सिनेजीवन: ‘किंग’ में राघव जुयाल की एंट्री और खुद को 19 साल का जवान समझता हैं जैकी श्रॉफ
सूत्र ने बताया, “राघव जुयाल फिल्म 'किंग' में हैं और वह जैकी श्रॉफ के बेटे का किरदार निभाएंगे। जैकी श्रॉफ ने कहा कि मेरा मन मुझे 19 साल का लगता है और शरीर अभी भी जवान महसूस कराता है।

‘किंग’ में राघव जुयाल की एंट्री, जैकी श्रॉफ-शाहरुख खान संग आएंगे नजर
फिल्म इंडस्ट्री के उभरते सितारे और ‘स्लो मोशन किंग’ राघव जुयाल जल्द ही 'किंग' में नजर आएंगे। शाहरुख खान की मोस्टअवेटेड फिल्म में वो जैकी श्रॉफ के बेटे की भूमिका निभाने जा रहे हैं।
इस हाई-वोल्टेज एक्शन थ्रिलर में जैकी श्रॉफ एक खतरनाक खलनायक के किरदार में नजर आएंगे। यह जानकारी करीबी सूत्र ने साझा की है।
सूत्र ने बताया, “राघव जुयाल फिल्म 'किंग' में हैं और वह जैकी श्रॉफ के बेटे का किरदार निभाएंगे। उन्होंने खुलासा किया कि फिल्म की अधिकांश शूटिंग पूरी हो चुकी है। उन्होंने बताया, “फिल्म का मुख्य हिस्सा शूट हो चुका है। बचे हुए दृश्यों की शूटिंग अक्टूबर में होगी और कुछ हिस्से अगले साल फिल्माए जाएंगे।”
फिल्म 'किंग' में राघव जुयाल, शाहरुख खान, और जैकी श्रॉफ के साथ दीपिका पादुकोण, अभिषेक बच्चन, जयदीप अहलावत, अनिल कपूर और अभय वर्मा जैसे सितारे भी अहम भूमिकाओं में हैं। अभिषेक बच्चन भी इस फिल्म में खलनायक की भूमिका में दिखेंगे, जिसकी पुष्टि मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने हाल ही में की थी।
मेरा मन 19 का, मैं अभी भी खुद को जवान समझता हूं : जैकी श्रॉफ

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता जैकी श्रॉफ 68 साल की उम्र में खुद को जवान समझते हैं। उन्होंने वेब सीरीज 'हंटर 2 : टूटेगा नहीं, तोड़ेगा' में एक्शन सीन्स किए, जिस पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि वह पहले से मजबूत हो गए हैं।
शुक्रवार को सीरीज हंटर 2: टूटेगा नहीं, तोड़ेगा' के ट्रेलर लॉन्च के इवेंट में जैकी शामिल हुए थे। इस मौके पर अभिनेता ने एक्शन सीन करने के अनुभव के बारे में बताया।
अभिनेता ने कहा, "एक्शन के दौरान मेरे हाथ और पैर फ्रेक्चर हो गए थे, साथ ही कई चोटें भी आई थी। लेकिन भगवान की कृपा से मैं और भी मजबूत हो गया हूं। मेरा मन मुझे 19 साल का लगता है और शरीर अभी भी जवान महसूस कराता है।"
उन्होंने इस सीरीज के दौरान एक्शन सीक्वेंस का जिक्र करते हुए याद किया कैसे एक बार एक्शन करते हुए सुनील शेट्टी को चोट आई थी। उन्होंने बताया कि सुनील की पसलियों पर किसी ने गलती से लकड़ी का एक टुकड़ा असली में मार दिया था।
अभिनेता ने कहा, "मेरे टखने में भी चोट लगी थी और बाएं हाथ की मांसपेशी फट गई थी। लेकिन ये सब हमारे काम का एक हिस्सा था। एक्शन एक ऐसी चीज है जो हमें फिट रखता है।"
अनुराग बसु ने एक साथ सुनाई थी ‘गैंगस्टर’ और ‘लाइफ इन ए मेट्रो’ की स्टोरी, प्रीतम ने सुनाया किस्सा

संगीतकार प्रीतम ने अपनी पुरानी यादों को ताजा करते हुए बताया कि फिल्म निर्माता-निर्देशक अनुराग बसु ने एक साथ उन्हें ‘गैंगस्टर’ और ‘लाइफ इन ए मेट्रो’ की कहानी सुनाई थी।
प्रीतम ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में अपने लंबे समय के सहयोगी और 'मेट्रो...इन दिनों' के निर्देशक अनुराग बसु के साथ काम करने और शुरुआती दिनों का जिक्र करते हुए किस्सा भी सुनाया। प्रीतम ने बताया कि यह कहानी 27 साल पुरानी है, जब दोनों टेलीविजन की दुनिया में अपने करियर की शुरुआत कर रहे थे।
प्रीतम ने बताया, “साल 1998 में मेरी मुलाकात अनुराग से एक दोस्त के जरिए हुई थी। उस समय अनुराग एक भूतों पर आधारित सीरियल बना रहे थे। मैंने उस सीरियल के लिए जी टीवी पर टाइटल सॉन्ग बनाया। फिर अनुराग ने 'मर्डर' बनाई, जो सुपरहिट रही। दूसरी ओर, मैंने 'धूम' के साथ संगीतकार के तौर पर सफलता हासिल की।”
दोनों फिल्में एक ही साल रिलीज हुई थीं। 'मर्डर' का संगीत अनु मलिक ने दिया था, जबकि 'धूम' के निर्देशक संजय गढ़वी थे।
गीता दत्त की गायकी में छलकते थे जज्बात, दीवानी थीं लता मंगेशकर

गायकी सिर्फ सुर और ताल का खेल नहीं होती, बल्कि यह दिल से जुड़े एहसास का रूप होती है। जब कोई गायक अपनी आवाज में दिल की सच्ची भावनाएं डालता है, तो उसका गीत सीधे हमारे दिल तक पहुंच जाता है। गीता दत्त ऐसी ही गायिका थीं, जिनकी आवाज में सिर्फ संगीत नहीं, बल्कि उनके जज्बात भी छलकते थे। उनकी आवाज में एक खास तरह का दर्द, प्यार और खनक होती थी, जो सुनने वाले को अंदर तक छू जाती थी। यही वजह थी कि उस दौर की सबसे बड़ी गायिका लता मंगेशकर भी उनकी गायकी की दीवानी थीं।
लता मंगेशकर ने कई बार कहा था कि गीता दत्त एक खास तरह की गायिका हैं, जिनकी गायकी में एक अलग ही प्यार और जुड़ाव था, जो उन्हें बहुत पसंद आता था। उन्होंने अपनी किताब 'लता सुर गाथा' में भी गीता दत्त का जिक्र किया था और उन्हें नेकदिल लड़की बताया था। अपनी किताब में उन्होंने उस पल को बयां किया, जब उन्हें गीता दत्त के निधन की खबर मिली थी।
किताब के जरिए लता मंगेशकर ने कहा, ''गीता दत्त को क्या हुआ कि मुझे मालूम ही नहीं चल सका कि उसकी मृत्यु हुई है। ताज्जुब की बात तो यह थी कि मुझे सलिल चौधरी जी का फोन आया और उन्होंने कहा, 'लता, तुम तुरंत चली आओ, गीता के साथ ऐसे-ऐसे हुआ है।' मुझे एकाएक धक्का लगा और मैं जब गई तो वे मुझे गीता के अंतिम दर्शन कराने लेकर गए। गीता से मेरी बहुत पटती थी और वह बहुत नेकदिल लड़की थी, इसलिए उसका अचानक यूं चले जाना कहीं भीतर निराश कर गया।''
साधारण संगीत ही गानों की सबसे बड़ी ताकत: संगीतकार मिथुन

संगीतकार मिथुन इन दिनों हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'सैयारा' के गाने 'धुन' को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने गानों में भारी म्यूजिक नहीं डालते। वह गानों को बहुत साधारण रखते हैं और यही गानों की असली ताकत होती है।
संगीतकार मिथुन ने हाल ही में आईएएनएस से खास बातचीत की और कहा कि उनका मानना है कि जब वह गाना बनाते हैं, तो उसमें जरूरत से ज्यादा सुर या कंप्यूटर से बनाए गए साउंड नहीं जोड़ते। वह चाहते हैं कि गाने का असली भाव बना रहे इसलिए वह म्यूजिक को साधारण ही रखना पसंद करते हैं, ताकि श्रोता गाने की भावना को महसूस कर सकें।
मिथुन ने आईएएनएस को बताया, "मेरे गानों में पहले से ही बहुत कम म्यूजिक होता है। इसलिए उन्हें अलग-अलग हिस्सों में बांटकर समझना मुश्किल होता है। मैं मानता हूं कि एक गाने की सबसे बड़ी ताकत यह नहीं होती कि उसमें कितने साज या कंप्यूटर साउंड डाले गए हैं, बल्कि उसकी धुन और भावना होती है।"
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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