आखिर क्यों कुछ नहीं कर रही मोदी सरकार मुकदमेबाजी में फंसे सवा लाख करोड़ पाने के लिए, कैग रिपोर्ट से खुलासा

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के अनुसार अदालतों और न्यायाधिकरणों में लंबित अपीलों की वजह से केंद्र सरकार 1.2 लाख करोड़ रुपये की राजस्व वसूली करने में नाकाम रही है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया
user

नवजीवन डेस्क

न्यायपालिका के विभिन्न स्तरों और अन्य अभियोजन प्राधिकरणों में लंबित अपीलों की वजह से केंद्र सरकार 1.2 लाख करोड़ रुपये की संभावित राजस्व वसूली में नाकाम रही है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की ओर से जारी रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। रिपोर्ट में कहा गया है, “अपील लंबित रहने के कारण भारी मात्रा में राजस्व की वसूली नहीं हो पाई। 1,22,008 करोड़ रुपये के राजस्व की वसूली विभिन्न अदालतों में अपील की वजह से अटकी हुई है। वित्त वर्ष 2017 में यह रकम वित्त वर्ष 2016 के अंत तक फंसी रकम से 26 फीसदी ज्यादा है।”

कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2015-16 में कुल 45,500 याचिकाओं में 96,823 करोड़ रुपये की रकम फंसी थी, जो वित्त वर्ष 2016-17 में बढ़कर 50,849 याचिकाओं में 1,22,008 करोड़ रुपये की रकम हो गई। इनमें से 8,147 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में, 12,450 याचिकाएं उच्च न्यायालयों में, निपटान आयोग में 189, अपील सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय ट्रिब्यूनल (सीईएसटीएटी) में 94,327 याचिकाएं लंबित हैं।

कैग की रिपोर्ट में कहा गया है, “जब तक यह अपील लंबित हैं, तब तक राजस्व की वसूली के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा सकता। अगर इन लंबित याचिकाओं का जल्द निपटारा होता है तो सरकार को 1,22,008 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होने की संभावना है।” रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी विभागों की अपील के मामलों में सफलता की दर वित्त वर्ष 2016 में 25.53 फीसदी थी, जो वित्त वर्ष 2017 में घटकर 20.61 फीसदी रह गई है।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia


Published: 20 Dec 2017, 5:01 PM