दिल्ली में स्कूलों के कक्षाओं के निर्माण में बड़ा घोटाला! सतर्कता निदेशालय ने की विशेष एजेंसी से जांच की सिफारिश

शिक्षा विभाग और पीडब्ल्यूडी की जांच-पड़ताल के बाद तैयार की गई डीओवी रिपोर्ट प्रथमदृष्टया एक बड़े घोटाले की ओर इशारा करती है। मामले में एक विशेष एजेंसी द्वारा जांच का सुझाव दिया है।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय (डीओवी) ने 193 स्कूलों में 2,405 कक्षाओं के निर्माण में कथित 'अनियमितता और भ्रष्टाचार' के एक मामले में अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंप जांच की सिफारिश की है। शिक्षा विभाग और पीडब्ल्यूडी की जांच-पड़ताल के बाद तैयार की गई डीओवी रिपोर्ट प्रथमदृष्टया एक बड़े घोटाले की ओर इशारा करती है। मामले में एक विशेष एजेंसी द्वारा जांच का सुझाव दिया है।

डीओवी ने इस साल 22 अगस्त को की गई एक शिकायत के बाद मामले में रिपोर्ट प्रस्तुत की है। इसमें केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की 17 फरवरी, 2020 की रिपोर्ट के संबंध में दिल्ली के विभिन्न स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाओं के निर्माण में गंभीर अनियमितताओं को उजागर किया गया है। सीवीसी ने मामले पर टिप्पणी के लिए डीओवी को रिपोर्ट भेजी थी।

सतर्कता विभाग ने शिक्षा विभाग और पीडब्ल्यूडी के संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारियों को तय करने की भी सिफारिश की है, जो लगभग 1,300 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल थे। शुक्रवार को एक सूत्र ने बताया कि इसने पीडब्ल्यूडी और शिक्षा विभाग के जवाबों के साथ अपने निष्कर्षों को सीवीसी को विचार के लिए भेजने की भी सिफारिश की है।


निविदा प्रक्रिया के साथ छेड़छाड़ करने के लिए कई प्रक्रियात्मक खामियों, नियमों के उल्लंघन के अलावा डीओवी ने अपनी रिपोर्ट में विशेष रूप से निजी व्यक्तियों की भूमिका को रेखांकित किया है। मैसर्स बब्बर एंड बब्बर एसोसिएट्स ने अवैध रूप से न केवल 21 जून, 2016 को तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री के कक्ष में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया, बल्कि पोस्ट-टेंडर के लिए मंत्री को भी प्रभावित किया।

रिपोर्ट में सचिव (सतर्कता) ने लिखा है कि गैर संवैधानिक एजेंसियां/व्यक्ति (जैसे मैसर्स बब्बर और बब्बर एसोसिएट्स) प्रशासन चला रहे थे और नियम व शर्तें निर्धारित कर रहे थे। इस तरह के ²ष्टिकोण से प्रशासनिक अराजकता पैदा होगी।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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