BSNL को बंद करने के सरकारी तर्क को कर्मचारियों ने किया खारिज, पीएम को पत्र में कहा- Jio से भी बड़ा हमारा नेटवर्क

बीएसएनएल कर्मचारियों ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि सरकार साथ दे तो बीएसएनएल किसी भी निजी कंपनी से प्रतिस्पर्धा कर सकती है, क्योंकि सरकारी कंपनी के पास रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के मुकाबले देश में सबसे बड़ा ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

जबरन रिटायरमेंट का खतरा झेल रहे सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी बीएसएनएल के कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर बगैर किसी देरी के कंपनी पर छाए संकट को खत्म करने का आग्रह किया है। बीएसएनएल कर्मचारियों के संगठन के महासचिव के सेबेस्टियन ने कर्मचारियों की ओर से पीएम को लिखे पत्र में सार्वजनिक कंपनी को बंद करने के सरकार के तर्क को गलत बताया है। कर्मचारियों ने कहा है कि अगर सरकार का समर्थन मिले तो वे किसी भी निजी दूरसंचार कंपनियों से स्पर्धा करने में सक्षण हैं।

कर्मचारियों ने अपने पत्र में कहा कि उन्हें भरोसा है कि बीएसएनएल को संकट से बाहर लाया जा सकता है और तीन-चार साल में फिर से खड़ा कर लाभ कमाने वाली कंपनी बनाया जा सकता है। कर्मचारियों ने कहा कि अगर सरकार साथ दे तो बीएसएनएल किसी भी निजी कंपनी से प्रतिस्पर्धा कर सकती है। क्योंकि बीएसएनएल के पास सबसे बड़ा ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क है। कर्मचारियों के अनुसार रिलायंस जियो के (325,000), एयरटेल (250,000) और वोडाफोन आइडिया (160,000) के मुकाबले बीएसएनएल का ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क 750,000 रूट किलोमीटर से अधिक फैला हुआ है।

इतना ही नहीं कर्मचारियों का कहना है कि बीएसएनएल के पास पूरे देश में सभी प्रमुख स्थानों पर अचल संपत्तियां हैं, जिनकी कीमत 3 ट्रिलियन रुपये से भी ज्यादा है। कर्मचारियों ने अपनी कार्यकुशलता का जिक्र करते हुए हाल में जम्मू-कश्मीर में प्रतिबंधों के दौरान बीएसएनएल के शानदार प्रदर्शन का उदाहरण देते हुए कहा कि सरकारी कंपनी ने प्राकृतिक आपदाओं और आपातकालीन स्थितियों के दौरान हमेशा शानदार प्रदर्शन करते हुए अपनी सेवा दी है।

इस बीच खबर है कि बीएसएनएल कर्मचारियों को अब तक सिंतबर की सैलरी नहीं मिली है। इससे कर्मचारियों ने खासी नाराजगी है और उनका कहना है कि अगर एक दो दिनों में उनकी सैलरी नहीं आई तो वह अपनी मांगों के समर्थन में विरोध-प्रदर्शन करेंगे। बीएसएनएल कर्मचारियों के संगठन के महासचिव पी अभिमन्यु ने बताया कि पहले उन्हें कहा गया था कि सितंबर के पहले सप्ताह में उनकी सैलरी आ जाएगी, लेकिन अक्टूबर के 10 दिन बीत जाने के बाद कहा जा रहा है कि अब उनका वेतन तीसरे सप्ताह में दिवाली से पहले ही आ पाएगा। उन्होंने बताया कि यह लगातार तीसरा महिना है, जब उनकी सैलरी में देरी हुई है।


मीडिया में बीएसएनएल की बंदी की चल रही खबरों कौ खारिज करते हुए कर्मचारियों ने कहा कि उनका मानना है कि ऐसी फर्जी खबरें बीएसएनएल और एमटीएनएल को बदनाम करने और इसके उपभोक्ताओं पर कब्जा जमाने की फिराक में लगे निजी कारोबारी घरानों की तरफ से फैलाई जा रही है। पी अभिमन्यु ने बताया कि वर्तमान समय में जब ज्यादातर दूरसंचार कंपनियों के उपभोक्ता कम हो रहे हैं, वैसे में बीएसएनएल कर्मचारियों ने अकेले सितंबर में 13.5 लाख नये उपभोक्ताओं को कंपनी से जोड़ा है।

बीएसएनएल कर्मचारी नेता ने आरोप लगाया कि बीएसएनएल को बंद करने का फैसला कोई नहीं ले सकता, लेकिन वित्त मंत्रालय में बैठे कुछ नौकरशाह सरकारी कंपनी को बंद करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि आज कंपनी सरकार के फैसलों की वजह से ही इस हालत में है। कर्मचारी नेता अभिमन्यु ने कहा, “चूंकि यह सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी है, इसलिए हम मांग करते हैं कि सरकार हमें 4जी स्पेक्ट्रम आवंटित करे। इसकी लागत 16,000 करोड़ रुपये होगी और उसके बदले में सरकार को प्रदत्त पूंजी में इजाफा करा चाहिए।” बढ़ाना चाहिए।” कर्मचारियों और यूनियन नेताओं ने सरकार और बीएसएनएल के सीएमडी पीके पुरवार से इस खबर की निंदा करने को कहा है।

(ऐश्लिन मैथ्यू के इनपुट के साथ)

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Published: 10 Oct 2019, 6:00 PM