न्यूयॉर्क में गांधी जी, सत्यजित रे और नेताजी के जीवन का जश्न

अपने 21वें संस्करण के साथ न्यूयॉर्क इंडियन फिल्म फेस्टिवल की वापसी हो रही है। इस बार इस समारोह का मुख्य आकर्षण महात्मा गांधी, सत्यजित रे और सुभाष चंद्र बोस के जीवन पर आधारित फिल्में होंगी।

फोटो: सोशल मीडिया
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गरिमा सधवानी

अपने 21वें संस्करण के साथ न्यूयॉर्क इंडियन फिल्म फेस्टिवल की वापसी हो रही है। इस बार इस समारोह का मुख्य आकर्षण महात्मा गांधी, सत्यजित रे और सुभाष चंद्र बोस के जीवन पर आधारित फिल्में होंगी। ‘अहिम्सा गांधी : द पावर ऑफ द पावरलेस’ का निर्देशन रमेश शर्मा ने किया है। इस फिल्म में उनका सारा फोकस इस तथ्य को दर्शाने में है कि गांधी जी का संदेश किस तरह से पूरी दुनिया में फैला। इस फेस्टिवल के जरिए इस फिल्म का अमेरिका में प्रीमियर हो रहा है। समारोह में सत्यजित रे पर बनाई गई डॉक्युमेंट्री (वृत्तचित्र) ‘द म्यूजिक ऑफ सत्यजित रे’ भी दिखाई जाएगी। यह डॉक्युमेंट्री महान फिल्मकार के सौ वर्षों का जश्न मनाती है। इस श्रेणी में जो फिल्म अंत में दिखाई जाएगी वह है ‘एट द ऑल्टर ऑफ इंडियाज फ्रीडम – आईएनएज वेटरन्स ऑफ मलेशिया’। यह फिल्म नेता जी और उनकी फौज के सदस्यों के जीवन के इर्दगिर्द घूमती है।

न्यूयॉर्क इंडियन फिल्म फेस्टिवल के लिए समारोह निदेशक असीम छाबड़ा बताते हैं, “इस वर्ष जहां महात्मा गांधी की 150 वीं और नेताजी की 125 वीं जयंती है, वहीं सत्यजित रे की भी सौवीं जयंती है। और हम इन सभी महान नायकों का उत्सव एक साथ मना रहे हैं।”

समारोह की शुरुआत कन्नड़ फिल्म ‘ह्वेर इज पिंकी’ से होगी और इसका समापन अजितपाल सिंह की फिल्म ‘फायर इन द माउंटेन्स’ से होगा। इस वर्ष इस समारोह के पास 58 फिल्में हैं जिनमें से 31 फीचर फिल्में और 27 लघु फिल्में हैं। समारोह में जो 58 फिल्में दिखाई जाएंगी उनमें से बहुत सारी फिल्मों का अमेरिका में प्रीमियर किया जाएगा। सभी फिल्में अमेरिका में रहने वाले दर्शकों के लिए उपलब्ध हैं जबकि इनमें से 20 फिल्में कनाडा और 11 भारत और पूरे विश्व के दर्शकों के लिए भी उपलब्ध होंगी।

इस समारोह की ज्यूरी को जो सबसे रोचक बात पता नहीं थी वह यह है कि इस बार वे जो तलाश रहे थे वह इस समारोह में है। वह चाह रहे थे कि अधिक से अधिक ऐसी फिल्में हों जो बच्चों के इर्दगिर्द हों या फिर उनमें मुख्य नायक बच्चा हो। छाबड़ा बताते हैं, “हम जो नौ पुरस्कार हर वर्ष देते हैं उनमें से इस वर्ष सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का नामांकन करना हमारे लिए सबसे मुश्किल था। हमें सारी फिल्में देखनी पड़ीं जिनमें से कुछ ग्रामीण भारत की पृष्ठभूमि पर थीं और उनमें स्थानीय कलाकार थे। इन सब में से केवल पांच को चुनना हमारे लिए सच में बहुत ही चुनौती भरा काम था।”


तेलुगु, तमिल, मराठी, कन्नड़, असमिया, बांग्ला और पंजाबी सहित 15 भारतीय भाषाओं की फिल्में इस समारोह में शामिल की गई हैं। छाबड़ा कहते हैं कि विविधता का अपना महत्व है। साथ ही वह यह भी कहते हैं कि इन फिल्मों में सब-टाइटल हैं जो लोगों के लिए इन फिल्मों को समझना आसान बना देते हैं। भारत में बोली जाने वाली विभिन्न भाषाओं की फिल्मों की ओटीटी स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्मों जैसे कि नेटफ्लिक्स और एमेजन प्राइम पर जिस प्रकार से लोकप्रियता बढ़ रही है और फेस्टिवल के दर्शकों में जो विविधता है उसके मद्देनजर सही फिल्मों का चयन करना हमारे लिए परीक्षा बन जाती है। वह कहते हैं, “मैं अलग-अलग भाषाओं की फिल्मों को लेकर बहुत उत्साहित हो जाता हूं क्योंकि मैं बस अच्छी फिल्मों के लिए हमेशा उत्साहित रहता हूं।”

जो मजेदार बात छाबड़ा बताते हैं वह यह है कि उन्हें कभी इन फिल्मों को ढूंढने नहीं जाना पड़ा। वह कहते हैं, “हमें बहुत सारी रोचक प्रविष्टियां भेजी जाती हैं और जब हम अपनी यात्रा शुरू करते हैं तो हम बहुत ही बढ़िया फिल्मों से रू-ब-रू होते हैं। ऐसी फिल्में बहुत ही महत्वपूर्ण कहानियां बताती हैं।”

इस बार फेस्टिवल में बहुत सारे पैनल भाषा आधारित होंगे, जैसे तमिल फिल्मों के लिए एक पैनल होगा, मराठी फिल्मों के लिए एक अलग पैनल होगा, इसी तरह अन्य के लिए अलग-अलग पैनल होंगे। इसके अलावा पहले से ही रिकॉर्डेड प्रश्नोत्तर सत्र भी होंगे। साथ ही, समारोह के आरंभ और समापन पर आमंत्रित मेहमानों के लिए न्यू यॉर्क में नाइट पार्टी होंगी और 13 जून को पुरस्कार समारोह होगा।

छाबड़ा बताते हैं कि अमेरिकी में जिन लोगों को वैक्सीन लग चुकी है वे बिना मास्क के बाहर निकल सकते हैं इसलिए क्रू के पास इस फेस्टिवल को ऑफलाइन कराने का अवसर था लेकिन इस समारोह की योजना बनाने के क्रम में यह फैसला बहुत देर से आया। और ऑनलाइन एडिशन हम सब के लिए ही नहीं बल्कि वैश्विक दर्शकों के लिए भी सुलभ होते हैं।

समारोह के सामने जो एकमात्र चुनौती थी वह यह थी कि महामारी के चलते पिछले वर्ष बहुत अधिक संख्या में फिल्में नहीं बनाई गईं, इसी कारण विगत वर्षों की तुलना में इस वर्ष प्रविष्टियां कम संख्या में आईं। लेकिन जैसा छाबड़ा कहते हैं, “क्वान्टिटी से क्वालिटी का ज्यादा महत्व है।” यह फिल्म समारोह 4 जून से 13 जून तक वर्जुअली होगा। इसकी टिकटें nyiff.moviesaints.com पर उपलब्ध हैं।

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