कोरोना के कहर के बीच उत्तर प्रदेश में तबलीग जमात को लेकर फेक न्यूज की भरमार, हरकत में आई यूपी पुलिस

यूपी पुलिस को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फ़ेक न्यूज को रोकने के निर्देश मिले। इस दिन दारुल उलूम देवबंद के उलेमाओं के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बातचीत की कोरोना से लड़ने में सहयोग मांगा।

फोटो: सोशल मीडिया
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आस मोहम्मद कैफ

अवनीश अवस्थी उत्तर प्रदेश सरकार के सबसे कद्दावर आईएएस अफसर है। उनकी लोक गायिका पत्नी मालिनी अवस्थी की अक्सर प्रधानमंत्री भी तारीफ करते रहते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार में अवनीश अवस्थी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सबसे विश्वसनीय अफसर बताया जाता है।गृह और सूचना दोनों विभाग उनके नियंत्रण में आते हैं। मुख्यमंत्री के निर्णयों को पूरी तरह लागू करना उनका काम है। वो हर टास्क को शिद्दत से निभाते हैं, पिछले तीन दिनों से अवनीश फ़ेक न्यूज़ से लड़ रहे हैं। अवनीश पुलिस के बॉस हैं। जानकारों की मानें तो सरकार के सबसे महत्वपूर्ण टास्क उन्हें मिलते हैं। फिलहाल सरकार का सबसे महत्वपूर्ण टास्क फ़ेक न्यूज से निपटना है क्योंकि पहले ही कोरोना जैसी गंभीर समस्या से लड़ रही यूपी सरकार झूठी खबरों से पैदा होने वाली संभावित कानून व्यवस्था की समस्या से नहीं जूझना चाहती।

यही कारण है कि अचानक से फ़ेक न्यूज़ से लड़ना सरकार की प्राथमिकता में शामिल हो गया है।उत्तर प्रदेश सरकार के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से लगातार फ़ेक न्यूज के खिलाफ की गई कार्रवाई को अपडेट किया जा रहा है। सबसे अहम बात ये है कि सभी फ़ेक न्यूज तबलीग़ जमात के विरुद्ध फैलाई जा रही थी। इससे तबलीग़ जमात के समर्थक और आलोचक दोनों ही हैरतजदा हैं।

8 अप्रैल बुधवार उत्तर प्रदेश सरकार के माध्यम से दी गई सूचना के मुताबिक उन्होंने अब तक फेसबुक के 18, टिकटॉक के 16 और व्हाट्सएप के 11 मामले सहित कुल 66 मामले चिन्हित किए हैं। इसके अलावा उन्होंने फ़ेक न्यूज के 11 मामलों में कार्रवाई की है। इनमे कुछ में एफआइआर भी दर्ज की गई है। यह सभी मामले तबलीग़ जमात से जुड़े है। इनमें भी कुछ खास तरह की जानकारी है। जैसे 5 अप्रैल इलाहाबाद से खबर आई की तबलीग़ जमात पर टिप्पणी के कारण एक युवक की हत्या कर दी गई। इसके तुरंत बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतक के परिजनों को 5 लाख रुपये की सहायता करने की घोषणा कर दी। बाद में एसएसपी इलाहाबाद ने स्पष्ट किया कि इस हत्या में तबलीग़ जमात का कोई एंगल नही था।


सहारनपुर के रामपुर मनिहारन तबलीग़ जमात के नॉनवेज खाना मांगने और खुले में शौच करने की ख़बर वायरल हुई। सहारनपुर पुलिस ने खुद सामने आकर इस खबर खंडन किया। मेरठ में पुलिस ने एक ऐसी साजिश का पर्दाफाश किया जिसमें एक जमात जुड़े आदमी पर हाथ में काटकर वायरस फैलाने और थूकने का आरोप राजनीतिक षड्यंत्र के तहत लगाया जा रहा था। फिरोजाबाद पुलिस ने जमातियों द्वारा पुलिस पर पथराव की झूठी खबर का तुरंत खंडन किया और एक बड़े चैनल को खरी खोटी सुनाई।

नोएडा में डीसीपी संकल्प शर्मा ने इसी तरह की एनएनआई की एक ग़लत खबर को आड़े हाथों लिया और कार्रवाई भी कर दी। इन फ़ेक न्यूज पर पहले दिन से ही फैक्ट चेक से जुड़े वारिश चौधरी बताते हैं कि जैसे ही तबलीग जमात के खिलाफ एक योजनाबद्ध तरीके से यह झूठ फैलना शुरू हुआ मैंने लगातार इसके तथ्यों पर खोज करके पुलिस से ध्यान देना का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि यह झूठ है और इस और ध्यान देना चाहिए यह एक नई समस्या हो सकती है और इन नफरतों से कानून व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। हालांकि एक दो मामलों को देखकर पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।

तीन दिन पहले हरकत मे आई यूपी पुलिस को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इन फ़ेक खबरों को रोकने के निर्देश मिले। इस दिन दारुल उलूम देवबंद के उलेमाओं के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बातचीत की कोरोना से लड़ने में सहयोग मांगा। इसी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जमीयत उलेमा के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने उनसे अनुरोध किया कि तत्काल प्रभाव से तबलीग़ जमात के विरूद्ध फैलाई जा रही झूठी खबरों पर रोक लगाई जाए।इसके बाद की कार्रवाई इस बातचीत का असर दिखाती है।

उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और मेरठ के आईजी प्रवीण कुमार इसे स्पष्ट करते हैं, वो कहते हैं "इस समय हमारा पहला काम देश में एकता को मजबूत करना है। ऐसा काम जो विभाजनकारी हो हम उसे बिल्कुल टॉलरेट नही करेंगे। बहुत सख्ती से हम उनके कुचलेंगे जो भ्रामक खबरें फैलाकर दूरिया पैदा करते हैं। हम लोग लगातार इस पर नजर रख रहे हैं और उद्देश्य यही है कि पूरी ताकत से इस महामारी से मिलजुलकर लड़ा जाए। इससे सब को निपटना है। इसमें अगर कोई बाधक बनेगा। अगर कोई अफवाह फैलाकर कुछ गलत करना चाहेगा तो हम लोग रासुका तक लगाने से पीछे नही हटेंगे। हम लगातार सोशल मीडिया को मोनिटरिंग कर रहे हैं।तबलीग़ जमात के मामले में जहां हम सभी से वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं जाने की अपील करते हैं साथ ही उनके विरुद्ध किसी भी तरह की नफरत फैलाने वालों के विरूद्ध हम कार्रवाई करेंगे।"

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Published: 09 Apr 2020, 8:30 PM