मोदी सरकार में रेल यात्रियों की जान खतरे में, 2017 में हर पांचवें दिन हुआ एक हादसा

मोदी सरकार रेल यात्रियों को सुरक्षित सफर मुहैया कराने में नाकाम रही है। गुजरते साल यानी 2017 में औसतन हर पांचवे दिन एक रेल हादसा हुआ।

फाइल फोटो
फाइल फोटो
user

इंडियास्पेंड

बीता साल रेल यात्रियों और भारतीय रेल के लिए बेहद तकलीफों और दुश्वारियों वाला रहा। 2017 में हर पांचवे दिन कम से कम एक रेल हादसा हुआ। इनमें रेल के पटरी से उतरने से लेकर रेल में आग लगने और टक्कर होने तक के हादसे शामिल हैं।

इंडिया स्पेंड की रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में 63 रेल हादसे हुए, जिसमें लोगों की जान गई। यह हादसे पहली जनवरी 2017 से 30 नवंबर 2017 के बीच दर्ज किए गए। यह जानकारी खुद सरकार ने राज्यसभा में 15 दिसंबर को दिए एक जवाब में दी।

मोदी सरकार में रेल यात्रियों की जान खतरे में, 2017 में हर पांचवें दिन हुआ एक हादसा

इन हादसों में सबसे ज्यादा 45 मामले यानी करीब 71 फीसदी हादसे ऐसे हैं जिनमें ट्रेन पटरी से उतरीं। 12 दुर्घटनाएं मानवरहित लेवल क्रासिंग पर हुई, 4 दुर्घटनाएं ट्रेनों की टक्कर से और एक आग लगने की है।

फाइल फोटो
फाइल फोटो
अप्रैल 2017 में झारखंड में एक ट्रेन में आग लगी थी। सौभाग्य से इस हादसे में किसी की जान नहीं गई थी

पिछले साल यानी 2016-17 में 78 हादसे हुए थे, जिसमें 193 लोगों की मौत हुई थी। रेल हादसों में मौत का यह आंकड़ा पिछले दस साल में सबसे ज्यादा था।

इस साल अगस्त में एक के बाद एक हुए रेल हादसों के बाद तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु को इस्तीफा देना पड़ा था। अकेले अगस्त और सितंबर में ही 9 रेल हादसे हुए थे।

फाइल फोटो
फाइल फोटो
मुंबई के एलफिंस्टन रोड स्टेशन पर फुट ओवर ब्रिज पर भगदड़ मचने से 23 लोगों की जान गई थी

इसके अलावा एक बड़ा हादसा मुंबई में हुआ था, जब एलफिंस्टन स्टेशन के फुट ओवर ब्रिज पर भगदड़ मच गई थी। इस हादसे में 23 लोगों की मौत हुई थी और 38 जख्मी हुए थे।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia