2018: भारतीय राजनीति के कई दिग्गजों ने कह दिया दुनिया को अलविदा

2018 में भारतीय राजनीति के कई दिग्गजों ने दुनिया को अलविदा कह दिया। कुछ नेताओं की मृत्यु से देश अचंभे में रह गया तो कुछ नेताओं की मृत्यु राष्ट्रीय घटना की तरह सामने आई।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

2018 में भारत के कई राजनीतिक हस्तियों ने दुनिया को अलविदा कह दिया, जिसमें भारतीय राजनीति के कई दिग्गज भी शामिल हैं। इनमें कुछ ऐसे नेता भी हैं जिनकी मृत्यु से देश अचंभे में रह गया और कुछ ऐसे भी जिनकी मृत्यु एक राष्ट्रीय घटना की तरह सामने आई।

6 अगस्त को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजिन्दर कुमार धवन का 81 साल की उम्र में दिल्ली में निधन हो गया। वे लंबी बीमारी से जूझ रहे थे। आरके धवन का जन्म पाकिस्तान के चिनियोट में हुआ था। वे एक मिलनसार शख्स थे और उन्होंने 1962 से 1984 तक यानी 22 वर्षों तक इंदिरा गांधी के सहयोगी के रूप में काम किया।

7 अगस्त को तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज नेता एम करूणानिधि ने चेन्नई में आखिरी सांस ली। वे 94 साल के थे। लोग उन्हें प्यार से कलैनार कहते थे जिसका अर्थ होता है लेखक। वे तमिल सिनेमा के जाने-माने लेखक और द्रविड़ आंदोलन के बड़े नेता थे। 1969 से 2011 तक वे तमिलनाडु के 5 बार सीएम रहे।

13 अगस्त को सोमनाथ चटर्जी ने भी इस दुनिया को अलविदा कह दिया। 89 साल के चटर्जी 10 बार लोकसभा के सदस्य रहे और यूपीए शासन के दौरान स्पीकर भी चुने गए। 1984 में सिर्फ एक बार उन्हें पराजय का मुंह देखना पड़ा जब ममता बनर्जी ने जादवपुर निर्वाचन क्षेत्र में उन्हें हरा दिया था। चटर्जी की मार्क्सवाद में गहरी आस्था थी और वे 1968 में ही सीपीएम के सदस्य बन गए थे। हालांकि अपने आखिरी सालों में पार्टी से उनकी दूरी हो गई थी।

16 अगस्त को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दिल्ली में मृत्यु हो गई। 93 साल के वाजपेयी लंबे समय से असक्त अवस्था में थे। वाजपेयी को भारत में दक्षिणपंथ के उदार चेहरे के रूप में देखा जाता था। उन्हें उनकी वक्तृत्व क्षमता के लिए सबसे ज्यादा प्रशंसा मिलती रही। वे तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने। पहली बार 1996 में 13 दिनों के लिए, 1998 में 13 महीनों के लिए और 1999 में जब वे तीसरी बार पीएम बने तो उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया। वाजपेयी कवि भी थे।

22 अगस्त को पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता गुरुदास कामत की 63 साल की उम्र दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। कामत न सिर्फ पांच बार सांसद रहे, बल्कि उन्हें मजबूत संगठनकर्ता के रूप में भी देखा जाता था। कामत ने 1984 में बीजेपी के दिग्गज रहे प्रमोद महाजन को मुंबई उत्तर पूर्व निर्वाचन क्षेत्र से हराया था। वे अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के महासचिव भी थे। ऐसा कहा जाता है कि वे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के काफी करीब थे।

18 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रहे एनडी तिवारी का निधन हो गया। 93 साल के तिवारी आजादी के समय से ही भारतीय राजनीति का हिस्सा रहे। उन्होंने अपना पहला चुनाव 1952 में जीता था।

27 अक्टूबर को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता मदन लाल खुराना का देहांत हो गया। छात्र नेता के रूप में राजनीति में शामिल होने वाले खुराना बीजेपी में कई सांगठनिक पदों पर रहे। वे वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री भी बनाए गए थे।

12 नवंबर को 59 साल की उम्र में केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार की असामयिक मृत्यु हो गई। वे बीजेपी के कद्दावर नेताओं में शामिल थे। 1996 से बैंग्लुरू दक्षिण से उन्होंने पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता था और उसके बाद वे लगातार 6 बार वहां से सांसद रहे।

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