छत्तीसगढ़: आर्थिक अपराध ब्यूरो ने निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता पर कसा शिकंजा, जल्द हो सकती है गिरफ्तारी

आर्थिक अपराध ब्यूरो में दर्ज़ शिकायत के मुताबिक मुकेश गुप्ता ने नेत्र सर्जन मिकी मेहता की मृत्यु के बाद उनके नाम पर मिकी मेमोरियल ट्रस्ट बनाया और फिर उस ट्रस्ट के खाते में देश-विदेश से भारी मात्रा में अनुदान ग्रहण किया।

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

भ्रष्टाचार, अनियमितता, सरकारी पद के दुरुपयोग और जासूसी कराने समेत के कई गंभीर आरोपों का सामना कर रहे छत्तीसगढ़ के निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता के खिलाफ आर्थिक अपराध ब्यूरो में मामला दर्ज किया गया है। जानकारी के मुताबिक मुकेश गुप्ता के खिलाफ मंगलवार को आर्थिक अपराध ब्यूरो में भारतीय दंड संहिता की धारा –420, 406,120 (बी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि इस मामले में मुकेश गुप्ता की जल्द गिरफ़्तारी हो सकती है।

आर्थिक अपराध ब्यूरो में दर्ज़ शिकायत के मुताबिक मुकेश गुप्ता ने नेत्र सर्जन मिकी मेहता की मृत्यु के बाद उनके नाम पर मिकी मेमोरियल ट्रस्ट बनाया और फिर उस ट्रस्ट के खाते में देश-विदेश से भारी मात्रा में अनुदान ग्रहण किया। आरोप है कि ट्रस्ट के पैसे से मुकेश गुप्ता ने रायपुर में एमजीएम आई हॉस्पिटल का निर्माण काराया। हॉस्पिटल के निर्माण के दौरान न केवल भवन निर्माण संबंधी नियमों का उल्लंघन किया गया बल्कि निगम के सामने गलत शपथ पत्र और दस्तावेज़ भी प्रस्तुत किए गए।


मुकेश गुप्ता ने हॉस्पिटल को बंधक रखकर एसबीआई बैंक की बैरनपुर शाखा से तीन करोड़ का टर्म लोन और दस लाख का कैश क्रेडिट लोन हासिल किया। लोन न चुका पाने के बाद जब एनपीए घोषित हो गया तो गुप्ता ने मोतियाबिंद के ऑपरेशन और इलाज का प्रशिक्षण देने के नाम पर 3 करोड़ का अनुदान सरकार से हासिल किया। हैरानी की बात तो ये है कि एमजीआईएम हॉस्पिटल जो कि एक निजी अस्पताल था, यह रकम उसे सरकारी योजना के तहत प्रदान की गई। हालांकि दस्तावेजों से पता चलता है कि बाद में इस रकम का इस्तेमाल बैंक का कर्ज उतारने के लिए किया गया।

बताया जा रहा है कि अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए गुप्ता ने बैंक के अधिकारियों को विशेष प्रावधान के तहत सेटलमेंट के लिए बाध्य किया। नजीजन सरकारी बैंक को 24 लाख का घाटा हुआ। गुप्ता के खिलाफ़ कई लोगों की शिकायतों के आधार पर विभिन्न मामले दर्ज किए गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के नज़दीकी माने जाने वाले गुप्ता पर फोन टैपिंग के आरोप भी लग चुके हैं। रमन सिंह सरकार के दौरान गुप्ता एंटी करप्शन ब्यूरो और इंटलिजेंस विभाग में कई अहम पदों पर काम कर चुके हैं। गौरतलब है कि पिछले साल छत्तीसगढ़ पीडीएस घोटाले में भी गुप्ता का नाम आ चुका है। गुप्ता के साथ-साथ आईपीएस रंजेश सिंह के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था। कांग्रेस के कुछ नेताओं ने एक पुलिस अधिकारी की आत्महत्या के मामले में भी, गुप्ता के खिलाफ़, जांच कराने की मांग की थी।

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Published: 06 May 2020, 2:42 PM