कठुवा रेप केस का असर, मासूमों से रेप पर फांसी की सजा

केंद्रीय कैबिनेट ने पॉक्सो कानून में संशोधन करते हुए 12 साल तक की बच्ची से रेप के दोषियों को मौत की सजा देने का फैसला किया है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कठुवा रेप कांड के बाद मासूमों से रेप की घटनाओं पर देश में बढ़ते गुस्से को देखते हुए केंद्रीय कैबिनेट ने 12 साल तक की बच्ची से रेप के दोषियों के लिए मौत की सजा का प्रावधान करने का फैसला किया है। 21 अप्रैल को इस संबंध में प्रधानमंत्री आवास पर हुई केंद्रीय कैबिनेट की अहम बैठक में 'प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस' (पॉक्सो) एक्ट में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। अब केंद्र सरकार इस संबंध में एक अध्यादेश लाएगी। इस फैसले से 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप के मामलों में दोषियों को मौत की सजा देने का रास्ता साफ हो जाएगा।

कैबिनेट में मंजूर किए गए पॉक्सो एक्ट में संशोधन के प्रस्ताव में 12 साल से कम उम्र की बच्ची से रेप के केस में कम से कम 20 साल कैद या आजीवन कारावास या फिर मौत की सजा का प्रावधान किया गया है। वहीं 16 साल तक की बच्ची से रेप के मामले में भी सजा को सख्त करते हुए न्यूनतम सजा 10 साल को बढ़ाकर 20 साल कैद की सजा कर दिया गया है। रेप के मामलों में तेज जांच और ट्रायल के लिए भी प्रावधान करने का फैसला लिया है।

वहीं महिलाओं के साथ रेप के केस में न्यूनतम सजा 7 साल के कठोर कारावास को बढ़ाकर 10 साल या आजीवन कारावास कर दिया गया है। वहीं 12 साल से कम उम्र की बच्ची के साथ गैंगरेप के मामले में दोषियों को आजीवन कारावास या फांसी की सजा देने का प्रावधान किया गया है।

पिछले दिनों जम्मू के कठुवा और उत्तर प्रदेश में नाबालिग बच्चियों के साथ हुई रेप की घटनाओं ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है, जिसके बाद कई शहरों में लोग सड़कों पर उतर आए थे। सोशल मीडिया से लेकर हर जगह लोग रेप की घटनाओं में कठोर सजा की मांग कर रहे थे। कठुवा में 8 साल की बच्ची के साथ हुई रेप की बर्बर घटना और यूपी के उन्नाव में नाबालिग लड़की के साथ रेप की घटना के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी दिल्ली में लोगों के साथ सड़क पर उतरे थे। इंडिया गेट पर कैंडल मार्च का नेतृत्व करते हुए राहुल गांधी ने रेप की घटनाओं पर सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग की थी।

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