कांग्रेस ने राज्यसभा सांसदों को जारी किया व्हिप, काले कपड़ों में नजर आएंगे विपक्ष के सभी सांसद

संसद में गुरुवार को विपक्ष के सभी सांसद काले कपड़ों में नजर आएंगे। विपक्षी सांसदों ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर अपना विरोध जताने के लिए यह निर्णय लिया है। यह फैसला गुरुवार को विपक्षी पार्टियों की बैठक में लिया गया।

फाइल फोटो
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नवजीवन डेस्क

संसद में गुरुवार को विपक्ष के सभी सांसद काले कपड़ों में नजर आएंगे। विपक्षी सांसदों ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर अपना विरोध जताने के लिए यह निर्णय लिया है। यह फैसला गुरुवार को विपक्षी पार्टियों की बैठक में लिया गया।

इसी बीच बुधवार शाम राज्यसभा में कांग्रेस के सांसद और मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने पार्टी के सभी सांसदों को संसद में उपस्थित रहने के लिए तीन लाइनों का व्हिप जारी किया है। व्हिप में कांग्रेस पार्टी के सभी राज्यसभा सांसदों से कहा गया है कि गुरुवार 27 जुलाई 2023 को राज्यसभा में बेहद अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी के सभी सदस्यों से विनम्र अनुरोध है पूर्वाह्न 11 बजे से सदन में उपस्थित रहें।

कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी ने भी अपने राज्यसभा सांसदों को 27 और 28 जुलाई को सदन में रहने के लिए व्हिप जारी किया है। बुधवार शाम पार्टी ने अपने राज्यसभा सांसदों को व्हिप जारी करते हुए कहा कि स्थगन तक गुरुवार, 27 जुलाई को सदन में रहें और पार्टी के रुख का समर्थन करें।


दरअसल, केंद्र सरकार दिल्ली से संबंधित अपने अध्यादेश के स्थान पर राज्यसभा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक लाने की तैयारी में है। यह विधेयक अधिकारियों की नियुक्ति और स्थानांतरण के लिए एक प्राधिकार गठित करने का प्रावधान करता है। सरकार राज्यसभा में यह विधेयक लाएगी। सरकार की इस तैयारी के बीच कांग्रेस ने अपने राज्यसभा सदस्यों को व्हिप जारी कर गुरुवार को सदन में उपस्थित रहने को कहा है।

केंद्र सरकार संसद के मौजूदा मानसून सत्र में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक पेश करेगी। हालांकि, इंडिया गठबंधन के सांसदों ने इसका कड़ा विरोध किया है। इसका विरोध करते हुए 'आप' के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को पत्र लिखा है।


दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार का मामला सुप्रीम सुप्रीम कोर्ट में था। 11 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ ने माना कि दिल्ली सरकार में सेवारत सिविल सेवक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद के प्रति जवाबदेह हैं। सांसद राघव चड्ढा के मुताबिक इस आदेश के कुछ दिन बाद केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश ने दिल्ली सरकार से नियंत्रण लेकर इसे एलजी को सौंप दिया। इस अध्यादेश को अब विधेयक के रुप में लोकसभा और राज्यसभा की मंजूरी दिलाई जानी है।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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