2019 से पहले बीजेपी ने मुख्यधारा की मीडिया के खिलाफ छेड़ा युद्ध

केंद्रीय पर्यटन मंत्री के अल्फोन्स और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जजू ने शनिवार को पार्टी के “साइबर योद्धाओं” को ‘राष्ट्र विरोधी’ मुख्यधारा की मीडिया से निपटने का निर्देश दिया।

फोटोः बिपिन
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धैर्य माहेश्वरी

2019 के आम चुनावों का बिगुल फूंकते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने शनिवार को पार्टी के ताकतवर आईटी सेल के कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया का व्यापक उपयोग कर मुख्यधारा की मीडिया की "दादागिरी" को समाप्त करने के लिए कहा।

पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू ने पार्टी के आईटी सेल के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मीडिया बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने की दोषी है। आलोचना को अनदेखा करें और इस पर प्रतिक्रिया न दें। आप सभी सोशल मीडिया के उपयोग में अच्छी तरह से निपुण हैं। मीडिया के दादागिरी को समाप्त करने के लिए इसका इस्तेमाल करें।”

बीजेपी के सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में करीब 1,000 कार्यकर्ताओं ने भाग लिया और इसे अब तक का सबसे बड़ा सम्मेलन बताया गया। इस सम्मेलन में केंद्रीय पर्यटन मंत्री के अल्फोन्स, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्षवर्धन और बीजेपी सांसद और पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष मनोज तिवारी के अलावा अन्य कई नेता शामिल हुए।

पीएम मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के करीबी माने जाने वाले श्याम जाजू ने कहा, मीडिया को चीजों में हेरफेर करने की आदत है। वे सच्चाई को नहीं दिखाना चाहते हैं। सभी मीडिया संस्थान एक जैसे हैं। हमारा हथियार सोशल मीडिया है। यह 2019 के लिए मीडिया और हमारे बीच की लड़ाई है।

केंद्रीय पर्यटन मंत्री के अल्फोन्स यह आरोप लगाते हुए एक कदम आगे बढ़ गए कि मोदी सरकार की आलोचना करने वाली मीडिया रिपोर्ट्स को पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई समेत "राष्ट्रविरोधियों" के बीच भारी लोकप्रियता मिल रही थी।

केरल से आने वाले केंद्रीय मंत्री ने कहा, "एक समाचार रिपोर्ट ने हाल ही में खुलासा किया था कि प्रधानमंत्री मोदी और सरकार के बारे में सभी नकारात्मक रिपोर्टों के पीछे आईएसआई थी। जो लोग भी सरकार की आलोचना कर रहे हैं वे सभी राष्ट्रविरोधी ताकतों की मदद कर रहे हैं।"

केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन द्वारा पिछले महीने किये गए सर्वेक्षण की आलोचना की, जिसमें भारत को महिलाओं के लिए दुनिया का सबसे खतरनाक देश बताया गया था। अल्फोन्स ने दावा किया, "मैंने अपना खुद का सर्वेक्षण किया है। मैंने पाया कि 80% विदेशी पर्यटक भारत में सुरक्षित महसूस करते हैं।"

उन्होंने आगे कहा,“लेकिन थॉमसन रॉयटर्स के सर्वेक्षण ने भारत की छवि को गहरा धक्का पहुंचाया है। हमारी सरकार पर हमला करने के लिए उस सर्वेक्षण का उपयोग करने वाले सभी विपक्षी राष्ट्र-विरोधी हैं।

बीजेपी के दिल्ली आईटी सेल के संयोजक प्रत्यूष कांत ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से सोशल मीडिया पर आलोचकों का जवाब देते समय अपनी भाषा का ख्याल रखने की अपील की। 2017 में कांग्रेस छोड़कर आए पूर्व पत्रकार कांत ने कहा कि सरकार के बारे में निष्पक्ष रिपोर्ट करने की जिम्मेदारी के लिए मुख्यधारा की मीडिया पर भरोसा नहीं किया जा सकता है, इसलिए सभी लोगों तक संदेश पहुंचाने की जिम्मेदारी बीजेपी के आईटी सेल की है।

कांत ने कहा, “लेकिन हमें ऐसा करने में सावधान रहना होगा। हम उनके स्तर तक नहीं जा सकते हैं। हम भावनात्मक लोग सच्चाई पर हैं। हमें प्रधानमंत्री की आलोचना का जवाब देते हुए अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए। बेहतर है कि हम ऐसी आलोचनाओं पर बिल्कुल प्रतिक्रिया न दें। लेकिन अगर हमें करना पड़े तो हमें अपनी भाषा का ध्यान रखना चाहिए।”

हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज समेत प्रधानमंत्री मोदी के कुछ सहयोगी बीजेपी के ट्रोल्स के निशाने पर रहे थे, जिन्होंने उनपर मुस्लिम तुष्टीकरण और कट्टर हिंदुत्व की विचारधारा से हटने का का आरोप लगाया।

बीजेपी आईटी सेल के संयोजक की सलाह बीजेपी सांसद मनोज तिवारी को कुछ पसंद नहीं आई, जिन्होंने अपने भाषण के दौरान दिल्ली के मोहल्ला क्लिनिक के अपने दौरे का जिक्र किया।

मनोज तिवारी ने बताया, जब मैं एक मोहाला क्लीनिक में गया तो मुझे एक घोड़ा मिला। एक दूसरे क्लिनिक के अंदर एक गधा था। मैं एक पल के लिए भ्रमित हो गया कि वह गधा कहीं दिल्ली सरकार का कोई मंत्री तो नहीं था।

केंद्रीय विज्ञान मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने भी बैठक में एक लंबा भाषण दिया, जिसमें संक्षेप में बीजेपी कार्यकर्ताओं से मोदी सरकार की उपलब्धियों को उजागर करने और उसके अलावा कुछ नहीं करने के लिए कहा। उन्होंने कहा, "हमने जमीन पर बहुत काम किया है। मीडिया पर भरोसा मत करो। बस हमारे मंत्रालय की वेबसाइटों पर जाएं और वहां से तथ्यों को ट्वीट करें।

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