समर्थकों के नारों के बीच 106 दिन बाद जेल से रिहा हुए चिदंबरम, बोले- इतने दिन में नहीं साबित हुआ एक भी आरोप

आईएनएक्स मीडिया केस में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद बुधवार शाम को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम तिहाड़ जेल से रिहा हो गए। समर्थकों के भारी हुजूम के बीच बेटे कार्ति चिदंबरम ने तिहाड़ के बाहर उनका स्वागत किया। चिदंबरम 106 दिन बाद जेल से बाहर आए हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम आईएनएक्स मीडिया केस में 106 दिनों के बाद बुधवार की शाम को तिहाड़ जेल से रिहा होकर बाहर आ गए हैं। बुधवार शाम को उनके बेटे कार्ति चिदंबरम उन्हें लेने तिहाड़ जेल के बाहर पहुंचे, जहां बड़ी संख्या में मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने जेल से बाहर आते ही उनका नारों के साथ स्वागत किया। चिदंबरम के स्वागत के लिए एकत्र हुई भारी भीड़ को देखते हुए जेल के बाहर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी।

तिहाड़ से निकलते ही चिदंबरम सबसे पहले कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने उनके आवास पहुंचे। इस दौरान उनके साथ उनके बेटे कार्ति चिदंबरम भी मौजूद रहे। दोनों नेताओं के बीच चली छोटी मुलाकात के बाद बाहर निकले चिदंबरम ने कहा कि वह कल एक प्रेस कांफ्रेंस करेंगे, जहां सभी सवालों के जवाब देंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि वह खुश हैं कि वह 106 दिनों के बाद बाहर आ सके हैं और आजादी की हवा में सांस ले रहे हैं। चिदंबरम कल से संसद की कार्यवाही में भाग ले सकते हैं।


इससे पहले समर्थकों के भारी हुजूम और नारों के बीच तिहाड़ जेल से बाहर आते ही चिंदबरम ने सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि उनके 106 दिन जेल में रहने के बाद भी उनके खिलाफ लगाए गए एक भी मामले में आरोप तय नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि वह केस के बारे में कोई बात नहीं करेंगे, क्योंकि मामला कोर्ट में विचाराधीन है। बता दें कि चिदंबरम को आज ईडी से जुड़े मामले में जमानत मिली है। इससे पहले उन्हें सीबीआई से जुड़े केस में जमानत मिल चुकी है।

इससे पहले आज दिन में ही सुप्रीम कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया केस में उन्हें दो लाख रुपये के निजी मुचलके और बिना इजाजत विदेश न जाने की शर्त पर जमानत दी थी। न्यायमूर्ति आर. भानुमती की अध्यक्षता वाली पीठ ने कांग्रेस नेता को आईएनएक्स मीडिया के बारे में कोई सार्वजनिक बयान भी नहीं देने का निर्देश दिया। इसके साथ ही उन्हें गवाहों को डराने का प्रयास नहीं करने की नसीहत भी दी गई है। साथ ही उन्हें इस मामले में पूछताछ के लिए उपलब्ध रहने के लिए भी कहा गया है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि चिदंबरम को जमानत देने का मामले के अन्य आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

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