दिल्ली सरकार-एनजीटी आमने-सामने, 13 नवंबर से नहीं लागू होगी ऑड-ईवन योजना

दिल्ली सरकार ऑड-इवन लागू करने में एनजीटी के फैसले को मानने के लिए तैयार नहीं है और इसे लेकर 13 नवंबर को एनजीटी में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी।

फोटो: सोशल मीडिया 
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नवजीवन डेस्क

ऑड-ईवन पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) का फैसला आने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने घर पर दिल्ली के मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में ऑड-ईवन के संबंध में एनजीटी के फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए 13 नवंबर से योजना लागू करने के फैसले को वापस ले लिया गया है। दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि दिल्ली सरकार 13 नवंबर को एनजीटी से फिर से इस विचार करने के लिए कहेगी।

एनजीटी ने ऑड-इवन योजना में महिलाओं, आधिकारियों और दुपहिया वाहनों को छूट न देने की शर्त लगाई थी, जिसके बाद दिल्ली सरकार ने इसे लागू करने का अपना फैसला वापस ले लिया।

दिल्ली सरकार का कहना है कि ऑड-ईवन के दौरान दोपहिया वाहन पर रोक लगने से करीब 35 लाख यात्रियों का ज्यादा बोझ आएगा, जिसके लिए कोई तंत्र मौजूद नहीं है। इतना ही नहीं, महिला सुरक्षा भी बड़ा मुद्दा है और किसी भी सूरत में महिलाओं की ऑड-ईवन के दौरान ड्राइविंग पर रोक नहीं लगाई जा सकती। अगर एनजीटी इन दो मुद्दों पर मानी तो ऑड-ईवन होगा, वरना नहीं। आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट कर कहा कि दिल्‍ली सरकार महिलाओं की सुरक्षा को दांव पर नहीं लगा सकती है।

इससे पहले स्मॉग और प्रदूषण के मुद्दे पर एनजीटी ने केजरीवाल सरकार को कड़ी फटकार लगाई। 11 नवबंर को जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली सरकार से पूछा कि जब प्रदूषण के कारण पहले से ही हवा खराब हो रही थी, तब क्यों ऑड-इवन लागू नहीं किया गया? साथ ही एनजीटी ने पूछा कि दिल्ली में प्रदूषण जब घट गया है तो इस ऑड-इवन का क्या मतलब? एनजीटी ने यह भी कहा कि जब भी प्रदूषण के मानक PM10 का स्तर 500 और PM2.5 का स्तर 300 के पार हो तो दिल्ली में तत्काल ऑड-इवन लागू होना चाहिए ।

एनजीटी ने रोक के बावजूद जगह-जगह निर्माण कार्य चलने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अक्षरधाम पर एनएचएआई का निर्माण कार्य और एम्स के सामने किदवई नगर में एनबीसीसी का काम चल रहा है। एनजीटी ने पूछा कि कोर्ट का आदेश नहीं मानने पर क्यों नहीं इन्हें जेल भेज दिया जाए? इसके साथ एनजीटी ने कहा कि दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में चल रहे 13 थर्मल प्लांट सल्फेट गैस छोड़ रहे हैं जिससे PM10 और PM2.5 का स्तर बढ़ रहा है, इन्हें अपग्रेड किया जाए।

इस मामले की सुनवाई के दौरान एनजीटी ने केजरीवाल सरकार से वह आदेश दिखाने को भी कहा, जिसमें ऑड इवन लागू करने की बात की गई है। साथ ही यह भी पूछा कि क्या इसके लिए उपराज्यपाल की मंजूरी ली गई?

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