प्याज, टमाटर और लहसुन के साथ अब दाल छुड़ा रही है उपभोक्ताओं के पसीने, दलहन के दाम में भारी इजाफा

मुंबई में दलहन बाजार के जानकार अमित शुक्ला ने कहा कि पिछले एक हफ्ते में चना, मूंग और मसूर के दाम में बढ़ोतरी हुई है। बारिश और बाढ़ की वजह से फसल खराब होने और पिछले साल से रकबा कम होने से अरहर और मटर को छोड़ बांकी सभी दलहनों में तेजी का रुख है।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

देश में प्याज, लहसुन, टमाटर और हरी सब्जियों की महंगाई से जनता की पहले से ही मुश्किलें बढ़ी हुई हैं, लेकिन अब दालों के दाम बढ़ने से इस त्योहारी सीजन में गृहणियों के रसाई का बजट बिगड़ गया है। बीते एक हफ्ते में देश के प्रमुख बाजारों में उड़द के दाम में 450-850 रुपये प्रति कुंटल का इजाफा हुआ है। उड़द के साथ-साथ मूंग, मसूर और चना के दाम में भी बढ़ोतरी हुई है। दलहन बाजार के जानकारों की मानें तो दालें और महंगी होंगी, क्योंकि बरसात की वजह से मध्य प्रदेश में उड़द की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। वहीं, दलहन की बुवाई भी इस खरीफ सीजन में पिछले साल से कम होने के कारण उत्पादन कम रहने का अनुमान लगाया गया है।

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दिल्ली के मंडावली में रहने वाली रजनी ने बताया कि हरी सब्जियों के दाम बढ़ने के बाद आलू और दाल से वह काम चला लेती थीं, क्योंकि इनके दाम कम थे, लेकिन अब दालें भी महंगी हो गई हैं। उन्होंने कहा कि चना जो 55-60 रुपये किलो मिलता था वह अब 65-70 रुपये किलो हो गया है और चने की दाल 90 रुपये किलो बिक रही है।

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मुंबई में दलहन बाजार के जानकार अमित शुक्ला ने बताया कि मंगलवार को बाजार में एक अफवाह थी कि सरकार दालों पर स्टॉक लिमिट (थोक और खुदरा कारोबारियों के लिए दालों की स्टॉक सीमा) लगाने वाली है, जिससे तमाम दलहनों के दाम में एक दिन गिरावट रही, लेकिन पिछले एक हफ्ते की बात करें, तो चना, मूंग और मसूर के दाम में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि बारिश और बाढ़ की वजह से फसल खराब होने और पिछले साल से रकबा कम होने से अरहर और मटर को छोड़ बांकी सभी दलहनों में तेजी का रुख है और यह तेजी आगे जारी रही तो मटर और अरहर के दाम में भी इजाफा देखने को मिल सकता है।

प्याज, टमाटर और लहसुन के साथ अब दाल छुड़ा रही है उपभोक्ताओं के पसीने, दलहन के दाम में भारी इजाफा

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में मंगलवार को उड़द की एफएक्यू (बर्मा से आयातित) वेरायटी का थोक भाव 5,450 रुपये प्रति कुंटल था, जोकि पिछले हफ्ते के मुकाबले 5,50 रुपये ज्यादा है। वहीं, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में एफएक्यू का भाव पिछले हफ्ते से 450 रुपये उपर 5,400 रुपये प्रति कुंटल था। चेन्नई में एफएक्यू उड़द का दाम 5,650 रुपये और एसक्यू वेरायटी के उड़द का भाव 6,775 रुपये प्रति कुंटल था। चेन्नई में बीते एक हफ्ते में एफएक्यू और एसक्यू का भाव क्रमश: 600 रुपये और 525 रुपये कुंटल बढ़ा है। कोलकाता मे एफएक्यू उड़द का भाव बीते एक हफ्ते में 850 रुपये बढ़कर 6,200 रुपये प्रति कुंटल हो गया।


मूंग के दाम में भी विभिन्न शहरों में बीते एक हफ्ते के दौरान 100-200 रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। राजस्थान लाइन मूंग का भाव मंगलवार को दिल्ली में 6,100 रुपये प्रति कुंटल था। दिल्ली में बीते एक हफ्ते में मूंग के भाव में 200 रुपये प्रति कुंटल का इजाफा हुआ है। वहीं, चने का भाव बीते एक हफ्ते में देश की प्रमुख मंडियों में 25-100 रुपये प्रति कुंटल बढ़ा है। मध्य प्रदेश के गंज बसोदा में देसी चने का भाव पिछले हफ्ते के मुकाबले 100 रुपये की बढ़ोतरी के साथ मंगलवार को 4,100 रुपये कुंटल हो गया। वहीं, दिल्ली में राजस्थान लाइन चना 4,325 रुपये और मध्य प्रदेश लाइन चना 4,275 रुपये प्रति कुंटल था। मसूर का भाव भी बीते एक हफ्ते में जगह-जगह 50 रुपये कुंटल बढ़ा है। इंदौर में देसी मसूर 4,100 रुपये और कोलकाता में कनाडा से आयातित मसूर 4,250 रुपये कुंटल था और दाम में एक हफ्ते में 50 रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। दिल्ली में लेमन तुअर यानी अरहर का भाव 5,300 रुपये कुंटल था और भाव में पिछले एक हफ्ते में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है।

फसल वर्ष 2018-19 (जुलाई-जून) के चैथे अग्रिम उत्पादन अनुमान के मुताबिक, बीते फसल वर्ष में सभी दलहनों का कुल उत्पादन 234.8 लाख टन रहने का अनुमान है, जबकि कारोबारी बताते हैं कि देश में दलहनों की कुल खपत करीब 240 लाख टन है। यही नहीं, चालू फसल वर्ष 2019-20 के पहले अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार, इस साल खरीफ दलहनों का उत्पादन 82.3 लाख टन रह सकता है, जबकि पिछले साल के पहले अग्रिम उत्पादन अनुमान में यह आंकड़ा 92.2 लाख टन था।

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ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने कहा कि सरकारी एजेंसी नैफेड के पास चना और तुअर का भरपूर स्टॉक है, और तुअर की नई फसल की आवक भी नवंबर-दिसंबर में शुरू होने वाली है इसलिए दलहनों के दाम ज्यादा बढ़ने की संभावना कम है।

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में पिछले 40 दिनों से प्रतिदिन बारिश हुई है। बारिश की वजह से खेतों में पानी भरा है, जिससे मूंग और उड़द 25-30 फीसदी नुकसान हुआ है, लेकिन महाराष्ट्र और गुजरात में तुअर को कोई नुकसान नहीं होगा। अगर बारिश बंद नहीं हुई तो उड़द और मूंग को और नुकसान हो सकता है, जिससे इनकी कीमतों में 5-10 फीसदी इजाफा हो सकता है।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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Published: 03 Oct 2019, 4:00 PM