भ्रष्टाचार मिटाने का झूठा वादा किया था मोदी ने : अन्ना हजारे

समाजसेवी अन्ना हजारे ने मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने का झूठा वादा करने का आरोप लगाया है और चेतावनी दी है कि वे जल्द इस मुद्दे पर आंदोलन शुरु करेंगे।

फोटो : Getty Images
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IANS

समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा है कि प्रधानमंत्री ने 'लोकपाल विधेयक' को लाने के लिए कुछ नहीं किया। अन्ना ने सोमवार को दिल्ली में राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री मोदी के एक पत्र भी लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि तीन वर्षो तक सत्ता में रहने के बाद भी प्रधानमंत्री ने लोकपाल और लोकायुक्त कानून लागू नहीं किया और इसके बदले भ्रष्टाचार निरोधक कानून को कमजोर करने के लिए 'जल्दी' से विधेयक पारित कर दिया गया। उन्होंने पत्र में कहा है कि इससे पहले लोकपाल के दायरे में आने वालों को अपने और अपने परिजनों की संपत्ति को घोषित करने का प्रावधान था। लेकिन पिछले वर्ष जुलाई में पारित विधेयक के अनुसार इससे परिजनों को बाहर कर दिया गया।

भ्रष्टाचार मिटाने का झूठा वादा किया था मोदी ने : अन्ना हजारे
प्रधानमंत्री को लिखी गयी अन्ना हजारे की चिट्ठी

उन्होंने प्रधानमंत्री पर बहाने बनाकर भ्रष्टाचार निरोधक कानून लागू नहीं करने का आरोप लगाया। हजारे ने कहा, "इससे पता चलता है कि आपका लोकपाल और लोकायुक्त कानून लागू करने का इरादा नहीं है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए ऐसा लगता है कि भ्रष्टाचार समाप्त करने और देश में लोकतंत्र स्थापित करने के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। इसके बदले लोकतंत्र को कमजोर करने और पार्टी को मजबूत करने के प्रयास किए जा रहे हैं।"

उन्होंने कहा कि इससे व्यथित होकर मैं महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर देश के लिए प्रार्थना करता हूं और उनके कदमों पर चलते हुए सत्याग्रह शुरू करूंगा। हजारे ने कहा कि मोदी और भारतीय जनता पार्टी ने आम लोगों से किसानों की आत्महत्या रोकने, कृषि उत्पाद के लिए उचित दाम, महिलाओं की सुरक्षा एवं समाज के सभी वर्गो की सभी समस्याओं को समाप्त करने समेत कई वादे किए थे। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी ने सत्ता में आने के बाद 30 दिनों के अंदर कालाधन लाने की बात कही थी।

हजारे ने कहा, "लेकिन न लोकपाल व लोकायुक्त की नियुक्ति की गई, न नागरिक चार्टर लागू किया गया। न तो विदेशों से काला धन आ पाया और न नोटबंदी के द्वारा देश के अंदर काले धन को उजागर किया गया। किसानों की आत्महत्या रुकने के बदले बढ़ती गई। उन्हें अपने उत्पादों के सही मूल्य नहीं मिल रहे हैं और स्वामीनाथन रपट पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।"

हजारे ने कहा कि महिलाओं को उचित सुरक्षा, सम्मान और न्याय नहीं मिल रहा है और जहां तक भ्रष्टाचार की बात है, यह दिनों दिन बढ़ता जा रहा है।

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