जब खाली दिखा मैदान, तो मोदी के माथे पर पड़ी शिकन और चेहरे पर आया पसीना:  राहुल ने फिर छोड़ा तंज का तीर

गुजरात के भुज में जब पार्टी की रैली में मैदान खाली नजर आया तो पीएम मोदी के चेहरे पर पसीना और माथे पर शिकन नजर आने लगी। कैमरों को एक खास कोण में ही घुमाने का निर्देश दिया गया ताकि असलियत सामने न आए

फोटो : बीजेपी द्वारा यूट्यूब पर पोस्ट भुज रैली के वीडियो का ग्रैब
फोटो : बीजेपी द्वारा यूट्यूब पर पोस्ट भुज रैली के वीडियो का ग्रैब
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नवजीवन डेस्क

गुजरात की चुनावी गूंज में पूरे लाव-लश्कर के साथ कूदे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भुज रैली में जब आधे से ज्यादा मैदान खाली नजर आया तो गुजरात में बीजेपी के चुनावी मैनेजरों के हाथ-पांव फूल गए। रैली में विलंब कराया गया। इस विलंब लंबा होते देख शायद किराए के श्रोता इकट्ठा करने के बाद भी जब मैदान नहीं भरा तो, रैली के मुख्य आकर्षण यानी प्रधानमंत्री मोदी के माथे पर शिकन और जमीन खिसकने की हताशा से चेहरे पर पसीना आ गया।

आमतौर पर ‘फुल ऑफ कांफिडेंस’ या कहें कि ‘ओवर-कांफिडेंस’ दिखाने वाले पीएम मोदी की भाव भंगिमा से भुज में न तो ‘कांफिडेंस’ झलक रहा था और न ही उत्साह। कभी हिंदी और कभी गुजराती में भाषण देते मोदी के भाषण में न लय थी और न कोई सिलसिला।

फोटो : बीजेपी द्वारा यूट्यूब पर पोस्ट भुज रैली के वीडियो का ग्रैब
फोटो : बीजेपी द्वारा यूट्यूब पर पोस्ट भुज रैली के वीडियो का ग्रैब
गुजरात के भुज में पीएम मोदी की रैली के दौरान मंच के ठीक सामने की फोटो

मोदी के भाषण के बड़े हिस्से में उपलब्धियां गिनाने से ज्यादा जोर इस बात पर था कि कांग्रेस गुजरात में क्या कह रही है। हताशा और भीड़ न होने की निराशा में शायद पीएम भूल गए कि पिछले 22 वर्षों से गुजरात में उनकी ही पार्टी बीजेपी की सरकार है।

इसी हताशा और निराशा पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी की है। प्रधानमंत्री की भाव-भंगिमा और मुख्य मुद्दों पर चुप्पी साधने पर तंज कसते हुए राहुल गांधी ने ट्वीट किया है कि, “चेहरे पर शिकन, माथे पर पसीना…डरे-डरे से साहेब नज़र आते हैं…शाह-जादा, राफेल के सवालों पर, जाने क्यूँ इनके होंठ सिल जाते हैं।”

दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार से गुजरात में विधानसभा के लिए ताबड़तोड़ प्रचार शुरु किया। उनकी पहली रैली कच्छ इलाके के भुज में थी। लेकिन रैली काफी देर से शुरु हुई। एक वेबसाइट फर्स्टपोस्ट के मुताबिक रैली के लिए चुना गया मैदान आधे से ज्यादा खाली था, इसलिए मोदी की रैली शुरु कराने में देरी हुई।

न्यूज18 वेबसाइट का स्क्रीनशॉट
न्यूज18 वेबसाइट का स्क्रीनशॉट

सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो और तस्वीरों के जरिए भी यह चर्चा खूब हो रही है कि पीएम की भुज रैली में कुर्सियां खाली पड़ी थीं। नवजीवन को भी ऐसी ही कुछ तस्वीरें और वीडियो पाठकों ने भेजे हैं। इन तस्वीरों और वीडियो की पुष्टि नहीं हो पाई है कि यह तस्वीरें और वीडियो प्रधानमंत्री की रैली के दौरान की हैं या रैली शुरु होने से पहले या बाद की।

फोटो : सोशल मीडिया
फोटो : सोशल मीडिया
सोशल मीडिया पर वायरल वह फोटो जिसे पीएम मोदी की भुज रैली का बताया जा रहा है। लेकिन यह फोटो रैली शुरु होने से पहले की है या बाद या फिर रैली के दौरान की इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है

लेकिन दिलचस्प बात यह है कि आमतौर पर प्रधानमंत्री की रैली में जिब कैमरे यानी क्रेन पर लगे कैमरे को घुमा-घुमाकर कथित तौर पर ‘अथाह जनसमूह’ दिखाने वाले टेलीविजन चैनलों पर भी पीएम की भुज रैली के दौरान ज्यादातर समय कैमरा पीएम पर ही केंद्रित रहा। इन कैमरों ने रैली में शामिल हुए लोगों को दिखाया भी तो कभी-कभी और वह भी सिर्फ एक खास कोण से।

रैली की कवरेज के लिए पहुंची दूरदर्शन की टीम के सूत्रों ने नवजीवन को बताया कि उन्हें इस बात के साफ निर्देश दिए गए थे कि कैमरे को खास कोण से ही घुमाया जाए ताकि जो भी थोड़े बहुत लोग मैदान में हैं, वे ज्यादा नजर आएं।

सूरत में बदली गई रैली की जगह

इतना ही नहीं न्यूज वेबसाइट न्यूज18 की खबर के मुताबिक पीएम मोदी की सोमवार को ही सूरत शहर के मध्य कामरेज में रैली होने वाली थी। लेकिन जब खुफिया विभाग ने रिपोर्ट दी कि इस रैली में बीजेपी से नाराज पाटीदार हंगामा कर सकते हैं तो मोदी की रैली को सूरत शहर से 20 किलोमीटर दूर कडोदरा में करने का फैसला लिया गया। न्यूज18 के मुताबिक बीजेपी रैली स्थल बदलने का कारण लॉजिस्टिक बताया था।

सूरत शहर पाटीदार आंदोलन का केंद्र रहा है। और जीएसटी लागू होने के बाद सूरत शहर में ही लाखों की तादाद में व्यापारियों ने सड़कों पर उतरकर जीएसटी का विरोध किया था। रैली में भीड़ न जुटने और पाटीदारों के हंगामें के डर से ही बीजेपी ने मोदी की रैली को सूरत से बाहर करने का फैसला लिया।

लगातार करते रहे हैं राहुल गांधी व्यंग्यात्मक टिप्पणियां

राहुल गांधी लगातार प्रधानमंत्री मोदी पर अपने ट्वीट के माध्यम से तंज कसते रहते हैं। अभी 25 नवंबर को ही राहुल गांधी ने पाक आतंकी हाफिज सईद की रिहाई और पाक सेना की लश्कर को फंडिंग पर अमेरिकी क्लीन चिट के हवाले से कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति से गले मिलना काम नहीं आया। नए सिरे से गले मिलने की जरूरत है।

इसी तरह राहुल ने दिल्ली और एनसीआर में करीब सप्ताह भर तक छाए रहे प्रदूषण और धुंध के बहाने एक शे’र लिखते हुए पूछा था कि आखिर सबकुछ जानते हुए भी साहेब अनजान क्यों है।

कांग्रेस ने पीएम मोदी को बताया 'अस्वस्थ मानसिकता' से ग्रस्त

इस बीच कांग्रेस ने दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस कर सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'अस्वस्थ मानसिकता' से ग्रस्त हैं। कांग्रेस ने मोदी पर गैर जिम्मेदाराना और झूठे बयान देने का आरोप लगाया। पार्टी ने मोदी पर जवाहरलाल नेहरू के योगदान पर गुजरात के लोगों को गुमराह करने का भी आरोप लगाया। पार्टी प्रवक्ता आनंद शर्मा ने मीडिया से कहा, "प्रधानमंत्री कहते हैं कि देश के पहले प्रधानमंत्री ने गुजरात के लिए कुछ भी नहीं किया था। यह गलत है और सच्चाई से बहुत दूर है। हम इसकी निंदा करते हैं।" शर्मा ने कहा, "प्रधानमंत्री अस्वस्थ मानसिकता से ग्रस्त हैं, जो एक राष्ट्रीय चिंता का विषय है।" उन्होंने कहा, "वह मानते हैं कि उनके आने से पहले देश व गुजरात में कुछ हुआ ही नहीं।"

उन्होंने कहा, "जब कोई व्यक्ति यह कहता है कि संसार मुझसे पहले नहीं बना, मेरे आने से पहले भारत की कोई पहचान नहीं थी तो यह अस्वस्थ मानसिकता है.वह (मोदी) हमेशा कहते हैं कि यह पहली बार हो रहा है।" उन्होंने कहा, "उन्हें यह बताए जाने की जरूरत है कि भारत परमाणु शक्ति 1974 में बना, हम अंतरिक्ष में गए, चंद्रयान, मंगलयान पहले ही प्रक्षेपित हो चुके थे। भारत की दुनिया भर में मान्यता थी।"

शर्मा ने कहा, "भारतीय जनता पार्टी चिंतित है। गुजरात में कांग्रेस के बढ़ते सर्मथन को देख वे उद्विग्न हो चुके हैं।" उन्होंने कहा, "वे यह भूल गए हैं कि कांग्रेस ने लाल बहादुर शास्त्री और मनमोहन सिंह जैसे प्रधानमंत्री दिए हैं जो साधारण पृष्ठभूमि से आए थे।"

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Published: 27 Nov 2017, 11:57 PM