बिहार: तेजस्वी का CM नीतीश कुमार से सवाल, पूछा-यूट्यूबर की पिटाई करने वाले मंत्री पर कार्रवाई क्यों नहीं?
पटना में सोमवार को एक प्रेस वार्ता में तेजस्वी यादव ने कहा कि "आज प्रधानमंत्री बिहार आ रहे हैं, और मुझे उम्मीद है कि मंत्री जीवेश मिश्रा पर कार्रवाई होगी, जिन्होंने सवाल पूछने पर एक पत्रकार से अभद्र व्यवहार किया।"
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने जाले विधायक और मंत्री जीवेश मिश्रा और उनके समर्थकों पर कथित रूप से एक यूट्यूबर की पिटाई और अभद्र व्यवहार करने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल किया। उन्होंने पूछा कि अब तक इस मामले में कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
पत्रकार से अभद्र व्यवहार पर तेजस्वी ने पीएम और सीएम को घेरा
पटना में सोमवार को एक प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि "आज प्रधानमंत्री बिहार आ रहे हैं, और मुझे उम्मीद है कि मंत्री जीवेश मिश्रा पर कार्रवाई होगी, जिन्होंने सवाल पूछने पर एक पत्रकार से अभद्र व्यवहार किया।"
उन्होंने उम्मीद जताई है कि उन्हें राज्य मंत्रिपरिषद से हटाकर जेल भेजा जाएगा। क्या प्रधानमंत्री सिर्फ वोट के लिए यहां आ रहे हैं? क्या यह 'जंगलराज' नहीं है? अगर यह जंगलराज नहीं है तो क्या है?
उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले की एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई है। मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की जा रही है। वे खुद इस मामले को लेकर दरभंगा के जाले जा रहे हैं। मंत्री पद की एक गरिमा होती है। यूट्यूबर ने सिर्फ सड़क को लेकर एक सवाल पूछा था। इस मामले में कार्रवाई हो। अगर कार्रवाई नहीं की गई तो जनता भी जवाब देगी।
पूर्णिया में जुमलों की बारिश करने आ रहे पीएम
इससे पहले तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री के बिहार आगमन पर निशाना साधा था।
प्रधानमंत्री मोदी के पूर्णिया दौरे पर बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी आज पूर्णिया में जुमलों की बारिश करने से पहले कृपया अपने सभा स्थल से 2 से 3 किलोमीटर के दायरे में अव्यवस्थित जर्जर सड़क, शिक्षक विहीन स्कूल, बदहाल स्वास्थ्य केंद्रों और महिलाओं के साथ-साथ युवाओं की जनसमस्याओं को भी जान लीजिएगा। पूर्णिया के मेडिकल कॉलेज की बदहाल स्थिति आपने देखी ही होगी।
पीएम मोदी की रैली से बिहार पर बढ़ता है आर्थिक बोझ
तेजस्वी यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की एक रैली से बिहार जैसे गरीब राज्य पर 100 करोड़ का भारी-भरकम वित्तीय बोझ पड़ता है। वे बिहार में कई रैलियां कर चुके हैं, लेकिन जितना पैसा इन रैलियों में लगा, उससे बिहार के स्कूलों की चारदीवारी, खेल के मैदान तथा लड़कियों के लिए स्कूल में अलग से शौचालय का निर्माण हो सकता था। स्वास्थ्य केंद्रों में मानव संसाधन और दवाओं का प्रबंध हो सकता था। पूर्णिया के मेडिकल कॉलेज की बदहाल स्थिति में भी बदलाव किया जा सकता था।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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