पिछड़े वर्गों को परेशान कर रही बीजेपी, मतदाता सूची के पुनरीक्षण के दौरान लोगों को परेशान न किया जाए: ममता बनर्जी
बीरभूम जिले के बोलपुर में एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए बनर्जी ने घोषणा की कि ‘‘उत्पीड़न के बढ़ते मामलों के बीच अन्य राज्यों से लौटे उत्पीड़ित बंगाली प्रवासियों’’ की सहायता के लिए एक समर्पित योजना शुरू की जाएगी।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि मतदाता सूची पुनरीक्षण के नाम पर लोगों को परेशान न किया जाए।
बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर न केवल धार्मिक अल्पसंख्यकों, बल्कि गरीबों और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) को भी निशाना बनाने का आरोप लगाया।
बीरभूम जिले के बोलपुर में एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए बनर्जी ने घोषणा की कि ‘‘उत्पीड़न के बढ़ते मामलों के बीच अन्य राज्यों से लौटे उत्पीड़ित बंगाली प्रवासियों’’ की सहायता के लिए एक समर्पित योजना शुरू की जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘योजना में उन्हें सुरक्षित लौटने में मदद करने, राशन और नौकरी का कार्ड जारी करने और उन लोगों को अस्थायी आश्रय प्रदान करने के प्रावधान शामिल होने चाहिए, जिनके पास रहने के लिए कोई जगह नहीं है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न राज्यों में बांग्ला भाषी प्रवासियों का कथित ‘‘उत्पीड़न’’ एक ‘‘सोचा-समझा’’ और ‘‘राजनीति से प्रेरित’’ कृत्य है।
ममता ने कहा, ‘‘केवल धार्मिक अल्पसंख्यक ही नहीं, गरीबों और ओबीसी को भी वे (बीजेपी) निशाना बना रहे हैं। हमें सभी उत्पीड़ित बंगाली प्रवासियों के साथ खड़ा होना चाहिए।’’
उन्होंने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को स्थानीय नागरिक और सुरक्षा मुद्दों को हल करने के उद्देश्य से ‘अमार पारा, अमार समाधान’ (हमारा पड़ोस, हमारा समाधान) योजना को लागू करने में सक्रिय भूमिका निभाने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री की टिप्पणी गुजरात, हरियाणा, राजस्थान, ओडिशा, तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में बंगाली प्रवासियों के कथित उत्पीड़न की खबरों के बाद राज्य में राजनीतिक रूप से तनावपूर्ण माहौल के बीच आई है।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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