गुरु दत्त की 100वीं जयंती के पर उन्हें श्रद्धांजलि देगा IFFM, ‘प्यासा’ और ‘कागज के फूल’ की होगी विशेष स्क्रीनिंग

आयोजकों ने कहा, ‘‘इस श्रद्धांजलि के साथ आईएफएफएम का उद्देश्य न केवल उस व्यक्ति, बल्कि एक सच्चे लेखक की विरासत का जश्न मनाना है, जिसने भारतीय सिनेमा को कुछ सबसे यादगार क्षण दिए।’’

गुरु दत्त: जीवन की पूर्णता और माधुर्य की खोज में बेचैन कलाकार
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पीटीआई (भाषा)

मेलबर्न भारतीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफएम), 2025 के अपने संस्करण में प्रतिष्ठित फिल्म निर्माता गुरु दत्त की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में उन्हें श्रद्धांजलि देगा।

आयोजकों ने एक बयान में कहा कि महोत्सव में उनकी दो सबसे प्रसिद्ध फिल्मों ‘‘प्यासा’’ (1957) और ‘‘कागज़ के फूल’’ (1959) की विशेष स्क्रीनिंग होगी।

कहानी कहने के अपने काव्यात्मक अंदाज और सिनेमा की गहरी समझ के लिए पहचाने जाने वाले गुरु दत्त हिंदी सिनेमा की सबसे सम्मानित शख्सियतों में से एक हैं।

आयोजकों ने कहा, ‘‘इस श्रद्धांजलि के साथ आईएफएफएम का उद्देश्य न केवल उस व्यक्ति, बल्कि एक सच्चे लेखक की विरासत का जश्न मनाना है, जिसने भारतीय सिनेमा को कुछ सबसे यादगार क्षण दिए।’’


महोत्सव की निदेशक मीतू भौमिक लांगे ने कहा कि यह श्रद्धांजलि एक सच्चे सिनेमाई शख्सियत की विरासत को सम्मानित करने का एक प्रयास है।

उन्होंने कहा, ‘‘गुरुदत्त सिनेमाई तकनीक और अपनी कहानियों की भावनात्मक गहराई, दोनों ही मामलों में अपने समय से बहुत आगे थे। ‘प्यासा’ और ‘कागज़ के फूल’ जैसी उनकी फ़िल्में सिर्फ क्लासिक फ़िल्में ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर हैं जो भारतीय सिनेमा की आत्मा से जुड़ती हैं।’’

मेलबर्न भारतीय फिल्म महोत्सव 2025 का आयोजन 14 अगस्त से 24 अगस्त तक किया जाएगा।