7 राज्य के मुख्यमंत्रियों का मोदी सरकार पर बड़ा आरोप- हमें केंद्र कर रहा परेशान, नहीं मिल रही कोई सहायता
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को राज्यों के जीएसटी मुआवजे सहित NEET और JEE परीक्षाओं को लेकर कांग्रेस शासित राज्यों सहित तीन अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की।
![फोटो: सोशल मीडिया](https://media.assettype.com/navjivanindia%2F2020-08%2F98d9aea3-1756-415b-820b-ebc8580eef89%2Fsonia_gandhi_meeting.webp?rect=0%2C0%2C1200%2C675&auto=format%2Ccompress&fmt=webp)
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को राज्यों के जीएसटी मुआवजे सहित NEET और JEE परीक्षाओं को लेकर कांग्रेस शासित राज्यों सहित तीन अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की। बैठक में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश सिंह बघेल, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह, पुडुचेरी के सीएम नारायणस्वामी, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिस्सा लिया। बैठक मे शामिल सभी मुख्यमंत्रियों ने केंद्र पर जमकर निशाना साधा।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक बुलाने के लिए सोनिया गांधी का शुक्रिया अदा करते हुए नीट-जेईई एग्जाम का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि लाखों की संख्या में छात्र हैं और लॉकडाउन के चलते ट्रांसपोर्ट तक की सुविधा नहीं है। ममता बनर्जी ने बताया कि मैंने एग्जाम को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई पत्र लिखे हैं और कहा है कि जब छात्र परेशान हैं तो ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील कर रिव्यू की मांग कर सकती है।
ममता बनर्जी ने कहा कि हमें छात्रों के साथ खड़ा होना चाहिए। अगर केंद्र कुछ नहीं कर रहा है तो हम लोग भी जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं, हमें कोर्ट जाना चाहिए। ममता बनर्जी ने कहा कि मैं सभी राज्य सरकारों से अपील करती हूं कि सुप्रीम कोर्ट में चलें और एग्जाम टालने की मांग करें। ममता बनर्जी ने जीएसटी के मुद्दे पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में राज्य सरकार पूरा खर्च उठा रही है, फ्री चिकित्सा सेवा दी जा रही है, लेकिन हमें केंद्र सरकार से कुछ सहयता नहीं मिल रही है।
वहीं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि विपक्ष कमजोर होता दिखाई दे रहा है, जिस तरह से एकजुट होकर काम करना चाहिए, वो हो नहीं पा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि जीएसटी को लेकर केंद्र का रवैया दोहरा है। केंद्र सरकार अपनी पार्टी द्वारा शासित राज्य सरकारों की मदद कर रही है, लेकिन बाकी राज्यों को छोड़ दिया जा रहा है। एग्जाम पर सोरेन ने हालांकि पहले ये कहा कि सुप्रीम कोर्ट से पहले पीएम मोदी और राष्ट्रपति से मुलाकात करनी चाहिए, इस पर ममता बनर्जी ने कहा कि उन्हें बहुत पत्र लिख चुके हैं मगर कोई हल नहीं निकला है।
जबकि ममता बनर्जी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बोलने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे जी आप अच्छा लड़ रहे हैं। इस पर उद्धव ने कहा कि मैं लड़ने वाले बाप का लड़ने वाला बेटा हूं। उन्होंने कहा कि केंद्र से डरने की नहीं बल्कि लड़ने की जरूरत है। उद्धव ने कहा कि अगर हम सब साथ रहेंगे तो हमें कोई डरा नहीं पाएगा और हमसे हर आपत्ति डरेगी।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कोरोना से पैदा हुई आर्थिक चुनौतियों का जिक्र किया और केंद्र से जीएसटी की हिस्सेदारी न मिलने का मुद्दा उठाया। उन्होंने आह्वान किया कि सभी मुख्यमंत्रियों को प्रधानमंत्री से मिलना चाहिए और जीएसटी के बकाये का मुद्दा उठाना चाहिए। एग्जाम पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ममता बनर्जी की राय का समर्थन करते हुए कहा कि हम सबको मिलकर सुप्रीम कोर्ट के सामने ये मुद्दा उठाना चाहिए।
जबकि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना के खिलाफ राज्य सरकारें लड़ाई लड़ रही हैं, और केंद्र सरकार की तरफ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के अलावा कुछ नहीं हुआ है। हमारे सुझाव पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। गहलोत ने कहा कि न कोई ग्रांट दी है, न कोई सब्सिडी दी है, बल्कि लोन के रूप में बजट जारी किया गया है। वहीं जीएसटी को लेकर अशोक गहलोत ने बताया कि हमारे राज्य का 6990 करोड़ बकाया है। हमने 25-30 लेटर प्रधानमंत्री जी को लिखे हैं, लेकिन वहां से जवाब ही नहीं आते हैं। जीएसटी को लेकर जो वादे किए गए थे, वो पूरे नहीं हो रहे हैं। जबकि जेईई-नीट एग्जाम पर अशोक गहलोत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में जाकर रिव्यू पिटीशन लगाई जाए और इस मसले पर कोई रास्ता निकाला जाए।
बैठक में भाग ले रहे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल ने कहा कि पिछले चार महीनों से केंद्र सरकार ने जीएसटी कंपनसेशन का भुगतान नहीं किया है। ये स्थिति सही नहीं है। वहीं, एग्जाम के मुद्दे पर भूपेश सिंह बघेल ने भी पीएम और राष्ट्रपति से मिलने के अलावा सुप्रीम कोर्ट तक जाने पर हामी भरी।
पुडुचेरी के सीएम वी. नारायणस्वामी ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने फैसला किया है कि नीट-जेईई एग्जाम खत्म होना चाहिए और 12वीं क्लास के आधार पर मेडिकल कोर्स और इंजीनियरिंग कोर्स में एडमिशन मिलना चाहिए। मैं सभी मुख्यमंत्रियों की राय के साथ हूं और सुप्रीम कोर्ट में छात्रों के लिए इस लड़ाई को लड़ेंगे।
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Published: 26 Aug 2020, 6:20 PM