बिहार: बेगुसराय के सिमरिया घाट पर मची भगदड़ में 4 की मौत, प्रशासनिक इंतजाम पर उठे सवाल

बिहार में बेगूसराय जिले के सिमरिया घाट पर भगदड़ मचने से चार लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। हादसे की वजह प्रशासन द्वारा सुरक्षा के इंतजाम में लापरवाही बताई जा रही है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर बेगुसराय के चकिया सिमरिया में गंगा नदी के घाट पर स्नान के लिए एकत्र हुए श्रद्धालुओं के बीच अचानक मची भगदड़ ने 4 लोगों की जान ले ली। मरने वालों में 3 बुजुर्ग महिलाएं शामिल हैं। हालांकि प्रशासन ने हादसे में तीन महिलाओं के ही मरने की पुष्टी की है। घटना के बाद सिमरिया घाट पर अफरातफरी का माहौल हो गया और लोग जान बचाकर इधर उधर भागने लगे, जिससे कई लोग चोटिल हो गए।

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हालांकि बेगूसराय के पुलिस अधीक्षक आदित्य कुमार ने भगदड़ की घटना से इनकार किया है। उन्होंने बताया कि अत्यधिक भीड़ होने के कारण अफरा-तफरा का माहौल पैदा हो गया था, जिसमें तीन बुजुर्ग महिलाओं की मौत हो गई। पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि घटना में करीब एक दर्जन लोग घायल हुए हैं, जिन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटनास्थल पर मौजूद बेगुसराय के जिलाधिकारी मो. नौशाद युसूफ ने बताया कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और पूरे क्षेत्र में जवानों को तैनात किया गया है।

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस घटना पर शोक प्रकट करते हुए मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। इसके अलावा कुंभ सेवा समिति ने भी मृतकों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने की बात कही है। स्नान के दौरान हुई इस दुखद घटना से पुलिस-प्रशासन द्वारा किये गए सुरक्षा इंतजाम पर सवाल खड़े हो गए हैं। प्रत्‍यक्षदर्शियों ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा व महाकुंभ की वजह से घाट पर भारी भीड़ थी। इसी दौरान वहां कोई अफावाह फैली, जिसके बाद वहां भगदड़ मच गई। प्रत्‍यक्षदर्शियों ने आरोप लगाया कि हादसे में ज्यादा लोगों की मौत हुई है, जिसे छिपाने के लिए प्रशासन ने दो शव नदी में बहा दिए।

राजद नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी घटना पर गहरा दुख जताया और मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की हैं। उन्होंने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए हादसे की जिम्मेदारी लेने की मांग की है।

कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर बिहार में गंगा घाटों पर लाखों श्रद्घालु स्नान के लिए इकट्ठा होते हैं। चकिया सिमरिया के गंगा तट पर अभी कल्पवास और तुलार्क महाकुंभ होने के कारण लाखों लोग पहले से ही जुटे हुए थे। और कार्तिक पूर्णिमा की वजह से शनिवार को भीड़ और बढ़ गई।

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Published: 04 Nov 2017, 3:12 PM