छत्तीसगढ़: बहुसंख्यक आदिवासी समाज का विकास जरूरी

प्रदेश में बहुसंख्यक आदिवासी समाज का विकास बहुत जरूरी है। इसके लिए उनके बीच शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन आदि की अच्छी व्यवस्था करनी होगी। कथित खाद्य सुरक्षा के बावजूद होने वाले पलायन को भी रोकना होगा।

फोटो: सोशल मीडिया
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प्रमोद अग्रवाल

राज्य की दो ऐसी समस्याएं जिन पर नई सरकार को त्वरित कार्रवाई करनी होगी। इनमें से किसानों की समस्याएं तो ऐसी है जो उसके पड़ोसी मध्य प्रदेश के साथ राजस्थान में भी है। दूसरी समस्या नक्सलवाद नियंत्रण है।

इन विधानसभा चुनावों में यहां भी किसानों का मुद्दा प्रमुख रहा है। इसकी वजह भी है। उपजाऊ भूमि, पर्याप्त जल और बेहतर श्रम के बावजूद यहां किसान लाभ नहीं कमा पा रहे हैं। इसका मुख्य कारण बाजार की अनुपलब्धता, संधारण क्षमता का अभाव और भ्रष्ट तंत्र है। धान की मुख्य खेती में उच्च किस्मों के उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ किसानों को यह विश्वास दिलाना होगा कि किसी कारण से उन्हें नुकसान होता है तो सरकार उनके साथ होगी। किसानों को उनकी उपज का सही और वास्तविक मूल्य मिल सके, इसकी भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था करनी होगी।

राज्य का लगभग पूरा अनुसूचित जनजाति क्षेत्र नक्सल समस्या से जूझ रहा है। अरबों रुपये हर साल खर्च किए जाते हैं, अब तक हजारों जवानों और आम लोगों की शहादत हो चुकी है, फिर भी इस समस्या का निदान नहीं हो रहा है। बातें तो बहुत होती रहती हैं। इस समस्या के निदान के लिए बहुआयामी योजनाएं बनानी होंगी।

यह भी जरूरी है कि बहुसंख्यक आदिवासी समाज का विकास हो। इसके लिए उनके बीच शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन आदि की अच्छी व्यवस्था करनी होगी। कथित खाद्य सुरक्षा के बावजूद होने वाले पलायन को भी रोकना होगा।

राज्य के पास प्रचुर मात्रा में धन, जल और खनिज संपदाएं हैं, लेकिन उनका लाभ भी बड़े लोग ही लेते दिखते हैं। इनका उपयोग योग्य बेरोजगार युवाओं को सामने लाकर करना होगा।

यहां युवाओं के विकास को प्राथमिकता में रखना जरूरी है। राज्य शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ तो रहा है, लेकिन इसके प्रति विश्वास बढ़ाने के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है। यह बात सुनिश्चित करनी होगी कि यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को रोजगार के अवसर अधिक मिलें। निजी क्षेत्र जिस तरह से कैंपस सेलेक्शन करते हैं, उसी तरह के प्रयास शासन स्तर पर भी करने होंगे। कृषि से जुड़ी शिक्षा को बढ़ावा देकर युवाओं को कृषि उन्मुख बना कर भी रोजगार की संभावनाएं ढूंढ़ी जा सकती है।

एक अच्छी बात यह है कि यहां किसी तरह का सांप्रदायिक तनाव नहीं रहा। बीजेपी ने धर्मांतरण को मुद्दा बनाने की पुरजोर कोशिश की। लेकिन यह जहर नहीं घोला जा सका। लेकिन कुछ समस्याओं को दूर करना आवश्यक है। इनमें महिलाओं की तस्करी, घरेलू श्रम करने वाली महिलाओं के दैहिक शोषण, तेजी से बढ़ रहे साईबर अपराध, धोखाधड़ी, खनिज और वन की उपज की तस्करी आदि शामिल हैं। इन पर प्रभावी रोक लगानी होगी।

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