राजस्थानः आसाराम के खिलाफ नाबालिग से रेप मामले में फैसला कल, छावनी में बदला जोधपुर

आसाराम के खिलाफ नाबालिग से दुष्कर्म और एससी-एसटी एक्ट के उल्लंघन के मामले में 25 अप्रैल को कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। फैसला जोधपुर जेल के भीतर ही सुनाया जाएगा।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद आसाराम के खिलाफ दुष्कर्म के मामले में फैसले की घड़ी आ गई है। इस मामले में जोधपुर की अदालत 25 अप्रैल को अपना फैसला सुनाएगी। सुरक्षा की दृष्टी से फैसला जोधपुर जेल परिसर के भीतर ही सुनाया जाएगा। फैसले को लेकर शहर में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की आशंका को देखते हुए जोधपुर में 30 अप्रैल तक धारा 144 लागू कर दी गई है। जोधपुर में किसी भी सार्वजनिक स्थान पर 4 से ज्यादा लोग जमा नहीं हो सकते हैं। पूरे शहर को पुलिस ने छावनी में बदल दिया है। शहर के हर प्रमुख चौक-चौराहे पर पुलिस बल की तैनाती की गई है। इस बीच शाहजहांपुर में रेप पीड़ित के घर के बाहर भी सुरक्षा का इंतजाम किया गया है।

आसाराम केस में फैसला आने से पहले गृह मंत्रालय ने राजस्थान, गुजरात और हरियाणा पुलिस को एडवाइजरी जारी की है। गृह मंत्रालय की एडवाइजरी के बाद दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी और मुख्य प्रवक्ता दीपेंद्र पाठक ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि दिल्ली पुलिस आसाराम पर फैसले के दिन अलर्ट पर रहेगी। उन्होंने बताया कि लोकल इंटेलिजेंस के जरिए आसाराम के आश्रमों और समर्थकों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।

वहीं जोधपुर कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दी है, जिसमें मीडिया ने आसाराम केस के फैसले की कवरेज के लिए जोधपुर सेंट्रल जेल में प्रवेश की मांग की थी।

आसाराम एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म और एससी-एसटी एक्ट के उल्लंघन के आरोप में 31 अगस्त 2013 से जोधपुर की जेल में बंद हैं। इस मामले में अगर वह दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें अधिकतम 10 साल जेल की सजा हो सकती है। 17 अप्रैल को राजस्थान हाई कोर्ट ने आसाराम के खिलाफ दुष्कर्म मामले की सुनवाई कर रही ट्रायल कोर्ट को फैसला सुनाने का इंतजाम जोधपुर जेल के भीतर करने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट ने जेल अधीक्षक को इसके लिए सभी जरूरी व्यवस्था जेल परिसर में ही करने के निर्देश दिए थे। हाई कोर्ट ने कहा था कि आसाराम के अनुयायी जोधपुर शहर में कानून व्यवस्था के लिए चुनौती भी खड़ी कर सकते हैं।

इस बीच, फैसले के बाद किसी भी अप्रिय स्थिति की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन ने पीड़िता और उसके घर के आसपास कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था की है। 5 पुलिसकर्मियों को 24 घंटे पीड़िता के घर पर तैनात किया गया है, जो हर आने-जाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। पुलिस ने बताया है कि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए रिजर्व बल तैयार रखा गया है।

गौरतलब है कि पिछले साल हरियाणा के पंचकूला की अदालत से दुष्कर्म के मामले में गुरमीत रामरहीम सिंह पर फैसला आने के बाद उसके समर्थकों ने जमकर हंगामा किया था। रामरहीम समर्थकों और पुलिस के बीच भारी हिंसामें कई लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। इस दौरान कई पत्रकारों और मीडियाकर्मियों को भी गंभीर चोटें आई थीं। इसी को देखते हुए जोधपुर पुलिस ने एहतेयात के तौर पर अभी से सुरक्षा के बंदोबस्त करने शुरू कर दिए हैं।

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Published: 24 Apr 2018, 3:38 PM