'राज्य सरकार के सारे दावे खोखले, जनता बेहाल', अशोक गहलोत ने BJP पर साधा निशाना

गहलोत ने कहा कि प्रदेश में लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन, सरकार का दोहरा पैमाना देखिए कि एक तरफ जहां ये लोग सार्वजनिक मंचों पर बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ आम जनता को किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

अशोक गहलोत ने ट्रंप के बयानों पर पीएम मोदी की चुप्पी पर उठाया सवाल, पूछा- क्यों धारण किए हुए हैं मौन
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य सरकार की तरफ से निवेश के दावे किए जाने को शनिवार को खोखला बताया। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री जी यह सब अपने मन से नहीं कह रहे हैं, बल्कि उनसे कहलवाया जा रहा है। वह जो कुछ भी बोल रहे हैं, उसकी सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है।

उन्होंने प्रदेश में लोगों को हो रही पेयजल समस्या का भी जिक्र किया। गहलोत ने कहा कि प्रदेश में लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन, सरकार का दोहरा पैमाना देखिए कि एक तरफ जहां ये लोग सार्वजनिक मंचों पर बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ आम जनता को किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आखिर इसका जिम्मेदार कौन है?

उन्होंने मनरेगा श्रमिकों पर कहा कि मौजूदा समय में उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन, प्रशासन की तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। प्रशासन को चाहिए कि श्रमिकों से एक घंटा कम काम कराया जाए। हमारे श्रमिकों के ऊपर काम का अत्यधिक बोझ डाला जा रहा है, जिससे उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।


उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संबंध में राहुल गांधी के सवालों की आलोचना किए जाने पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं। अगर वे सवाल नहीं करेंगे तो कौन करेगा? अगर वे सवाल नहीं करेंगे, तो कल को जनता पूछेगी कि आप तो विपक्ष के नेता थे, लेकिन आपने आज तक कोई सवाल ही नहीं किया। आपने अपनी भूमिका का निर्वहन ढंग से किया ही नहीं।

उन्होंने कहा कि आप इतिहास देख लीजिए। अमेरिका ने कभी हमारा साथ नहीं दिया। जब कारगिल युद्ध हुआ था, तब भी उसने हमारा साथ नहीं दिया था। ऐसी स्थिति में भारत को हिम्मत दिखानी चाहिए और उसे अमेरिका को दो टूक जवाब देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आखिर किस हैसियत से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सीजफायर का ऐलान करते हैं। सीजफायर का ऐलान भारत और पाकिस्तान के बीच आपसी सहमति से होना चाहिए था। लेकिन, ऐसा हुआ नहीं, अमेरिका ने इस मामले में दखल दे दिया।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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