संसद का शीतकालीन सत्र नहीं बुलाने पर सरकार के चौतरफा घिरने के बाद जेटली बोले, पहले भी हुई है देर 

संसद का शीतकालीन सत्र बुलाने में जानबूझकर देर किए जाने के विपक्ष के आरोपों पर चौतरफा घिरी केंद्र सरकार की ओर से वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि संसद का सत्र निश्चित रूप से आयोजित किया जाएगा।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

संसद के शीतकालीन सत्र में देरी पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस समेत अन्य कई पार्टियों के निशाने पर आई केंद्र सरकार की ओर से वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सफाई दी है। जेटली ने गुजरात के राजकोट में कहा कि संसद का सत्र निश्चत तौर पर आयोजित किया जाएगा। जेटली ने कहा, "पहले ऐसा कई बार हुआ है जब चुनावों के दौरान संसद सत्र की तिथि बदली गई है। इसे इस तरह से निर्धारित किया जाता है कि चुनावी अभियान में सत्र के कारण कोई परेशानी न आए।" केंद्रीय मंत्री ने उल्टा विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा, "उन्होंने (कांग्रेस ने) 2011 में ऐसा किया था, यहां तक कि उससे पहले भी संसद के सत्र स्थगित किए गए हैं, सभी मुद्दों को उठाया जाएगा, और कांग्रेस का खुलासा किया जाएगा।"

इससे पहले सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा, “पीएम मोदी ने अपने अंहकार के लिए लोकतंत्र के मंदिर (संसद) को ताला लगा दिया है। वे अपने अहंकार के लिए गरीबों का भविष्य भी बर्बाद करने पर तुले हैं।”

संसद का शीतकालीन सत्र नहीं बुलाने पर सरकार के चौतरफा घिरने के बाद जेटली बोले, पहले भी हुई है देर 

कांग्रेस अध्यक्ष ने मोदी पर संसद के सत्र को 'तुच्छ आधार' पर स्थगित करने का आरोप लगाते हुए कहा, “केंद्र सरकार अगामी गुजरात चुनाव की वजह से संसद का सामना करने से बच रही है। सरकार सोचती है कि लोकतंत्र के मंदिर को ताला लगाकर वह संवैधानिक जवाबदेही से बच निकलेगी।” उन्होंने आगे कहा, “प्रधानमंत्री मोदी जीएसटी के लिए आधी रात को संसद सत्र तो बुला सकते हैं लेकिन आज संसद का सामना करने से भाग रहे हैं।”

वहीं सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने भी शीतकालीन सत्र में देरी पर सरकार को घेरा। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, मोदी सरकार संसद के माध्यम से लोगों के प्रति जवाबदेह होने और भ्रष्टाचार, पारिवारवाद और नोटबंदी-जीएसटी की वजह से आई आर्थिक मंदी पर सवालों का सामना करने इनकार कर रही है। वरिष्ठ वामपंथी नेता ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, संसद के कम से कम 100 कार्यदिवस तय करने के लिए एक संविधान संशोधन के लिए हम लगातार दबाव बनाते रहे हैं। 2014 से संसद में कार्य दिवसों की संख्या घटी है।

जाने माने वकील और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने भी शीतकालीन सत्र स्थगित किये जाने पर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि गुजरात चुनाव में प्रचार करने के लिए पीएम मोदी ने संसद को बंद कर दिया है।

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Published: 20 Nov 2017, 10:29 PM