गुजरात से कांग्रेस के लिए अच्छी खबर: चार में से तीन रीजन में आगे, पटेल-आदिवासी-दलित और कारोबारी भी साथ

गुजरात से कांग्रेस के लिए अच्छी खबर है। एक ओपीनियन पोल के मुताबिक कांग्रेस और बीजेपी दोनों को ही बराबर के वोट मिल सकते हैं। कांग्रेस को पटेल-दलित-आदिवासी और कारोबारियों का समर्थन भी मिल सकता है

नवजीवन ग्राफिक्स
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नवजीवन डेस्क

राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की संभावनाओं के बीच गुजरात से कांग्रेस के लिए अच्छी खबरें आ रही हैं। एक न्यूज चैनल के ओपीनियन पोल के मुताबिक गुजरात में कांग्रेस और बीजेपी दोनों को ही बराबर के वोट मिलने की संभावना है। इसके अलावा कई इलाकों में कांग्रेस बीजेपी से आगे है और उसे पटेल-दलति-आदिवासी और कारोबारियों का समर्थन मिलता नजर आ रहा है।

सर्वे के मुताबिक दक्षिण गुजरात, उत्तर गुजरात और सौराष्ट्र-कच्छ के ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस के जीतने की संभावना है, जबकि सौराष्ट्र-कच्छ के शहरी इलाकों में बीजेपी बेहतर स्थिति में है। इसके अलावा पटेल, आदिवासी, दलित और कारोबारी कांग्रेस के साथ हैं। जबकि कोली और सवर्ण बीजेपी के साथ जाते दिखाई दे रहे हैं।

कांग्रेस-बीजेपी के बीच बराबर का मुकाबला

ओपीनियन पोल के आंकड़ों के मुताबिक गुजरात के चारों रीजन में कांग्रेस और बीजेपी बराबरी पर हैं और इनके बीच कांटे का मुकाबला होता नजर आ रहा है। दोनों ही पार्टियों को 43-43 फीसदी वोट मिलने की संभावना है, जबकि 14 फीसदी वोट अन्य के खाते में जाते नजर आ रहे हैं।

मध्य गुजरात में भी मुकाबला कांटे का

सर्वे के आंकड़ों से पता चलता है कि मध्य गुजरात की 40 सीटों पर भी मुकाबला कांटे का है। यहां की ग्रामीण सीटों पर यूं तो कांग्रेस 47 फीसदी वोटों के साथ जीतती नजर आ रही है, जबकि गांवों में बीजेपी के खाते में 43 फीसदी वोट जाने की संभावना है। लेकिन पूरे इलाके में बीजेपी मामूली अंतर से आगे है और मध्य गुजरात में कांग्रेस के खाते में 41 फीसदी और बीजेपी के खाते में 40 फीसदी वोट जाते नजर आ रहे हैं।

दक्षिण गुजरात में बीजेपी को झटका

एबीपी न्यूज के लिए सीएसडीस-लोकनीति के ओपीनियन में पोल के आंकड़ों से बीजेपी की नींद उड़ सकती है। 23 से 30 नवंबर के बीच 50 विधानसभा क्षेत्रों के 200 बूथों पर 3655 लोगों के बीच हुए इस सर्वे के नतीजे बताते हैं कि दक्षिण गुजरात में बीजेपी को झटका लग सकता है। यहां कांग्रेस को कम से कम दो फीसदी वोट ज्यादा मिलते नजर आ रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक यहां कांग्रेस के हिस्से में 42 फीसदी और बीजेपी को 40 फीसदी वोट मिलने की संभावना है। दक्षिण गुजरात में कुल 35 विधानसभा सीटें हैं। यहां के ग्रामीण इलाकों में बीजेपी को 44 फीसदी वोट और कांग्रेस को 42 फीसदी वोट मिलते नजर आ रहे हैं। लेकिन दक्षिण गुजरात के शहरी इलाकों में कांग्रेस 43 फीसदी वोटों के साथ आगे हैं, जबकि बीजेपी के खाते में महज 36 फीसदी वोट ही जाने की संभावना है।

उत्तर गुजरात में भी फिसड्डी बीजेपी

बीजेपी का यही हाल उत्तर गुजरात में भी है। उत्तर गुजरात में बीजेपी को झटका लग सकता है और वह कांग्रेस से पिछड़ती दिख रही है। सर्वे के मुताबिक उत्तर गुजरात में कांग्रेस के हिस्से में 49 फीसदी तो बीजेपी के खाते में 45 फीसदी वोट जाने के आसार हैं। उत्तर गुजरात इलाके में अहमदाबाद और गांधीनगर जैसी सीटें आती हैं। इसके ग्रामीण इलाकों में 56 फीसदी वोटों के साथ कांग्रेस आगे है, जबकि 50 फीसदी वोटों के साथ शहरी इलाकों में बीजेपी के आगे रहने की संभावना है।

सौराष्ट्र-कच्छ भी निकला बीजेपी के हाथ से

कुल 54 सीटों वाले सौराष्ट्र-कच्छ के ग्रामीण इलाकों में भी बीजेपी की हालत खराब है। सर्वे के मुताबिक यहां कांग्रेस के हिस्से में 49 फीसदी वोट आ सकते हैं, जबकि बीजेपी को काफी पीछे सिर्फ 43 फीसदी वोटों से ही संतोष करना पड़ सकता है। लेकिन शहरी इलाकों में बीजेपी बेहतर स्थिति में दिखती है।

पटेल-दलित-आदिवासी-कारोबारी कांग्रेस के साथ

सर्वे के नतीजे बताते हैं कि अगर आज चुनाव हो तो पटेल समुदाय कांग्रेस के पक्ष में वोट देगा, हालांकि उनके पोस्टर ब्वॉय हार्दिक पटेल की लोकप्रियता थोड़ी कम हुई है। वहीं दलित और आदिवासी भी कांग्रेस के साथ खड़े नजर आ रहे हैं और बीजेपी के मुकाबले उसी को वोट देंगे। इसके अलावा जीएसटी को लेकर कारोबारियों की बीजेपी से नाराजगी बरकरार है। और अगर आज चुनाव हों तो वे कांग्रेस को वोट देंगे। लेकिन सवर्ण और कोली समाज बीजेपी के साथ खड़ा नजर आ रहा है।

जीएसटी पर तमाम सफाई, कर दरों में बदलाव, गुजरात के व्यंजनों आदि के लिए विशेष छूट और रिटर्न फाइल करने में नर्मी के बावजूद बीजेपी कारोबारियों को संतुष्ट करने में नाकाम रही है। गब्बर सिंह टैक्स यानी जीएसटी को लेकर व्यापारियों की नाराजगी बरकरार है। सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक 44 फीसदी कारोबारी और व्यापारी जीएसटी से नाराज हैं, जबकि सिर्फ 37 फीसदी ही जीएसटी पर बीजेपी सरकार के फैसले के साथ हैं। सर्वे के नतीजे बताते हैं कि 43 फीसदी व्यापारी कांग्रेस के साथ हैं, जबकि इस मुद्दे पर बीजेपी को वोट देने वाले व्यापारियों की तादाद 40 फीसदी हो सकती हैं।

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने जीएसटी को लेकर लगातार पीएम मोदी पर हमले किए और उन्होंने जीएसटी को ब्रह्मास्त्र की तरह इस्तेमाल किया। उन्होंने बीजेपी पर 'नोटबंदी अस्त्र' से भी हमला किया, लेकिन जीएसटी वाला अस्त्र कामयाब होता दिखाई दे रहा है। ध्यान रहे कि गुजरात के सूरत में देश की सबसे बड़ी कपड़ा मंडी है। जीएसटी लागू होने के बाद सूरत में 22 दिन तक कपड़ा कारोबार बंद रहा था और लाखों की तादाद में सड़कों पर निकलकर व्यापारियों और कारोबारियों ने इसका विरोध किया था। इसके अलावा जीएसटी की मार हीरा उद्योग पर भी पड़ी थी। गुजरात में करीब 25 लाख हीरा कारोबारी भी हैं। कांग्रेस लगातार इन व्यापारियों की समस्याओं को उठाते हुए जीएसटी पर सवाल लगाती रही है। राहुल गांधी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम भी जीएसटी पर सवाल उठा चुके हैं।

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Published: 04 Dec 2017, 8:40 PM