फिल्मकारों, लेखकों और वैज्ञानिकों के बाद रंगकर्मियों की अपील, ‘विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ वोट करे देश’

लोकसभा चुनावों को लेकर फिल्मकारों, लेखकों, वैज्ञानिकों के बाद अब देश के थियेटर कलाकरों ने लोगों से चुनाव में विभाजनकारी ताकतों को हराने की अपील की है। देश भर के 600 से ज्यादा कलाकारों ने गुरुवार को बयान जारी कर बीजेपी और उसके सहयोगियों को हराने की अपील की।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

देश भर के 600 से ज्यादा थियेटर कलाकारों ने लोगों से आम चुनाव में बीजेपी और उसके सहयोगियों को वोट ना देने की अपील की है। गुरुवार को लगभग 600 से ज्यादा कलाकरों के हस्ताक्षर से जारी इस अपील में कलाकारों ने देश के लोगों से अपील की है कि आगामी चुनाव में विभाजनकारी ताकतों के हराने के लिए वोट करें। अपील में साफ तौर पर कहा गया है कि आगामी चुनाव में बीजेपी और उसके सहयोगियों को वोट ना दें। अपील में कहा गया है कि सामाजिक तानेबाने को खत्म करने वाली घृणा का अंत करने के लिए वोट करें।

इस अपील पर हस्ताक्षर करने वालों में नाटककार गिरीश कर्नाड और महेश एलकुंचवार, कलाकार अमोल पालेकर, नसीरुद्दीन शाह, रत्ना पाठक शाह और कोंकना सेन शर्मा, निर्देशक अनुराग कश्यप, अनुराधा कपूर, अनामिका हक्सर और अतुल कुमार, पुरस्कार विजेता कठपुतली कलाकार दादी पुडुमजी और अनुरुपा रॉय, रंगा शंकर और अरुण नागर और नागेंद्र नागर के साथ जन नाट्य मंच के निर्देशक मोलॉयश्री हाशमी और कई युवा कलाकार, निर्देशक और समूह हैं।

देश के नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा गया है, “ये बयान कट्टरता, नफरत और उदासीनता को सत्ता से बाहर करने की अपील है। बीजेपी और उसके सहयोगियों के खिलाफ वोट करें। सबसे कमजोर को सशक्त बनाने, स्वतंत्रता और पर्यावरण की रक्षा करने और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के लिए वोट दें। धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक और एक समावेशी भारत के लिए वोट करें। सपने देखने की आजादी के लिए वोट करें। समझदारी से मतदान करें।”

ये अपील हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, बंगाली, मराठी, मलयालम, कन्नड़, असमिया, तेलुगु, पंजाबी, कोंकणी और उर्दू सहित 12 भाषाओं में जारी की गई है। बयान में कहा गया कि “हमने पिछले 150 वर्षों से एक धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, समावेशी और न्यायपूर्ण भारत की कल्पना की है। आज, वैसे भारत का विचार बहुत खतरे में है। आज, गीत, नृत्य और हंसी खतरे में हैं। आज, हमारा प्रिय संविधान खतरे में है।

गौरतलब है कि इससे पहले देश के 100 से भी ज्यादा फिल्मकारों, 200 से ज्यादा प्रतिष्ठित लेखकों और 150 से ज्यादा वैज्ञानिकों ने भी अलग-अलग बयान जारी कर देशवासियों से घृणा की राजनीति के खिलाफ वोट देने की अपील की है। देश के कई प्रतिष्ठित वैज्ञानिक भी मतदाताओं से हिंसा और नफरत की राजनीति करने वालों के खिलाफ ‘सोच-समझकर’ वोट करने की अपील कर चुके हैं।

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