नौकरियां जाने की मार बीजेपी नेता के घर पहुंची, इकलौते बेटे ने पंखे से लटक कर जान दी
आशीष के पिता ने बताया कि उनका बेटा कहता था कि नौकरी जाने डर से उसके मन में आत्महत्या करने के ख्याल आते हैं। इस पर पिता विश्वजीत ने कई बार उसे समझाने की कोशिश भी की। आशीष के मन में ये डर ऐसा बैठा कि उसने अपने कमरे में फांसी के फंदे पर लटक कर जान दे दी।
![फोटो: सोशल मीडिया](https://media.assettype.com/navjivanindia%2F2019-08%2F091c6822-4894-4d72-b285-a2f4d1e0f3d7%2F2961578f-5c53-4c8f-902d-2decb01bfc1a.jpg?rect=0%2C28%2C650%2C366&auto=format%2Ccompress&fmt=webp)
आर्थिक मंदी की वजह से देश की अर्थव्यवस्था पर मंडराता हुआ संकट लगातार बढ़ता जारहा है। ऑटो सेक्टर का तो हाल सबसे खराब है। लाखों कर्मचारियों की मंदी की वजह से नौकरियां जा चुकी हैं और कितने ही इस डर को लेकर जी रहे है। झारखंड के जमशेदपुर में इसी डर का एक ताजा मामला सामने आया है, जहां भारतीय जनता पार्टी के एक नेता के बेटे ने नौकरी जाने के डर से अपने ही घर में फंसी के फंदे पर लटक कर जान दे दी।
दरअसल जमशेदपुर के बारीडीह में बीजेपी के एक स्थानीय नेता कुमार विश्वजीत का 25 वर्षीय बेटा आशीष कुमार खड़ंगाझार की एक कंपनी में काम करता था। यह कंपनी टाटा मोटर्स के लिए पार्ट्स बनाकर सप्लाई करती है। आशीष के पिता के मुताबिक टाटा मोटर्स में प्रोडक्शन काफी समय से रुका हुआ था, जिसका सीधा असर आशीष की कंपनी पर पड़ रहा था। इस वजह से आशीष काफी समय से डरा सहमा रहता था।
आशीष के पिता ने बताया कि उनका बेटा उनसे कहता था कि नौकरी चली जाने डर से उसके मन में आत्महत्या करने के ख्याल आते हैं। इस पर पिता विश्वजीत ने कई बार उसे समझाने की कोशिश भी की। लेकिन नौकरी जाने का डर आशीष के दिल में ऐसा बैठा कि शुक्रवार रात को उसने अपने कमरे में फांसी के फंदे पर लटक कर अपनी जान दे दी।
हालांकि आशीष के घर से पुलिस को किसी भी तरह का कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। आशीष के पिता का कहना है कि रोज़-रोज़ नौकरी जाने के डर से तंग आकर उनके बेटे ने मौत को गले लगाना आसान समझा।
आशीष के बचपन के एक दोस्त ने मीडिया को बताया कि आशीष एक आशावादी लड़का था। उसे देख कर कभी नहीं लगा कि वह आत्महत्या जैसा कायरतापूर्ण कार्य कर सकता है। अशीष के दोस्त ने बताया कि जब भी वे लोग मिलते थे तो वह हमेशा काम की ही बातें करता था।
बता दें कि जमशेदपुर की कई छोटी छोटी कंपनियां टाटा मोटर्स के लिए काम कारती हैं। लेकिन आर्थिक मंदी की वजह से टाटा मोटर्स में इन दिनों जबरदस्त ब्लॉक क्लोजर चल रहा है यानि कंपनी में प्रोडक्शन रुका हुआ है, जिसकी वजह से इन कंपनियों से हजारों कर्मचारियों को निकाला जा चुका है और कितने ही लोगों को अल्टीमेटम दिया गया है।
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