश कर रहे हैं कि वे किस तरह की फिल्म चाहते हैं। उन्होंने गुरुवार को सोशल मीडिया के जरिए बताया है कि उनकी यात्रा का आने वाला टूर देहरादून का होगा।

निर्देशक ने इंस्टाग्राम स्टोरीज पर एक पोस्टर शेयर किया, जिसमें लिखा, "मैं आ रहा हूं आपके शहर देहरादून में... आपके देहरादून में आपसे जानने।"

सिन्हा ने फॉलोअर्स को जानकारी के लिए अपना संपर्क नंबर भी साझा किया ताकि फैंस सीधे उनसे जुड़ सकें।

दरअसल, कुछ समय पहले निर्देशक ने एक वीडियो के जरिए प्रशंसकों को जानकारी देते हुए इस बात की घोषणा की थी कि यह टूर वह आम जनता को करीब से जानने और उनको समझने के लिए है कि वे सिनेमा से क्या चाहते हैं और किस तरह की कहानियां वे देखना चाहते हैं।

इस यात्रा की शुरुआत निर्देशक ने लखनऊ से की थी, जिसकी जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए दी थी। निर्देशक का कहना है कि यह यात्रा महज एक प्रमोशनल टूर नहीं, बल्कि एक सिनेमाई संवाद का पुल है, जो मुंबई की चमक-दमक से दूर, ग्रामीण और अर्ध-शहरी भारत की आवाज को सुनने का प्रयास है।

 अनुभव अपने फिल्मी करियर में कई शानदार फिल्में बना चुके हैं, जिनमें 'आर्टिकल 15,' 'मुल्क,' 'थप्पड़,' 'भीड़,' 'अनेक,' और 'गुलाब गैंग' शामिल हैं।


रश्मिका मंदाना ने खोला अभिनय का राज, बताया 'थामा' में कैसे निभाया ताड़का का किरदार

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फिल्मों की दुनिया में रश्मिका मंदाना ने अपनी खास जगह बना ली है। उन्हें सिर्फ दर्शकों का पसंदीदा चेहरा ही नहीं माना जाता, बल्कि उनकी अदाकारी और हर किरदार में खुद को ढालने की कला भी लोगों को काफी पसंद आती है। 

इन दिनों वह अपनी हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'थामा' को लेकर चर्चाओं में हैं। फिल्म 100 करोड़ के क्लब में शामिल हो गई है। इस सफलता के बाद रश्मिका ने अपने किरदार के अनुभव को लेकर बात की।

आईएएनएस को दिए इंटरव्यू में रश्मिका ने बताया कि उनका किरदार 'ताड़का' इंसानी भावनाओं को धीरे-धीरे सीख रही है। ताड़का बहुत लंबे समय से जीवित है और जंगल में रहती है, इसलिए उसे इंसानों की भावनाओं और आदतों को समझना नया और रोचक लगता है। हर बार जब कोई रोता या हंसता है, तो वह सोचती है कि लोग ऐसा कैसे करते हैं। यही वजह है कि ताड़का इंसानों की हर छोटी-छोटी चीज सीखने की कोशिश करती है।

रश्मिका ने अपने वैंपायर के किरदार को निभाने के लिए खुद को एक जानवर की तरह सोचा और इंसानों की आदतों और भावनाओं को अपने अभिनय में दिखाया।

 उन्होंने कहा, ''मेरे किरदार के लिए रोना आसान नहीं है। ताड़का को रोना नहीं आता, इसलिए वह सिर्फ चिल्ला सकती है, और यही उसकी खास शक्ति है। इस बात को मैंने अपने अभिनय के जरिए दर्शाने की पूरी कोशिश की है, जिससे दर्शक मेरे किरदार की अलग दुनिया और अनुभवों को महसूस कर सकें। मैंने अपने किरदार की परफॉर्मेंस यह सोचकर तैयार की कि अगर मैं खुद जानवर से इंसान बनती, तो कैसे इंसानी भावनाओं को सीखती।''

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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