मध्य प्रदेश में छोटे शहरों और कस्बों तक पहुंचा कोरोना, राज्य के 75 फीसदी हिस्से पर वायरस की दस्तक

मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या और मौत के आंकड़े के साथ दायरा भी बढ़ता जा रहा है। राज्य में अब तो कोरोना बड़े शहरों से छोटे शहरों और कस्बों तक पहुंच चुका है और उसने राज्य के 75 फीसदी हिस्से तक अपनी पहुंच बना ली है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया
user

संदीप पौराणिक, IANS

मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या और मौत के आंकड़े के साथ दायरा भी बढ़ता जा रहा है। राज्य में अब तो कोरोना बड़े शहरों से छोटे शहरों और कस्बों तक पहुंच चुका है और उसने राज्य के 75 फीसदी हिस्से तक अपनी पहुंच बना ली है। राज्य सरकार एक्टिव मरीजों की संख्या में आई कमी को लेकर कुछ राहत महसूस कर रही है।

राज्य के 52 में से 39 जिलों में कोरोना के मरीज मिल चुके है। मरीजों का आंकड़ा 3457 हो गया है वहीं मरने वालों का की संख्या 211 पर पहुंच गई है। यहां का मालवा और निमाड़ वह इलाका है, जहां लगातार मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा हैं। इसके अलावा भेापाल और जबलपुर में भी मरीज अन्य स्थानों की तुलना में ज्यादा है। इंदौर में सबसे ज्यादा मरीज है और संख्या 1780 हो गई है। वहीं भोपाल में 704 मरीज है।

वहीं जबलपुर, उज्जैन, मुरैना, खरगोन, बड़वानी, छिंदवाड़ा, विदिशा, होशंगाबाद, खंडवा, देवास , रतलाम , धार , रायसेन , मंदसौर ,आगर मालवा , बुरहानपुर, शाजापुर, सागर ,ग्वालियर, नीमच, श्योपुर , अलिराजपुर, हरदा, अनूपपुर, शिवपुरी, टीकमगढ, शहडोल , रीवा ,सतना, अशोकनगर, बैतूल, डिंडोरी, पन्ना, भिंड, झाबुआ,सीहोर और गुना में भी कोरोना मरीज मिले हैं।

इस तरह राज्य के 52 में से 39 जिलों में कोरोना के मरीज मिल चुके है। सिर्फ 13 जिले ही ऐसे बचे है जहां अब तक कोरोना का एक भी मरीज नहीं पाया गया है। जिन जिलों में कोरोना मरीज मिले हैं, उनमें आठ जिलों में एक-एक मरीज है। कुल मिलाकर 20 जिले ऐसे हैं जहां मरीजों की संख्या 10 से कम है। वहीं मरने वाले मरीजों में इंदौर, भोपाल और उज्जैन सबसे आगे चल रहे है। अब तक राज्य में कुल 211 मरीजों की मौत हो चुकी है। राज्य सरकार इस बात को लेकर राहत महसूस कर रही है कि एक्टिव मरीजों की संख्या में कमी आई है।


मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "प्रदेश में कोरोना के पॉजिटिव प्रकरणों की तुलना में कोरोना के एक्टिव केसेस में निरंतर कमी आ रही है, जो कि बहुत अच्छा संकेत है। हम कोरोना पर पूर्ण नियंत्रण करने की दिशा में तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं।"

उन्होंने पॉजिटिव और एक्टिव प्रकरणों का जिक्र करते हुए कहा "प्रदेश में गत 16 अप्रैल को कोरोना पजिटिव केसेस की तुलना में कोरोना के एक्टिव केसेस का प्रतिशत 90 था, जो नौ मई को घटकर 51 रह गया है। इसी प्रकार 30 अप्रैल को मध्यप्रदेश में कोरोना के एक्टिव प्रकरणों की संख्या 2050 थी, जो नौ मई को घटकर 1767 रह गई है।"

पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ राज्य की वर्तमान स्थिति को लेकर चिंता जता रहे है। उनका कहना है, "डेढ़ माह बाद भी प्रदेश में सुरक्षा के संसाधन , टेस्टिंग किट का अभाव। कोरोना वारियर्स रोज हो रहे है संक्रमित। आज भी टेस्टिंग की रिपोर्ट 10 से 15 दिन में। सैम्पलो की पेंडेंसी में रोज बढ़ोतरी। जिससे संक्रमण और मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है।"

उन्होंने आगे कहा, "डेढ माह में ही बीजेपी सरकार ने प्रदेश की तस्वीर बदल कर रख दी है, प्रदेश में कोरोना संक्रमितो का आंकड़ा 3400 पार , मृत्यु का आंकड़ा 200 पार। प्रदेश देश भर में चर्चित। प्रदेश के भोपाल - इंदौर की स्थिति बेहद गंभीर और चिंताजनक।"

साथ ही शराब दुकानों के शुरू होने पर तंज कसते हुए कहा, "ये है इनकी कथनी और करनी ? प्रदेश में भले कोरोना का कहर बढ़ जाये लेकिन शराब की कमाई आवश्यक है। पता नहीं प्रदेश को कहा ले जायेंगे ?"

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia


Published: 10 May 2020, 5:00 PM