निर्भया के दोषियों को फांसी हो या न हो, इस पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला

दिल्ली में निर्भया कांड के तीन दोषियों की फांसी को फांसी हो या न हो, इस पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुनाएगा। फांसी की सजा के खिलाफ इस मामले में मुकेश, विनय और पवन की तरफ से पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने बहस सुनकर 4 मई को अपना फैसला सुरक्षित रखा था।

फोटो : सोशल मीडिया
फोटो : सोशल मीडिया
user

नवजीवन डेस्क

निर्भया गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट चार में से तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिका पर आज यानी सोमवार 9 जुलाई को फैसला सुनाएगा। निर्भया कांड के चार दोषियों में शामिल अक्षय कुमार सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के पांच मई 2017 के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की है। अक्षय के वकील एपी सिंह ने कहा था कि अक्षय ने अब तक पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की है, हम इसे बाद में दाखिल करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट की जो पीठ इन पुनर्विचार याचिकाओं पर फैसला सुनाएगी उसमें मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने 2017 के फैसले में दिल्ली हाईकोर्ट और निचली अदालत द्वारा 23 वर्षीय पैरामेडिक छात्रा से 16 दिसंबर 2012 को गैंगरेप और हत्या के मामले में उन्हें सुनाई गई मौत की सजा को बरकरार रखा था। निर्भया के साथ दक्षिणी दिल्ली में चलती बस में छह लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था और गंभीर चोट पहुंचाने के बाद सड़क पर फेंक दिया था। सिंगापुर के माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल में 29 दिसंबर 2012 को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।

इस कांड में चार दोषियों की फांसी की सजा हुई थी, जिनमें से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। आरोपियों में एक नाबालिग भी शामिल था, उसे किशोर न्याय बोर्ड ने दोषी ठहराया और तीन साल के लिए सुधार गृह में रखे जाने के बाद रिहा कर दिया गया था।

पूरे देश को झकझोर कर रख देने वाले दिल्ली सामूहिक दुष्कर्म कांड के चारों दोषियों की मौत की सजा पर अपनी मुहर लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 'इस घटना से सदमे की सूनामी आ गई थी और इसने सभ्यता के तानेबाने को पूरी तरह नष्ट कर दिया था।' दोषियों की हैवानियत और अपराध की भयावहता का वर्णन करते हुए कोर्ट ने कहा था कि ऐसा लगता है कि ये कहानी किसी दूसरी दुनिया की है जहां इंसानियत का अनादर होता है।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia