अटल सरकार में 2 और यूपीए शासनकाल में हुए 6 सर्जिकल स्ट्राइक्स! कांग्रेस ने दिया तारीखों सहित ब्योरा

यूपीए शासन में भारत ने 6 बार सर्जिकल स्ट्राइक्स किए थे। इसकी जानकारी देते हुए कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि, लेकिन हमने कभी इसका इस्तेमाल चुनावी लाभ लेने के लिए नहीं किया।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

बीजेपी नेताओं द्वारा चुनावी लाभ के लिए अपने भाषणों में बार-बार सर्जिकल स्ट्राइक्स और एयर स्ट्राइक के बारे में जिक्र करने को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर पलटवार किया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने आज (गुरुवार) कहा कि यूपीए शासन में भारत ने 6 बार सर्जिकल स्ट्राइक्स किए, लेकिन हमने कभी इसका इस्तेमाल चुनावी लाभ लेने के लिए नहीं किया। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजीव शुक्ला ने कहा कि यूपीए शासने 6 और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी भारत ने 2 सर्जिकल स्ट्राइक्स की थीं।

मोदी सरकार पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक्स पर कभी हमने अपनी छाती नहीं पीटी। लेकिन जिस शख्स ने सिर्फ एक सर्जिकल स्ट्राइक की, वह अपनी पीठ थपथपा रहा है। उन्होंने कहा, न तो पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और न ही अटल बिहारी वाजपेयी ने इसे लेकर कभी प्रेस कॉन्फ्रेंस की। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार 1999 से 2004 तक रही। वहीं यूपीए सरकार ने 2004 से 2014 तक देश पर राज किया।

कांग्रेस नेता ने यह भी बताया कि भारत ने किस तारीख को 'सर्जिकल स्ट्राइक' की थीं। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान पहली सर्जिकल स्ट्राइक को 19 जून 2008 को जम्मू-कश्मीर के पुंछ स्थित भट्टल सेक्टर में किया गया था। वहीं दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक 30 अगस्त से 1 सितंबर 2011 के बीच केल में नीलम रिवर वैली के पास शारदा सेक्टर में दिया गया। जबकि 6 जनवरी 2013 को सावन पत्रा चेकपोस्ट पर भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया। चौथी 27-28 जुलाई 2013 को नजीरपीर सेक्टर, पांचवीं 6 अगस्त 2013 को नीलम वैली पर और छठी सर्जिकल स्ट्राइक 14 जनवरी 2014 को की गई।

राजीव शुक्ला ने अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान हुए सर्जिकल स्ट्राइक्स के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि वाजपेयी सरकार में भारतीय सेना ने पहली बार 21 जनवरी 2000 को नाडला एन्क्लेव और दूसरी 18 सितंबर 2003 को पूंछ के बरोह सेक्टर में सर्जिकल स्ट्राइक किया।

लोकसभा चुनाव 2019 में सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक का मुद्दा एकबार फिर गरम है। नरेंद्र मोदी इसे अपनी उपलब्धि बताकर वोट मांग रहे हैं। वहीं विपक्षी इसे निंदनीय बता रहे हैं। उनका कहना है कि कभी किसी सरकार ने सेना का इस्तेमाल चुनावी लाभ के लिए नहीं किया। विपक्षी दलों ने राष्ट्रवाद और आतंकवाद के मुद्दे को मोदी सरकार की असफलता छिपाने का जरिया करार दिया है। वो मोदी सरकार से विकास, रोजगार और कालेधन पर सवाल पूछ रहे हैं। लेकिन बीजेपी राष्ट्रवाद का राग अलाप रही है।

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