मोदी सरकार को नहीं पता कि महंगाई को कंट्रोल कैसे करें, केंद्रीय मंत्री पासवान को प्याज की चिंता !
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार के स्टॉक में आयातित प्याज सड़ रहा है और राज्यों ने प्याज लेने से मना कर दिया है।
![फोटो: सोशल मीडिया](https://media.assettype.com/navjivanindia%2F2020-01%2F43604af9-7970-4278-85ae-e7e281b88e2b%2FRamvilas_Paswan_1.jpg?rect=0%2C44%2C1200%2C675&auto=format%2Ccompress&fmt=webp)
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार के स्टॉक में आयातित प्याज सड़ रहा है और राज्यों ने प्याज लेने से मना कर दिया है। केंद्रीय मंत्री पासवान के इस बयान से तो यही लगता है कि मोदी सरकार को ये नहीं पता की देश की जरूरत क्या है? उन्हें ये नहीं पता कि देश में दाल कितनी चाहिए या प्याज की कितनी मांग है। वरना कुछ दिन पहले तक 150 रुपए किलो बिक रहा प्याज केंद्र सरकार के गोदामों में सड़ नहीं रहा होता। हालांकि अब भी लोग 60 से 80 रुपए किलो प्याज खरीदने को मजबूर हैं। दरअसल पिछले दिनों प्याज की कीमतें 150 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई थी। जिसके बाद केंद्र सरकार ने प्याज आयात करने का फैसला किया। पासवान ने दिल्ली में एक प्रेसवार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने अब तक 18,000 टन प्याज का आयात किया है, जिसमें से सिर्फ 2,000 टन राज्यों ने खरीदा है, बाकी प्याज पड़ा हुआ है।
ऐसे में यह सवाल उठता है कि व्यापारियों और राज्यों से बात किए बिना इतनी मात्रा में और इस किस्म की प्याज को आयात क्यों किया गया जिसे खरीदने को तैयार ही नहीं है। वैसे पिछले कुछ दिनों से देश के बाजारों में प्याज की घरेलू आवक बढ़ने के कारण कीमतों में गिरावट आई है, जिसके बाद आयातित प्याज की मांग कमजोर पड़ गई। कारोबारियों ने बताया कि विदेशी प्याज का जायका देसी प्याज जैसा नहीं है, इसलिए उपभोक्ता विदेशी प्याज खरीदना नहीं चाहते हैं।
जैसा कि आप जानते हैं मानसून के आखिरी दौर में देश में हुई भारी बारिश से प्याज की फसल खराब होने के कारण पिछले साल के आखिरी तीन महीनों में प्याज के दाम में बेहद इजाफा हो गया, जिसके बाद केंद्र सरकार ने करीब एक लाख टन प्याज का आयात करने का फैसला लिया ताकि उपलब्धता बढ़ाकर कीमतों को काबू किया जा सके।
सरकार के आदेश पर विदेश व्यापार करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी एमएमटीसी ने करीब 40,000 टन प्याज का आयात करने के सौदे किए, लेकिन विदेशों से प्याज आने पर कीमतों में नरमी आ गई है, जिसके कारण राज्यों ने आयातित प्याज खरीदने से हाथ खड़े कर दिए हैं। हालांकि प्याज की कीमतें अब भी 50 के पार ही है। लेकिन फिर भी व्यापारी और राज्य प्याज खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्रालय में सचिव अविनाश श्रीवास्तव ने आईएएनएस द्वारा मांगी गई जानकारी देते हुए बताया कि अब तक आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल ने केंद्र सरकार से प्याज खरीदा है।
श्रीवास्तव ने बताया कि अब तक 18,000 टन प्याज विदेशों से आ चुका है और 4,000 टन अगले 16 जनवरी तक आएगा। इसके बाद 25 जनवरी तक 9,000 टन और 30 जनवरी तक 4,000-5,000 टन प्याज विदेश से आने की संभावना है।
सरकारी डेटा के मुताबिक, खुदरा में प्याज का औसत मूल्य 50 रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास है। हालांकि लोकल वेंडर अभी भी इसे 70-80 रुपये प्रति किलोग्राम बेच रहे हैं। प्याज की कीमत में उम्मीद के मुताबिक कमी नहीं आने को लेकर पासवान ने कहा कि अगर राज्य सरकारें प्याज नहीं खरीदेंगी तो कीमत पर लगाम कैसे लग पाएगा। केंद्र सरकार की पूरी कोशिश है कि कीमत जल्द से जल्द काबू में आए।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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Published: 15 Jan 2020, 2:30 PM