राफेल पर मोदी सरकार का एक और यू-टर्न, अटॉर्नी जनरल ने अब कहा- चोरी नहीं हुए दस्तावेज, उनकी फोटोकॉपी करवाई गई

सुप्रीम कोर्ट में राफेल डील की गोपनीय फाइल चोरी होने की बात कहने वाले केंद्र सरकार के अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने अब कहा है कि वह कहना चाह रहे थे कि राफेल डील के दस्तावेज चोरी नहीं हुए, बल्कि याचिकाकर्ताओं ने ‘दस्तावेज की फोटोकॉपी’ कराई थी।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

राफेल डील को लेकर एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार यू टर्न लेती दिख रही है। दो दिन पहले राफेल डील मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को रक्षा मंत्रालय से राफेल डील की गोपनीय फाइल चोरी होने की जानकारी देने वाले अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने अब कहा है कि दस्तावेज चोरी नहीं हुए हैं।

पीटीआई की खबर के अनुसार वेणुगोपाल ने कहा है कि राफेल डील की गोपनीय फाइल चोरी नहीं हुई है, बल्कि वह कोर्ट में यह कहना चाह रहे थे उसकी फोटोकॉपी करवाई गई है। उन्होंने कहा कि डील की जांच की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं ने दस्तावेज की फोटोकॉपी का इस्तेमाल किया था। वेणुगोपाल ने कहा, “मुझे पता चला है कि विपक्ष आरोप लगा रहा है कि मैंने सुप्रीम कोर्ट में रक्षा मंत्रालय से राफेल के दस्तावेज चोरी होने की बात कही है। यह पूरी तरह से गलत है। यह कहना कि मैंने कहा है कि दस्तावेज चोरी हो गए, पूरी तरह से गलत है।" वेणुगोपाल के इस बयान को खुद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट किया है।

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए वेणुगोपाल ने कहा था कि राफेल डील से जुड़े गोपनीय दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गए हैं। और डील की जांच की मांग कर रहे याचिकाकर्ता उसी दस्तावेज का इस्तेमाल कर रहे हैं और उसी दस्तावेज के आधार पर अखबार में खबर भी छापी गई। वेणुगोपाल ने कोर्ट को कहा था कि जिस दस्तावेज की प्रशांत भूषण बात कर रहे हैं, वे रक्षा मंत्रालय से चुराए गए हैं और यह इतना गंभीर मामला है कि इसके लिए ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट, 1923 के तहत अभियोजन चलाया जा सकता है।

साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि सरकार इस मामले में आपराधिक कार्रवाई पर विचार कर रही है। इन दस्तावेजों के आधार पर रिपोर्ट प्रकाशित करने को लेकर सरकार की तरफ से 'द हिंदू' को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है, जिसको लेकर पत्रकारिता जगत में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली थी।

हालांकि, अब अपने बयान से पलटते हुए वेणुगोपाल ने कहा है कि दस्तावेज चोरी नहीं हुए हैं, बल्कि याचिकाकर्ताओं ने दस्तावेज की फोटोकॉपी का इस्तेमाल किया था। वहीं, माना जा रहा है कि सरकार का मानना है कि अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल को कोर्ट में यह कहने से बचना चाहिए था कि दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गए हैं। इसकी पुष्टी इसी बात से होती है कि वेणुगोपाल के पीटीआई को दिए बयान को खुद रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट किया है।

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Published: 08 Mar 2019, 10:33 PM