बिहार चुनाव में NDA के संकल्प पत्र पर अखिलेश का तीखा तंज, SIR को लेकर की ये मांग
अखिलेश यादव ने लखनऊ में प्रेसवार्ता में कहा कि एसआईआर प्रक्रिया के दौरान सरकारी अधिकारी मतदाताओं के विवरण की पुष्टि करने के लिए घर-घर जा रहे हैं, ऐसे में इस अवसर का इस्तेमाल प्राथमिक जातिगत आंकड़े एकत्र करने के लिए भी किया जा सकता है।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को बिहार विधानसभा चुनाव, वोटर लिस्ट संशोधन (SIR) समेत कई मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) को घेरा। अखिलेश ने लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने बीजेपी पर ‘फर्जी वादों’ का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी को पहले अपने पुराने घोषणापत्रों का हिसाब देना चाहिए।
एनडीए के घोषणापत्र पर अखिलेश की राय
अखिलेश ने एनडीए के बिहार घोषणापत्र को खारिज करते हुए कहा, “बीजेपी के लोग ज्यादा फर्जी बोलते हैं। उन्हें अपना ही घोषणापत्र देखना चाहिए।” उन्होंने गोवा चुनाव का उदाहरण देते हुए तंज कसा, “बीजेपी ने गोवा के पहले घोषणापत्र में नए और स्मार्ट सिटी बसाने का वादा किया था। आज क्या हालत है? मैं खुद यहां आधे घंटे जाम में फंसकर आया हूं।” बिहार के संदर्भ में उन्होंने नौकरियों और किसानों पर सवाल उठाए, “बीजेपी ने बिहार में 1 करोड़ नौकरियां देने का वादा किया है, लेकिन पहले भी 2 करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था। वो नौकरियां कहां हैं? किसानों की आय दोगुनी कहां हुई? ये सरकार किसानों को खुशहाल बनाने की बात करती थी, लेकिन आज यूरिया या DAP कहां मिल रही है?”
SIR में बदला की मांग
वहीं अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में जातिगत आंकड़े जुटाने के लिए भी एक कॉलम शामिल किये जाने की मांग करते हुए कहा कि सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने और प्रभावी नीति-निर्माण की दिशा में यह एक जरूरी कदम है।
अखिलेश यादव ने लखनऊ में प्रेसवार्ता में कहा कि एसआईआर प्रक्रिया के दौरान सरकारी अधिकारी मतदाताओं के विवरण की पुष्टि करने के लिए घर-घर जा रहे हैं, ऐसे में इस अवसर का इस्तेमाल प्राथमिक जातिगत आंकड़े एकत्र करने के लिए भी किया जा सकता है।
पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने कहा,‘‘जब इतनी बड़ी प्रक्रिया पहले से ही चल रही है और अधिकारी मतदाता सूचियों को अद्यतन करने के लिए हर घर जा रहे हैं, तो जातिगत विवरण के लिए केवल एक अतिरिक्त कॉलम जोड़ने की जरूरत है। भले ही पूरी जाति जनगणना न हो, लेकिन प्राथमिक जाति गणना तो की ही जा सकती है।’’
उन्होंने कहा कि इस तरह के आंकड़े भविष्य की सार्वजनिक नीतियों को बनाने में मदद करेंगे और इनसे कल्याणकारी योजनाएं समाज के सभी वर्गों तक समान रूप से पहुंच सकेंगी।
यादव ने कहा, ‘‘चूंकि हमें भविष्य के लिए नीतियां बनानी हैं, लोगों को आर्थिक और सामाजिक रूप से समान बनाना है, इसलिए जातिवार आंकड़ा सामाजिक न्याय पर आधारित राज्य स्थापित करने में मदद करेगा।’’
उन्होंने कहा,‘‘अगर एसआईआर के दौरान यह कॉलम जोड़ा जाता है और जाति गणना होती है तो हमारे लिए सामाजिक न्याय पर आधारित राज्य स्थापित करना आसान हो जाएगा।’’
रवि किशन पर तंज
अखिलेश ने गोरखपुर से बीजेपी के सांसद रवि किशन के गोरखपुर की तुलना स्पेन से करने को लेकर भी निशाना साधा। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा है कि कोई इनसे पूछ ले नक़्शे पर स्पेन कहाँ है? दरअसल रवि किशन ने बिहार के छपरा से चुनाव लड़ रहे भोजपुरी अभिनेता और गायक खेसारी लाल यादव पर निशाना साधते हुए गोरखपुर की तुलना स्पेन से कर दी थी।
भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर भी केंद्र सरकार को घेरा
अखिलेश ने भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर भी केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, “भारत ने अमेरिका का दबाव स्वीकार कर लिया है। अमेरिका चाहता था कि भारत में उसके टेक्सटाइल और दुग्ध उत्पादों का रास्ता खोला जाए। बीजेपी ने लगता है ये मांग मान ली है।” उन्होंने हालिया अमेरिकी टैरिफ युद्ध का जिक्र करते हुए चेतावनी दी कि इससे उत्तर प्रदेश के निर्यातक, खासकर टेक्सटाइल और हैंडीक्राफ्ट उद्योग, तबाह हो जाएंगे। “किसान तो उर्वरक भी नहीं पा रहे, ऊपर से विदेशी दूध का बाजार खुल गया तो क्या होगा? नॉन-वेज मिल्क आ जाएगा!”
पीटीआई के इनपुट के साथ
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